टिहरीः उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष (Wildlife Human Conflict in Uttarakhand) लगातार बढ़ता जा रहा है. खाली होते गांव और खेती छोड़कर लोगों का शहरों की ओर पलायन के लिए वन्यजीव और मानव के बीच संघर्ष भी एक कारण है. टिहरी जिले की बात की जा जाए तो टिहरी में बीते दो सालों में 20 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. इनमें से अकेले टिहरी वन प्रभाग में 12 घटनाएं शामिल हैं.
डीएफओ टिहरी वीके सिंह का कहना है कि बीते दो साल में गुलदार ने 5 लोगों को अपना निवाला बनाया है. वहीं, 10 लोग गंभीर और 5 लोग सामान्य रूप से घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में गुलदार की घटनाएं सामने आती हैं, वहां महज पिंजरा लगाकर गुलदार पकड़ने अथवा गुलदार को मारने के अलावा वन विभाग, शासन-प्रशासन के पास इस घटनाओं पर अंकुश लगाने का कोई फार्मूला नहीं है.
टिहरी जिले के घनसाली, नरेंद्रनगर, कीर्तिनगर, प्रतापनगर में मानव-गुलदार संघर्ष की सबसे ज्यादा घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं. वन रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल के मुताबिक, अखोड़ी, बड़ियार गांव, पुरवाल गांव, मथकुड़ी आदि गांवों में लगातार रात्रि गश्त, गुलदार की गतिविधियों के लिए कैमरा ट्रैप, लाउडस्पीकर से मुनादी कराई जा रही है. डीएफओ के मुताबिक, 2015 में हुई गुलदार की गणना के अनुसार उत्तराखंड में गुलदार की संख्या 2500 से अधिक आंकी गई है. अभी हाल ही में गुलदार की गणना (Counting of Guldars in Uttarakhand) हुई है, उनके आंकड़े आने बाकी हैं.
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2020 से 2022 तक टिहरी में गुलदार द्वारा प्रमुख घटनाएं
- 18 जुलाई 2021 देवप्रयाग ब्लॉक के दुरोगी गांव में शकुंतला देवी को बनाया निवाला. वन विभाग के शिकारी दल ने गुलदार को ढेर किया.
- 20 जुलाई 2021 को देवप्रयाग ब्लॉक के ही दुरोगी गांव में गुंदरी देवी (50) को बनाया निवाला. वन विभाग के शिकारी दल ने गुलदार को ढेर किया.
- 14 फरवरी 2022 नरेंद्रनगर ब्लॉक के पसर गांव में राजेद्र सिंह (54 ) को गुलदार ने निवाला बनाया. वन विभाग के शिकारी दल ने गुलदार ढेर किया.
- 16 अप्रैल 2022 भिलंगना ब्लॉक के अखोड़ी में 7 वर्षीय बालक को गुलदार ने निवाला बनाया. वन विभाग के शिकारी दल ने गुलदार ढेर किया.
- 22 नवंबर 2022 को भिलंगना ब्लॉक के बड़ियार गांव में 42 वर्षीय धनवीर लाल को गुलदार ने निवाला बनाया.