ETV Bharat / state

टिहरी बांध प्रभावित महिलाओं पर गुलदार का हमला, कड़ाके की ठंड में 2 महीने से चल रहा धरना - tehri dam affected

दो महीने से धरने पर डटी टिहरी बांध प्रभावित महिलाओं पर अब गुलदार भी हमले करने लग गया है. इसके बाद भी महिलाएं दोगुनी हिम्मत से धरना स्थल पर बैठी हुई हैं. शासन-प्रशासन के खिलाफ मुखर महिलाओं का कहना है कि वो किसी भी सूरत में मांग पूरी होने तक धरने से नहीं उठेंगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 7, 2023, 7:51 AM IST

टिहरी बांध प्रभावित महिलाओं पर गुलदार का हमला

टिहरी: कड़ाके की ठंड में पुनर्वास ऑफिस के बाहर विस्थापन की मांग (Tehri displacement demand) को लेकर डटे ग्रामीणों को एक ओर सर्दी का सितम सहना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जंगली जानवरी उन पर हमला कर रहे हैं. खौफ के साए में प्रभावित (Tehri Dam Affected Protest) रात काटने को विवश हैं. इसके बावजूद भी शासन-प्रशासन के अधिकारी उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं, जिससे प्रभावितों में खासा आक्रोश है.

धरने पर बैठी महिलाओं पर गुलदार का हमला: गौर हो कि टिहरी पुनर्वास आफिस के बाहर विस्थापन की मांग को लेकर रौलाकोट, भलड़ियाना गांव की महिलाएं (tehri dam affected) दो महीने से धरने पर बैठी हैं. बीते सायं महिलाएं पुनर्वास ऑफिस के बाहर खाना बनाते समय गुलदार ने ऊपरी दीवार से महिलाओं के ऊपर छलांग लगा कर हमला (tehri leopard attack) कर दिया. जिससे मौके पर हड़कंप मच गया और महिलाओं के शोर को सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिन्हें देखकर गुलदार झाड़ियों में भाग गया. गनीमत रही कि गुलदार के हमले में कोई घायल नहीं हुआ. इसबीच महिलाओं ने हिम्मत नहीं हारी और फिर धरने पर डट गईं. जब इस संदर्भ में महिलाओं ने टिहरी डीएफओ से फोन पर बात की तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी फोन नहीं उठा रहा है.
पढ़ें-टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मानक के आधार पर मिलेगा मुआवजा

जिससे साफ है कि स्थिति कितनी गंभीर है. जब अधिकारियों के फोन ही कर्मचारी नहीं उठा रहे हैं, अंदाजा सजह ही लगाया जा सकता है कि आम जनता का क्या होता होगा? वहीं धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि शायद वन विभाग किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है. उसके बाद कार्रवाई करेगा. वहीं मामले में प्रभारी डीएम व सीडीओ मनीष कुमार को फोन पर घटना की जानकारी दी गई. जिसके बाद प्रभारी डीएम व सीडीओ ने तहसीलदार को तत्काल पुनर्वास ऑफिस में भेजा और जानकारी ली गई. मौके पर महिलाओं ने गुलदार की घटना के बारे में बताया. साथ ही महिलाओं ने डीएफओ की शिकायत मौके पर आए तहसीलदार से की. कहा कि डीएफओ ने मौके पर आने की जहमत तक नहीं उठाई और न ही किसी कर्मचारी को भेजा.
पढ़ें-20 साल बाद टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मिलेगा न्याय, होगा पुनर्वास, मिलेगा मुआवजा

बता दें कि 31 अक्टूबर 2022 से रौलाकोट भलड़ीयाणा गांव की महिलाएं अपने विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. महिलाओं ने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है. जबकि महिलाओं के सम्मान में शासन-प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता है. लेकिन यहां पर महिलाओं की सुध तक लेने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है. टिहरी बांध की झील में रौलाकोट और भलड़ियाना गांव के लोगों की जमीन डूब गई और इसके बदले पुनर्वास विभाग द्वारा ग्रामीणों को कुछ भी नहीं दिया गया है. जिस कारण ग्रामीण महिलाओं को मजबूरन विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ा और धरने पर बैठी महिलाओं पर गुलदार हमला कर रहा है.

टिहरी बांध प्रभावित महिलाओं पर गुलदार का हमला

टिहरी: कड़ाके की ठंड में पुनर्वास ऑफिस के बाहर विस्थापन की मांग (Tehri displacement demand) को लेकर डटे ग्रामीणों को एक ओर सर्दी का सितम सहना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जंगली जानवरी उन पर हमला कर रहे हैं. खौफ के साए में प्रभावित (Tehri Dam Affected Protest) रात काटने को विवश हैं. इसके बावजूद भी शासन-प्रशासन के अधिकारी उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं, जिससे प्रभावितों में खासा आक्रोश है.

धरने पर बैठी महिलाओं पर गुलदार का हमला: गौर हो कि टिहरी पुनर्वास आफिस के बाहर विस्थापन की मांग को लेकर रौलाकोट, भलड़ियाना गांव की महिलाएं (tehri dam affected) दो महीने से धरने पर बैठी हैं. बीते सायं महिलाएं पुनर्वास ऑफिस के बाहर खाना बनाते समय गुलदार ने ऊपरी दीवार से महिलाओं के ऊपर छलांग लगा कर हमला (tehri leopard attack) कर दिया. जिससे मौके पर हड़कंप मच गया और महिलाओं के शोर को सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिन्हें देखकर गुलदार झाड़ियों में भाग गया. गनीमत रही कि गुलदार के हमले में कोई घायल नहीं हुआ. इसबीच महिलाओं ने हिम्मत नहीं हारी और फिर धरने पर डट गईं. जब इस संदर्भ में महिलाओं ने टिहरी डीएफओ से फोन पर बात की तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी फोन नहीं उठा रहा है.
पढ़ें-टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मानक के आधार पर मिलेगा मुआवजा

जिससे साफ है कि स्थिति कितनी गंभीर है. जब अधिकारियों के फोन ही कर्मचारी नहीं उठा रहे हैं, अंदाजा सजह ही लगाया जा सकता है कि आम जनता का क्या होता होगा? वहीं धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि शायद वन विभाग किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है. उसके बाद कार्रवाई करेगा. वहीं मामले में प्रभारी डीएम व सीडीओ मनीष कुमार को फोन पर घटना की जानकारी दी गई. जिसके बाद प्रभारी डीएम व सीडीओ ने तहसीलदार को तत्काल पुनर्वास ऑफिस में भेजा और जानकारी ली गई. मौके पर महिलाओं ने गुलदार की घटना के बारे में बताया. साथ ही महिलाओं ने डीएफओ की शिकायत मौके पर आए तहसीलदार से की. कहा कि डीएफओ ने मौके पर आने की जहमत तक नहीं उठाई और न ही किसी कर्मचारी को भेजा.
पढ़ें-20 साल बाद टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मिलेगा न्याय, होगा पुनर्वास, मिलेगा मुआवजा

बता दें कि 31 अक्टूबर 2022 से रौलाकोट भलड़ीयाणा गांव की महिलाएं अपने विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. महिलाओं ने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है. जबकि महिलाओं के सम्मान में शासन-प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता है. लेकिन यहां पर महिलाओं की सुध तक लेने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है. टिहरी बांध की झील में रौलाकोट और भलड़ियाना गांव के लोगों की जमीन डूब गई और इसके बदले पुनर्वास विभाग द्वारा ग्रामीणों को कुछ भी नहीं दिया गया है. जिस कारण ग्रामीण महिलाओं को मजबूरन विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ा और धरने पर बैठी महिलाओं पर गुलदार हमला कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.