टिहरी: लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर गोपाल मणि महाराज ने शुक्रवार को नामांकन भरा. वहीं गोपाल मणि महाराज के टिहरी सीट से निर्दलीय मैदान में उतरने से भाजपा- कांग्रेस के लिए चुनावी मुश्किलें बढ़ गई हैं. संत गोपाल मणि महाराज एक गौ-कथा वाचक है, जोकि राष्ट्रीय संत गोपाल मणि महाराज गौ सेवा को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं.
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संत गोपाल मणि महाराज के टिहरी सीट से निर्दलीय मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. भाजपा-कांग्रेस के लिए यहां उन से पार पाना आसान नहीं होगा, क्योंकि उनका टिहरी संसदीय क्षेत्र समेत पूरे उत्तराखंड में खासा प्रभाव है. राष्ट्रीय संत गोपाल मणि महाराज गौ सेवा को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं. यही नहीं वह गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग भी लंबे समय से करते आए हैं.
देहरादून से लेकर टिहरी उत्तरकाशी में महाराज के भक्तों की बड़ी संख्या है और भाजपा कांग्रेस में भी उनके कई बड़े नेता भक्त हैं. साथ ही दोनों ही दलों में उनके समर्थकों की अच्छी खासी संख्या भी है. इसके अलावा गौ सेवा और गौ संरक्षण को लेकर काम करने वाले भाजपा समर्थित संगठन भी उनके साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं.
वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि टिहरी क्षेत्र की मूल समस्याओं को लेकर और उनके समाधान के लिए उनको मैदान में उतरना पड़ा है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों से युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं जिसे रोकना उनका लक्ष्य होगा साथ ही उन्होंने पहाड़ी लोगों को रोजगार देने की बात भी कही.