टिहरी: घनसाली-धुत्तु रोड पर सौड़ के पास पिकअप वैन खाई में गिर गई. हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए. मृतकों में एक महिला भी शामिल है. घायलों को पास के पिलखी सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. वैन ड्राइवर को हल्की चोट आई है. घटना 9 मई गुरुवार दोपहर की बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, घनसाली से सौड़ गांव जा रही पिकअप वैन ओवरलोडेड थी. वाहन पांच सीटर था लेकिन आठ सवारी बैठाई गई थीं. पौखार के पास वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. राहगीरों ने तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और लोगों को खाई से बाहर निकाला. हालांकि तबतक 5 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन लोग घायल थे. घायलों के पास के हॉस्पिटल भेजा गया. वहीं, आज की घटना मिलाकर इस साल छह महीने में टिहरी में तीन भीषण हादसे हो चुके हैं, जिसमें 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
- मृतकों का विवरण- लक्ष्मी प्रसाद (66) पुत्र ब्राह्मी दत्त निवासी ग्राम सौड़.
- प्रताप सिंह (44) पुत्र भगवान सिंह.
- गुणानंद पूर्व प्रधान (65) पुत्र चिंतामणि.
- बिहारी लाल (65) पुत्र श्योला लाल.
- हेमा देवी (50) पत्नी चंद्र सिंह.
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- घायलों का विवरण- विजय राम विजय राम पुत्र केबल राम निवासी ग्राम सौड़.
- राजेंद्र सिंह पुत्र जीत सिंह निवासी सौड़.
- बचन सिंह (चालक) निवासी ग्राम बुटवा थाना घनसाली टिहरी.
बता दें कि बीते रविवार 5 जून को भी उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर बड़ा हादसा हुआ था. इस हादसे में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के यात्रियों से भरी हुई एक बस गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि चार घायल हुए थे. इनमें से 23 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था जबकि तीन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी. रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए इस बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया. इसके साथ ही 2017 को गंगोत्री हाईवे पर हुई बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दी. 21 मई 2017 को नालुपानी के समीप हुए बस हादसे में 30 लोगों की जान गई थी. मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनके शवों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी में रखने की जगह तक नहीं मिली थी. तब भी दुर्भाग्य से तीर्थयात्री मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और तत्कालीन सरकार भी हादसे को लेकर ठोस कारण ढूंढ नहीं सकी थी.
गौर हो कि, उत्तराखंड के पहाड़ों में गाड़ी चलाना हर किसी के बस की बात नहीं. यहां इस साल जनवरी से अप्रैल तक यानि शुरुआती 4 महीनों में ही 500 से ज्यादा सड़क हादसों के मामले सामने आए हैं. इन हादसों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं.