टिहरी: 42 वर्ग किलोमीटर तक फैली टिहरी बांध की झील के ऊपर बन रहा देश का सबसे लंबा डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज को दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर सजाया जा रहा है. इसके लिए यहां पांच करोड़ की लागत से अत्याधुनिक फसाड लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. जिससे पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.
सहायक अभियंता गिरीश पैन्यूली ने बताया कि लाइटिंग सिस्टम में 20 तरह की थीम अपलोड की जाएंगी. जिससे दीवाली, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि महत्वपूर्ण मौकों पर पुल उसी तरह की रोशनी से जगमगाएगा. डोबरा-चांठी पुल उत्तराखंड का पहला पुल है, जिस पर फसाड लाइट लगाई जा रही है. लोनिवि. की इलेक्ट्रिकल विंग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. सितम्बर से पहले लाइटिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा.
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क्या होती है फसाड लाइट
फसाड लाइट विशेष प्रकार की लाइट होती है. वह जिस स्थान पर लगती है, उसी पर फोकस रहती है. इससे रोशनी इधर-उधर नहीं बिखरती. संसद भवन और सिग्नेचर ब्रिज और कोलकाता के हावड़ा ब्रिज पर यही लाइट लगाई गई है. इस लाइट की विशेषता यह है कि यह कुछ ही सेकंड में अपने रंग को बदल लेती है. कभी कभी एक साथ विभिन्न रंगों में भी नजर आती हैं. इसे रंगों को विशेष तरह से प्रोग्रामिंग किये गए कंप्यूटर से मॉनिटर किया जाता है. बेहतर दिखने के साथ ही यह लाइटिंग पर्यावरण के भी अनुकूल होती है. इसमें कम बिजली की खपत करने वाली एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं.
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देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है डोबरा-चांठी पुल
बता दें कि टिहरी झील पर बन रहा डोबरा-चांठी पुल देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज है, जिसका निर्माणकार्य अंतिम पड़ाव पर है. डोबरा-चांठी पुल पर निर्माण कार्य साल 2006 में शुरू हुआ था, जो डिजाइन फेल होने के कारण वर्ष 2010 में बंद हो गया था.साल 2016 में डेढ़ अरब की लागत से इसका निर्माण दोबारा शुरू किया गया. इस पुल का डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने तैयार किया है.