धनौल्टी: जहां एक ओर सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर दम भर रही है, वहीं काश्तकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है. जौनपुर विकासखंड के अंतर्गत नैनबाग क्षेत्र में किसानों की नगदी फसल की पैदावार अच्छी होने के बाद भी उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. जिससे किसान काफी परेशान हैं.
बता दें कि, यहां के काश्तकारों की ओर से विगत 2 वर्षों से कृषि के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किया जा रहा है. इसका एक कारण यह भी है कि कोरोनाकाल में घर लौटे अधिकांश प्रवासियों ने खेती कार्य शुरू किया है. लेकिन अब काश्तकारों को सरकार की आय दोगुना करने के वादे से भरोसा उठने लगा है.
काश्तकारों का कहना है कि सरकार द्वारा कुछ समय पूर्व नैनबाग क्षेत्र में किसानों को अपनी फसल विक्रय करने के लिए मंडी खोलने की बात कही थी. लेकिन आज तक वह कागजों तक ही सीमित रह गया है. वर्तमान समय में काश्तकारों द्वारा टमाटर की पैदावार की जा रही है. लेकिन फसल का सही दाम न मिलने के कारण काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
काश्तकारों को पैदावार के विक्रय के लिए देहरादून या विकासनगर मंडी जाना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को उचित दाम नहीं मिलते हैं.
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काश्तकारों का कहना है कि अगर नैनबाग क्षेत्र में विपणन के लिए एक छोटी मंडी खुली जाए तो किसानों को काफी लाभ होगा. इसके साथ ही किसानों को अपनी पैदावार का उचित दाम मिल सकेगा.