धनौल्टी: ग्रामीणों की शिकायत पर थौलधार विकासखंड के थिराणी गांव की पेयजल योजना की जांच पर पहुंचे जल संस्थान नई टिहरी के अधिशासी अभियंता से ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई. जनपद मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी तय कर थौलधार विकासखंड के नगुन- पट्टी के थिराणी गांव पहुंचे जल संस्थान नई टिहरी के अधिशासी अभियंता की जांच के बाद ग्रामीणों ने विभाग और ठेकेदार पर मिलीभगत कर योजना में बड़ी धांधली करने का आरोप लगाया.
ग्राम पंचायत मंजखेत के प्रधान रविन्द्र राणा ने बताया कि 37 लाख रुपये की लागत से बनने वाली थिराणी पेयजल योजना जांच की मांग पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता प्रशान्त भारद्वाज मंजखेत के थिराणी गांव पहुंचे. लेकिन हमारे द्वारा जब जल संस्थान के अधिशासी अभियंता से कार्य योजना की डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा गया तो उनके द्वारा डीपीआर प्रस्तुत नहीं की गई. न ही पानी के स्रोत का मुआयना किया गया. साथ ही पेयजल लाइन का भी हमारी मांग के अनुसार निरीक्षण नहीं किया गया. कार्य योजना 6 माह में बनाकर तैयार की जानी थी. लेकिन 20 माह बीत जाने के बाद भी योजना बनकर तैयार नहीं हो पाई. ऐसे में विभागीय अधिकारी ठेकेदार को न तो नोटिस दे पा रहे हैं और न ही कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
इस सम्बन्ध में जब जल संस्थान नई टिहरी के अधिशासी अभियंता प्रशान्त भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा मंजखेत के थिराणी गांव जाकर डीपीआर के अनुसार शिकायतकर्ताओं और ग्रामीणों के साथ मिलकर पेयजल योजना का निरीक्षण किया गया और राय ली गई. कुछ लोगों के द्वारा पेयजल योजना की डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा गया. मेरे द्वारा बताया गया कि पेयजल से सम्बंधित सभी योजनाओं की डीपीआर फाइल जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से सभी विकासखंडों में पूर्व में ही भेजी जा चुकी है. जिसे कोई भी वीडीओ के माध्यम से प्राप्त कर सकता है.
जहां तक कार्य योजना की बात है तो थिराणी पेयजल योजना का कार्य VAP (विलेज एक्शन प्लान) के तहत सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा है. जिसका शिकायतकर्ता की मांग पर मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया. जिसमें थिराणी मूल गांव में पानी सुचारू रूप से चल रहा है पाया गया. डीपीआर के अनुसार प्रत्येक परिवार को एक कनेक्शन वितरित किया गया है. जिससे अधिकांश ग्रामीण संतुष्ट हैं. कुछ लोग नये स्रोत से पेयजल लाइन को जोड़ने की बात कर रहे हैं, जिसके लिए ग्राम पंचायत से खुली बैठक कर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है.
थिराणी पेयजल योजना को लेकर जिलाधिकारी से जांच की मांग की गई थी. ठेकेदार पर डीपीआर के अनुसार कार्य न करने आरोप लगाया गया था. जांच पर पहुंचे जल संस्थान टिहरी के अधिशासी अभियंता के द्वारा निरीक्षण करने के बाद कार्य को डीपीआर के अनुरूप सही बताया गया.
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