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श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी ने आठ प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ लिया एक्शन - गड़बड़ी करने वाले उत्तराखंड के कॉलेजों पर गाज

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने गड़बड़ी करने वाले निजी महाविद्यालयों पर कठोर फैसले लिए है.

Sri Dev Suman University
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Published : Sep 1, 2021, 7:35 AM IST

टिहरी: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय (Sri Dev Suman Uttarakhand University) की कार्य परिषद ने गड़बड़ी करने वाले निजी महाविद्यालयों पर कठोर फैसले लिए हैं. विश्वविद्यालय की 6वीं कार्य परिषद की आपात बैठक डॉ. पीपी ध्यानी, कुलपति एवं अध्यक्ष, कार्यपरिषद, की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गई. बैठक में कार्य परिषद मे निम्न फैसलों मुहर लगाई गई.

बता दें कि, इनमें चार सौ इक्कासी (481) छात्रों को 8 निजी महाविद्यालयों द्वारा स्वीकृत सीटों से अधिक पर विभिन्न विषयों में प्रवेश दिए गए हैं, जो कि सम्बद्धता नियमों के खिलाफ किया गया अनैतिक कार्य था, और सम्बद्धता नियमों का पूर्ण रूप से उल्लंघन था. इस संपूर्ण प्रकरण में छात्रों का कोई दोष नहीं था. वहीं, व्यापक छात्रहित में कार्य परिषद ने 481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का अनुमोदन किया.

दोषी पाए गए 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों 1-चमन लाल महाविद्यालय लन्ढौरा, हरिद्वार, 2-हरिओम सरस्वति डिग्री कालेज धनौरी, हरिद्वार, 3- रूबराज इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज हरिद्वार, 4- स्वामी विवेकानन्द कॉलेज आफ एजुकेशन रुड़की, 5-एपैक्स इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की, 6-भारतीय महाविद्यालय रुड़की, 7- सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की और 8- डीडी कॉलेज, निम्बूवाला, देहरादून) ने सत्र 2019-20 में विभिन्न विषयों में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश किए थे.

सम्बद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद ने कठोर निर्णय लिए और अनुमोदन किया गया कि जिन विषयों में सत्र 2019-20 में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश निजी महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा किए गए उनको सत्र 2021-22 में घटाया जाएगा और अवशेष सीटों पर ही निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्र/छात्राओं को प्रवेशित किया जाएगा. जिन विषयों में कुल स्वीकृत सीटों के सापेक्ष ज्यादा सीटों पर प्रवेश हुआ था, उन विषयों की अतिरिक्त सीटों को 2 सत्रों 2021-22 और 2022-23 में विभाजित कर छात्र-छात्रों को प्रवेशित किया जाएगा.

वहीं, निजी महाविद्यालयों/संस्थानों पर प्रति अतिरिक्त सीटों पर छात्र-छात्राओं से लिए गए शुल्क, जिसकी संरचना विश्वविद्यालय से पूर्व में ही स्वीकृत है. 30 प्रतिशत प्रशमन शुल्क आरोपित किया जाए. इस प्रशमन शुल्क को निजी महाविद्यालयों द्वारा विश्वविद्यालय राजकोष में जमा करना होगा और यह प्रशमन शुल्क निजी महाविद्यालय छात्र-छात्राओं से वसूल नहीं करेंगे. इस आशय का शपथ पत्र महाविद्यालय/संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया जाएगा.

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साथ ही दोषी पाए गए 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों को प्रदत्त सम्बद्धता को सत्र 2022-23 से आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त किए जाने के लिए कुलाधिपति महोदया को कार्य परिषद द्वारा संस्तुति की गई. कुलाधिपति का जो भी निर्णय हो वहीं अंतिम माना जाएगा.

कुलपति डॉ ध्यानी ने अवगत कराया कि अब विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों आदि जिन्होंने विश्वविद्यालय के अंदर और निजी संस्थानों से मिलिभगत कर विश्वविद्यालय में अतिरिक्त सीटों पर परीक्षाएं करवाई है उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की 9वीं बैठक 5 जून 2020 जो उनकी अध्यक्षता में आयोजित हुई थी. उसमें निर्णय लिया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा निजी महाविद्यालयों/संस्थानों में स्वीकृत सीटों से ज्यादा सीटों पर परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी. लेकिन इसके बावजूद भी सितंबर-अक्टूबर 2020 में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने निजी महाविद्यालयों/संस्थानों आदि से मिलीभगत कर परीक्षाएं करवा दी. जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है. इस प्रकरण पर विश्वविद्यालय और शासन द्वारा जांच प्रक्रिया गतिमान है. जांच के बाद इन कर्मचारियों व अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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कुलपति ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में तत्कालीन कुलसचिव पर कठोर कार्रवाई की गई थी, उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक कुलसचिव द्वारा बिना कार्य परिषद की स्वीकृति के पूर्व में विश्वविद्यालय से हजारों रुपये परीक्षा पारिश्रमिक के रूप में लिया गया. पिछली कार्यपरिषद में लिए गए निर्णय के अनुसार अब इन अधिकारियों से भी वसूली की जाएगी. बता दें कि, बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे.

बता दें कि, बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे. जिनमें कुलाधिपति नामित सदस्य न्यायमूर्ति बीएस वर्मा, एयर कामोडोर देवेन्द्र शर्मा, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, डॉ. गजेन्द्र सिंह, डॉ. आरके गुप्ता, प्राचार्य, परिसर गोपश्वर, प्रो संदीप कुमार, प्राचार्य, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष, प्रो सुषमा गुप्ता, डॉ दीपक भट्ट, भूगर्भ विभाग, डीबीएसपीजी कालेज, देहरादून, प्रो. जीके ढींगरा, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया. बैठक का संचालन कार्य परिषद के सचिव प्रो. एमएस रावत, प्रभारी कुलसचिव द्वारा किया गया.

टिहरी: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय (Sri Dev Suman Uttarakhand University) की कार्य परिषद ने गड़बड़ी करने वाले निजी महाविद्यालयों पर कठोर फैसले लिए हैं. विश्वविद्यालय की 6वीं कार्य परिषद की आपात बैठक डॉ. पीपी ध्यानी, कुलपति एवं अध्यक्ष, कार्यपरिषद, की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गई. बैठक में कार्य परिषद मे निम्न फैसलों मुहर लगाई गई.

बता दें कि, इनमें चार सौ इक्कासी (481) छात्रों को 8 निजी महाविद्यालयों द्वारा स्वीकृत सीटों से अधिक पर विभिन्न विषयों में प्रवेश दिए गए हैं, जो कि सम्बद्धता नियमों के खिलाफ किया गया अनैतिक कार्य था, और सम्बद्धता नियमों का पूर्ण रूप से उल्लंघन था. इस संपूर्ण प्रकरण में छात्रों का कोई दोष नहीं था. वहीं, व्यापक छात्रहित में कार्य परिषद ने 481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का अनुमोदन किया.

दोषी पाए गए 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों 1-चमन लाल महाविद्यालय लन्ढौरा, हरिद्वार, 2-हरिओम सरस्वति डिग्री कालेज धनौरी, हरिद्वार, 3- रूबराज इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज हरिद्वार, 4- स्वामी विवेकानन्द कॉलेज आफ एजुकेशन रुड़की, 5-एपैक्स इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की, 6-भारतीय महाविद्यालय रुड़की, 7- सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की और 8- डीडी कॉलेज, निम्बूवाला, देहरादून) ने सत्र 2019-20 में विभिन्न विषयों में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश किए थे.

सम्बद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद ने कठोर निर्णय लिए और अनुमोदन किया गया कि जिन विषयों में सत्र 2019-20 में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश निजी महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा किए गए उनको सत्र 2021-22 में घटाया जाएगा और अवशेष सीटों पर ही निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्र/छात्राओं को प्रवेशित किया जाएगा. जिन विषयों में कुल स्वीकृत सीटों के सापेक्ष ज्यादा सीटों पर प्रवेश हुआ था, उन विषयों की अतिरिक्त सीटों को 2 सत्रों 2021-22 और 2022-23 में विभाजित कर छात्र-छात्रों को प्रवेशित किया जाएगा.

वहीं, निजी महाविद्यालयों/संस्थानों पर प्रति अतिरिक्त सीटों पर छात्र-छात्राओं से लिए गए शुल्क, जिसकी संरचना विश्वविद्यालय से पूर्व में ही स्वीकृत है. 30 प्रतिशत प्रशमन शुल्क आरोपित किया जाए. इस प्रशमन शुल्क को निजी महाविद्यालयों द्वारा विश्वविद्यालय राजकोष में जमा करना होगा और यह प्रशमन शुल्क निजी महाविद्यालय छात्र-छात्राओं से वसूल नहीं करेंगे. इस आशय का शपथ पत्र महाविद्यालय/संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया जाएगा.

पढ़ें: ETV भारत की ख़बर का बड़ा असर, नाइजीरिया से भारत लाया जा रहा जबर सिंह का शव

साथ ही दोषी पाए गए 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों को प्रदत्त सम्बद्धता को सत्र 2022-23 से आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त किए जाने के लिए कुलाधिपति महोदया को कार्य परिषद द्वारा संस्तुति की गई. कुलाधिपति का जो भी निर्णय हो वहीं अंतिम माना जाएगा.

कुलपति डॉ ध्यानी ने अवगत कराया कि अब विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों आदि जिन्होंने विश्वविद्यालय के अंदर और निजी संस्थानों से मिलिभगत कर विश्वविद्यालय में अतिरिक्त सीटों पर परीक्षाएं करवाई है उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की 9वीं बैठक 5 जून 2020 जो उनकी अध्यक्षता में आयोजित हुई थी. उसमें निर्णय लिया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा निजी महाविद्यालयों/संस्थानों में स्वीकृत सीटों से ज्यादा सीटों पर परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी. लेकिन इसके बावजूद भी सितंबर-अक्टूबर 2020 में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने निजी महाविद्यालयों/संस्थानों आदि से मिलीभगत कर परीक्षाएं करवा दी. जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है. इस प्रकरण पर विश्वविद्यालय और शासन द्वारा जांच प्रक्रिया गतिमान है. जांच के बाद इन कर्मचारियों व अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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कुलपति ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में तत्कालीन कुलसचिव पर कठोर कार्रवाई की गई थी, उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक कुलसचिव द्वारा बिना कार्य परिषद की स्वीकृति के पूर्व में विश्वविद्यालय से हजारों रुपये परीक्षा पारिश्रमिक के रूप में लिया गया. पिछली कार्यपरिषद में लिए गए निर्णय के अनुसार अब इन अधिकारियों से भी वसूली की जाएगी. बता दें कि, बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे.

बता दें कि, बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे. जिनमें कुलाधिपति नामित सदस्य न्यायमूर्ति बीएस वर्मा, एयर कामोडोर देवेन्द्र शर्मा, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, डॉ. गजेन्द्र सिंह, डॉ. आरके गुप्ता, प्राचार्य, परिसर गोपश्वर, प्रो संदीप कुमार, प्राचार्य, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष, प्रो सुषमा गुप्ता, डॉ दीपक भट्ट, भूगर्भ विभाग, डीबीएसपीजी कालेज, देहरादून, प्रो. जीके ढींगरा, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया. बैठक का संचालन कार्य परिषद के सचिव प्रो. एमएस रावत, प्रभारी कुलसचिव द्वारा किया गया.

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