टिहरी: उत्तराखंड में कोरोना से हालात बेकाबू हो चुके है. सरकार के मंत्री जहां ग्राउंड लेवल पर उतरकर व्यवस्थाओं को जायजा ले रहे है तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी दिन रात व्वस्थाएं जुटाने में लगे हुए है. ताकि कोरोना मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मिल सके. टिहरी की जिलाधिकारी ईवा अशीषा श्रीवास्तव ने भी जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के मांग करते हुए शासन को एक पत्र भेजा था. जिसे शासन ने मंजूरी दे दी है. अब जिले में जल्द ही दो प्लांट लगेंगे.
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सीजन को लेकर हो रही है. टिहरी जिले में भी ऑक्सीजन की कमी है. टिहरी में अभीतक देहरादून और हरिद्वार से ऑक्सीजन आती थी, जिससे समय और कर्ज दोनों ज्यादा लगता है. कोरोना से बिगड़ते हालात और ऑक्सीजन की आपूर्ति को देखते हुए जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव और टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए शासन से मांग की थी, जिसकी शासन ने मंजूरी दे दी है.
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500-500 लीटर की क्षमता दो प्लांट को मिली मंजूरी
डीआरडीओ टिहरी में 500-500 लीटर की क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा. टिहरी जिला प्रशासन एक करोड़ रुपये की लागत से टिहरी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रहा है, जिसके लिए भूमि चयन किया जा रहा है. जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो कुछ ही दिनों में जिले के अंदर दो ऑक्सीजन प्लांट का संचालन शुरू होगा. इन दो प्लांट के लगने से जिले में ऑक्सीजन की समस्या खत्म हो जाएगी. मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इन प्लांट में ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की सुविधा भी होगी.
निजी वाहनों को मॉडिफाई कर एंबुलेंस बनाई
मरीजों और उनके तीमारदारों को कोई परेशान न हो, इसके लिए प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है. जिले में एंबुलेंस की कमी भी बनी हुई है. स्वास्थ्य केंद्रों में संभावित आवश्यकता को देखते अब तक 36 छोटे निजी वाहनों को मॉडिफाई कर एंबुलेंस में परिवर्तित किया गया है. इन एंबुलेंस का इस्तेमाल दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से कोविड मरीजों को कोविड केयर सेंटर और हायर सेंटर तक पहुंचने के लिए किया जाएगा. एआरटीओ एनके ओझा को निजी वाहनों के मोडिफाइडेशन का जिम्मा सौंपा गया था. इन एंबुलेंस को भी संबंधित ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया. डीएम ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वाहन की स्थिति, चिह्नित स्थान पर तैनाती, चालक के भोजन और खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी है. इसके लिए तत्काल भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए.
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मॉडिफाइ एंबुलेंसों में सीएचसी चंबा में 6, पीएचसी फकोट में 5, सीएचसी छाम-कंडीसौड़, बेलेश्वर, पीएचसी पिलखी में 3-3, सीएचसी चौंड-लंबगांव, थत्यूड़ में 2-2, पीएचसी नंदगांव में दो, सीएचसी प्रतापनगर, हिंडोलाखाल, मदननेगी, पीएचसी नैनबाग, अंजनीसैण, जाखणीधार, हिंडोलाखाल, देवप्रयाग में एक-एक एंबुलेंस तैनात की गई है.
कोविड मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर के देखरेख की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है. जिलाधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि इस कोविड केयर सेंटर में 450 बेड की व्यवस्था की गई है. आगामी परिस्थितियों को देखते हुए 100 बेड/पॉइंट को ऑक्सीजन युक्त किया जाएगा. यहां किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है. सेंटर में प्रत्येक बेड पर गद्दा, रजाई, तकिया, पानी गरम करने के लिए इलेक्ट्रिक केतली और शुद्ध पेयजल के लिए आरओ की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा मरीजों को यहां घर जैसे ही लगे इसके लिए प्रत्येक फ्लोर पर स्पीकर्स के जरिए भजन सुनने का इंतजाम भी किया गया है. एक कमरे में केवल तीन व्यक्तियों को रखा गया है. ताकि एक-दूसरे के बीच सामाजिक दूरी निरंतर बनी रह सके.
स्थानीय विधायक डॉ धन सिंह नेगी ने भी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने सेंटर को तत्काल शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. ताकि एसडीएच नरेंद्रनगर में बढ़ते मरीजों के दबाव को कम किया जा सके. इस बावत मुख्य चिकित्सधिकारी सुमन आर्य ने बताया कि 48 घंटे के भीतर कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों सहीत अन्य स्टाफ की तैनाती कर सेंटर को सुचारू कर दिया जाएगा.