टिहरी: भारत सरकार पूरे देश में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड सिस्टम (IPHS) के तहत स्टेट एलोपैथिक डिस्पेंसरियों (एसएडी), उप स्वास्थ्य केंद्रों (APHC) को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्तर की सुविधा से लैस करने जा रही है. इसके लिए जिलाधिकारी ने विकासखंड स्तरीय प्रभारी चिकित्साधिकारियों को उनके अधीनस्थ उप स्वास्थ्य केंद्रों को पीएचसी स्तर की सुविधाओं से लैस करने के लिए आवश्यक उपकरणों, भवनों की स्थिति एवं उनके प्रसार, मेडिकल स्टाफ इत्यादि के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.
इस संबंध में प्राप्त रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़ों के भौतिक सत्यापन/स्थलीय निरीक्षण हेतु जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव मंगलवार को राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय नकोट पहुंची. यहां उन्होंने 28 पन्नों की रिपोर्ट में दर्ज IPHS के मानकों का मिलान चिकित्सालय में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं से किया. निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में साफ-सफाई तो संतोषजनक थी. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया.
वहीं ओपीडी व आईपीडी भी औसतन कम पायी गई. इसको लेकर उन्होंने संबंधित प्रभारी चिकित्सक को फटकार भी लगाई. डीएम ने चिकित्सालय के कक्ष में संचालित हो रहे एएनएम सेंटर/मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र के निरीक्षण में भी अनियमितता पाई. इस अनियमितता पर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जताई. चिकित्सकों ने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण केंद्र में प्रसव नहीं कराए जा रहे हैं.
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इस दौरान जिलाधिकारी ने एएनएम ज्योति माला को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके उपरांत जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंबा का निरीक्षण किया. केंद्र में प्रवेश करते ही स्ट्रेचर पर पसरी धूल को देखकर जिलाधिकारी ने साफ-सफाई रखने की हिदायत दी.