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BJP में टिकट बंटवारे के बाद दावेदारों में नाराजगी, जानें धनौल्टी विस सीट का सूरत-ए-हाल

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Published : Jan 22, 2022, 5:32 PM IST

उत्तराखंड बीजेपी में टिकट बंटवारे के बाद बगावत पर मंथन जारी है. बीजेपी ने उत्तराखंड में अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, जिसके बाद अबतक टिकट की दौड़ में जुटे दावेदारों के चेहरों पर मायूसी छा गई है आइए समझते हैं धनौल्टी विधानसभा का समीकरण...

uttarakhand assembly election 2022
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022

धनौल्टी: हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार पर बीजेपी अलाकमान ने भरोसा जताया है, जिसके बाद पूर्व विधायक प्रीतम पंवार के समर्थकों में खुशी की लहर है. तो वहीं, धनौल्टी में बीजेपी के अन्य दावेदारों व उनके समर्थकों में मायूसी और नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रहीं हैं.

धनौल्टी में मुख्य रूप से टिकट की दौड़ में शामिल बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा, धनौल्टी के पूर्व विधायक महावीर सिंह रांगड, भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजेश नौटियाल और डीसीबी (District Co-Operative Bank) अध्यक्ष सुभाष रमोला शामिल थे. लेकिन पार्टी के फैसले ने सभी की मायूस किया है.

बीजेपी के सभी दावेदारों ने सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. सभी ने एक सुर में कहा है कि वो पार्टी के इस फैसले से काफी हैरान हैं. धनौल्टी में भाजपा के दावेदारों ने अपने-अपने समर्थकों के साथ चिंतन बैठक कर मंथन सुरू कर दिया है.

टिकट बंटवारे को लेकर जब ईटीवी भारत ने धनौल्टी के पूर्व विधायक महावीर सिंह रांगड़ से बात की तो उन्होंने पार्टी के फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि वो एक दमदार प्रत्याशी हैं. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया तो कोई बात नहीं. वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में धनौल्टी से ताल ठोंकेगे.

सूत्रों की माने तो महावीर सिह रांगड़ ने काफी समय पहले ही टिकट न मिलने पर निर्दलीय ही मैदान में उतरने की तैयारी कर ली थी. अब कल टिकट बंटवारे के बाद रागंड ने अपने समर्थकों के साथ बैठकों का सिलसिला तेज कर दिया है. हालांकि, इस दौरान वो पार्टी के फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलने के बचते नजर आए.

पढ़ें- BJP प्रत्याशी सुरेश चौहान सहित 50 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज, धारा-144 का किया था उल्लंघन

उधर, पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें पार्टी के फैसले से काफी दुःख पहुंचा है. पिछले 20 साल से वो पार्टी की सेवा कर रहे हैं लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. पार्टी के इस फैसले से उनके समर्थकों को काफी दुःख पहुंचा है. उन्होंने कहा कि वो शीघ्र ही अपने समर्थकों से बैठक करेंगे. बैठक में जो भी निष्कर्ष निकलेगा. उसके बाद ही अगले कदम के बारे में फैसला लेंगे.

बीजेपी के एक अन्य दावेदार राजेश नौटियाल का कहना है कि वे भी पिछले दो विधानसभा चुनावों से दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के द्वारा उन्हें प्रतिक्षा में रखा गया. वे निरंतर अपने समर्थकों के साथ सहाल मशविरा कर रहें है. अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा लोकतंत्र में सभी के लिए चुनाव लड़ने के विकल्प खुले हैं. शीघ्र ही दो या तीन दिन में अपने समर्थकों के साथ मिल बैठकर अंतिम निर्णय लेंगे. राजेश नौटियाल ने बताया कि वो साल 2012 में बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं.

धनौल्टी में सोशल मीडिया पर तीन धड़ों में बंटी बीजेपी: इन सबके बीच सोशल मीडिया पर धनौल्टी में बीजेपी तीन गुटों में बंटी नजर आ रही है. एक गुट में प्रीतम सिह पंवार, जौनपुर ब्लॉक प्रमुख सीता रावत, थौलधार ब्लॉक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट और उनके समर्थक. कुछ ऐसे समर्थक जिनके द्वारा भले ही भाजपा की सदस्यता न ली गई हो और संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारी. दूसरे खेमे में नारायण सिह राणा, जौनपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता रावत, राजेश नौटियाल, मीरा कैन्तुरा सकलानी, सुभाष रमोला, साथ ही बीजेपी संगठन से जुड़े पुराने कार्यकर्ता, यूथ और संगठन से जुड़े पदाधिकारी है. जबकि तीसरे खेमे में महावीर सिह रांगड़, जिलापंचायत उपाध्यक्ष भोला परमार और संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारी हैं.

मैदान में निर्दलीय उतर सकते हैं महावीर रांगड़: जिस प्रकार से सोशल मिडिया पर महावीर रागंड़ के समर्थकों ने टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, उससे ऐसा लगता है कि वे अब निर्दलीय ही मैदान में उतर सकते है. वहीं, पार्टी के कुछ कार्यकर्ता भी रांगड़ समर्थकों पर जुबानी हमला करते हुए उन पर पार्टी समर्थित ब्लॉक प्रमुख पद की उम्मीदवार रहीं गीता रावत को हराने का आरोप मढ़ रहे है.

वहीं, दूसरी तरफ प्रीतम पंवार खेमा व नारायण सिंह राणा खेमे के बीच आपस में सधी हुई प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ऐसे में अगर नारायण सिंह राणा खेमा प्रीतम पंवार के साथ पूरे मन से कार्य करता है, तो भाजपा के अन्दर कुछ खेमेबाजी कम हो सकती है और पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है.

धनौल्टी: हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार पर बीजेपी अलाकमान ने भरोसा जताया है, जिसके बाद पूर्व विधायक प्रीतम पंवार के समर्थकों में खुशी की लहर है. तो वहीं, धनौल्टी में बीजेपी के अन्य दावेदारों व उनके समर्थकों में मायूसी और नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रहीं हैं.

धनौल्टी में मुख्य रूप से टिकट की दौड़ में शामिल बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा, धनौल्टी के पूर्व विधायक महावीर सिंह रांगड, भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजेश नौटियाल और डीसीबी (District Co-Operative Bank) अध्यक्ष सुभाष रमोला शामिल थे. लेकिन पार्टी के फैसले ने सभी की मायूस किया है.

बीजेपी के सभी दावेदारों ने सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. सभी ने एक सुर में कहा है कि वो पार्टी के इस फैसले से काफी हैरान हैं. धनौल्टी में भाजपा के दावेदारों ने अपने-अपने समर्थकों के साथ चिंतन बैठक कर मंथन सुरू कर दिया है.

टिकट बंटवारे को लेकर जब ईटीवी भारत ने धनौल्टी के पूर्व विधायक महावीर सिंह रांगड़ से बात की तो उन्होंने पार्टी के फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि वो एक दमदार प्रत्याशी हैं. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया तो कोई बात नहीं. वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में धनौल्टी से ताल ठोंकेगे.

सूत्रों की माने तो महावीर सिह रांगड़ ने काफी समय पहले ही टिकट न मिलने पर निर्दलीय ही मैदान में उतरने की तैयारी कर ली थी. अब कल टिकट बंटवारे के बाद रागंड ने अपने समर्थकों के साथ बैठकों का सिलसिला तेज कर दिया है. हालांकि, इस दौरान वो पार्टी के फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलने के बचते नजर आए.

पढ़ें- BJP प्रत्याशी सुरेश चौहान सहित 50 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज, धारा-144 का किया था उल्लंघन

उधर, पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें पार्टी के फैसले से काफी दुःख पहुंचा है. पिछले 20 साल से वो पार्टी की सेवा कर रहे हैं लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. पार्टी के इस फैसले से उनके समर्थकों को काफी दुःख पहुंचा है. उन्होंने कहा कि वो शीघ्र ही अपने समर्थकों से बैठक करेंगे. बैठक में जो भी निष्कर्ष निकलेगा. उसके बाद ही अगले कदम के बारे में फैसला लेंगे.

बीजेपी के एक अन्य दावेदार राजेश नौटियाल का कहना है कि वे भी पिछले दो विधानसभा चुनावों से दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के द्वारा उन्हें प्रतिक्षा में रखा गया. वे निरंतर अपने समर्थकों के साथ सहाल मशविरा कर रहें है. अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा लोकतंत्र में सभी के लिए चुनाव लड़ने के विकल्प खुले हैं. शीघ्र ही दो या तीन दिन में अपने समर्थकों के साथ मिल बैठकर अंतिम निर्णय लेंगे. राजेश नौटियाल ने बताया कि वो साल 2012 में बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं.

धनौल्टी में सोशल मीडिया पर तीन धड़ों में बंटी बीजेपी: इन सबके बीच सोशल मीडिया पर धनौल्टी में बीजेपी तीन गुटों में बंटी नजर आ रही है. एक गुट में प्रीतम सिह पंवार, जौनपुर ब्लॉक प्रमुख सीता रावत, थौलधार ब्लॉक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट और उनके समर्थक. कुछ ऐसे समर्थक जिनके द्वारा भले ही भाजपा की सदस्यता न ली गई हो और संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारी. दूसरे खेमे में नारायण सिह राणा, जौनपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता रावत, राजेश नौटियाल, मीरा कैन्तुरा सकलानी, सुभाष रमोला, साथ ही बीजेपी संगठन से जुड़े पुराने कार्यकर्ता, यूथ और संगठन से जुड़े पदाधिकारी है. जबकि तीसरे खेमे में महावीर सिह रांगड़, जिलापंचायत उपाध्यक्ष भोला परमार और संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारी हैं.

मैदान में निर्दलीय उतर सकते हैं महावीर रांगड़: जिस प्रकार से सोशल मिडिया पर महावीर रागंड़ के समर्थकों ने टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, उससे ऐसा लगता है कि वे अब निर्दलीय ही मैदान में उतर सकते है. वहीं, पार्टी के कुछ कार्यकर्ता भी रांगड़ समर्थकों पर जुबानी हमला करते हुए उन पर पार्टी समर्थित ब्लॉक प्रमुख पद की उम्मीदवार रहीं गीता रावत को हराने का आरोप मढ़ रहे है.

वहीं, दूसरी तरफ प्रीतम पंवार खेमा व नारायण सिंह राणा खेमे के बीच आपस में सधी हुई प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ऐसे में अगर नारायण सिंह राणा खेमा प्रीतम पंवार के साथ पूरे मन से कार्य करता है, तो भाजपा के अन्दर कुछ खेमेबाजी कम हो सकती है और पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है.

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