टिहरी: भागीरथी स्पोर्ट्स व कल्चर फेस्टिवल के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. लोक गायक मंगलेश डंगवाल के गानों पर लोग देर रात तक थिरकते रहे. साथ ही लोगों ने लोक गीतों का जमकर लुत्फ उठाया. इस मौके पर लोक गायक मंगलेश डंगवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम सभी विभागों को करना चाहिए.
टिहरी में भागीरथी स्पोर्ट्स व कल्चर फेस्टिवल के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गायक मंगलेश डंगवाल के गानों पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों व परिजनों ने जमकर लुत्फ उठाया.वहीं कार्यक्रम में मंगलेश डंगवाल ने गानों के माध्यम से जल, जंगल, जमीन और वन्य जीवों को बचाने के लिए बेहतरीन प्रस्तुति दी. साथ ही लोगों को जल, जंगल, जमीन को लेकर जागरूक किया.वहीं गायक मंगलेश डंगवाल ने कहा कि वन विभाग के द्वारा उत्तराखंड में यह पहली बार इस तरह का कार्यक्रम किया है जो काबिले तारीफ है. जिसमें स्वास्थ्य के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रखा गया है.
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इस तरह के कार्यक्रमों से सभी कर्मचारी और जनता में अच्छा संदेश जाता है. साथ ही लोग अपनी माटी और संस्कृति से जुड़े रहते हैं. कहा कि वन विभाग ने भागीरथी स्पोर्टस व कल्चर फेस्टिवल को स्वास्थ्य को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जोड़ा है, जो सराहनीय कार्य है. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम सभी विभागों को करना चाहिए. भागीरथी व्रत के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने कहा कि भागीरथी स्पोर्टस व कल्चर फेस्टिवल के दूसरे दिन लोगों ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया. उन्होंने कहा कि मंगलेश डंगवाल वन कर्मियों की परेशानियों को भली भांति जानते हैं, क्यों कि वो पूर्व में फॉरेस्ट गार्ड रह चुके हैं, इसलिए उनका विभाग में खासा योगदान भी रहा है. मंगलेश डंगवाल के गीतों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है.