टिहरी: पारिवारिक कलह के बाद माता पिता में हुए तलाक ने चार बच्चों का भी बंटवारा कर दिया. मामला टिहरी का है. यहां तलाकशुदा दंपति को उनके चार बच्चें में से दो-दो की कस्टडी दी गई है. दो नाबालिग बच्चों का पालन पोषण पिता करेगा. दो बच्चे मां के पास रहेंगे. बाल कल्याण समिति ने कहा कि माता पिता और बच्चे कभी भी एक दूसरे से मिल सकते हैं. साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन करके शिकायत दर्ज कराने को कहा है.
ये है पूरा मामला: बाल कल्याण समिति के सदस्यों के अनुसार भिलंगना ब्लॉक के एक गांव के निवासी पति पत्नी देहरादून में निवासरत हैं. उनका विवाह करीब 12-13 साल पहले हुआ था. इस दौरान उनके चार बच्चे पैदा हुए. कुछ समय बाद दोनों के बीच मनमुटाव होने लगा. इस पर पत्नी नाबालिग बच्चों को लेकर मायके रहने चली गई. कुछ दिनों बाद बच्चों का पिता भी अपनी ससुराल आ गया. पिता बच्चों को अपने साथ ले गया.
आखिर परिवार न्यायालय पहुंचा मामला: इस बीच पत्नी ने परिवार न्यायालय में तलाक का मुकदमा दायर कर दिया. न्यायालय ने पत्नी के पक्ष में फैसला दिया. बताया गया कि इस बीच युवक को भी उसके परिवार ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया. इस पर उसने न्यायालय में पहुंचकर बच्चों की परवरिश में असमर्थता जताई और बच्चे पालने की जिम्मेदारी पत्नी को ही सौंपने की मांग की. लेकिन पत्नी ने भी चार बच्चों का भरण-पोषण करने में असमर्थता जताई.
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बाल कल्याण समिति ने निकाला समाधान: यह विकट समस्या देख परिवार न्यायालय ने यह मामला बाल कल्याण समिति के पास भेजा. समिति ने बच्चों के माता-पिता को तलब कर दो दिन के अथक प्रयासों के बाद दो बच्चे मां और दो बच्चे पिता के साथ रहने पर सहमति बनाई है. इस प्रकरण को सुलझाने में समिति के सदस्य एलपी उनियाल, महिपाल सिंह नेगी, रागिनी भट्ट, अमिता रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी बबीता शाह, सीडीपीओ शोएब, बाल कल्याण अधिकारी विनीता उनियाल और चाइल्ड हेल्प लाइन के जेपी बडोनी शामिल रहे.