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बदहाली के आंसू रो रहा श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान, आपदा के जख्म आज भी हरे - Srinagar Park and Training Institute

2013 में आई आपदा का असर आज भी श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण सस्थान में देखा जाता है. संस्थान की पौद्य साला का एक हिस्सा आज भी रेत से पटा हुआ है.

बदहाली के आंसू रो रहा श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान
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Published : Oct 18, 2019, 10:31 AM IST

टिहरी: 2013 में आई आपदा का असर आज भी श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान में देखा जा सकता है. संस्थान की पौधशाला का एक हिस्सा आज भी रेत से पटा हुआ है. वहीं, ग्रीन हाउस भी बरबाद हो चुके हैं. जहां अब पौधशाला के इर्द गिर्द लावारिस जानवरों ने अपना आशियाना बना लिया है. पौधशाला का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के समय किया गया था.

बदहाली के आंसू रो रहा श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान

बता दें कि पूरे प्रदेश से कृषक यहा प्रशिक्षण लेने आते हैं, लेकिन आज भी इस प्रशिक्षण संस्थान की इस पौधशाला में किसी का ध्यान नहीं है. स्थानीय लोग भी सरकार से इसके पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं.

नर्सरी इंर्चाज पुरुषोत्तम बडोनी ने बताया कि अगर इस पौधशाला पुनर्निर्माण किया जाए तो यहां विभिन्न प्रकार की पौध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह पौधशाला ऋषिकेश के बाद गढ़वाल की एकमात्र पौधशाला है. जहां काश्तकार कृषि की उन्नत तकनीक को सिखने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां आते हैं. वहीं, विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि विभाग को इस संबन्ध में अवगत करवाया गया है. अगर इस नर्सरी को फिर से तैयार किया जाता है तो कृषकों के लिए काफी फायदेमंद होगा.

टिहरी: 2013 में आई आपदा का असर आज भी श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान में देखा जा सकता है. संस्थान की पौधशाला का एक हिस्सा आज भी रेत से पटा हुआ है. वहीं, ग्रीन हाउस भी बरबाद हो चुके हैं. जहां अब पौधशाला के इर्द गिर्द लावारिस जानवरों ने अपना आशियाना बना लिया है. पौधशाला का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के समय किया गया था.

बदहाली के आंसू रो रहा श्रीनगर उद्यान एवं प्रशिक्षण संस्थान

बता दें कि पूरे प्रदेश से कृषक यहा प्रशिक्षण लेने आते हैं, लेकिन आज भी इस प्रशिक्षण संस्थान की इस पौधशाला में किसी का ध्यान नहीं है. स्थानीय लोग भी सरकार से इसके पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं.

नर्सरी इंर्चाज पुरुषोत्तम बडोनी ने बताया कि अगर इस पौधशाला पुनर्निर्माण किया जाए तो यहां विभिन्न प्रकार की पौध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह पौधशाला ऋषिकेश के बाद गढ़वाल की एकमात्र पौधशाला है. जहां काश्तकार कृषि की उन्नत तकनीक को सिखने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां आते हैं. वहीं, विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि विभाग को इस संबन्ध में अवगत करवाया गया है. अगर इस नर्सरी को फिर से तैयार किया जाता है तो कृषकों के लिए काफी फायदेमंद होगा.

Intro:Body:स्टोरी नाम- badhaal udhyaan vibhaag
Mohan kumar
श्रीनगर गढ़वाल

एंकर- भले ही सरकारे कृषि को बढ़ावा देने की बात करती हो लेकिन ऐसा होता हुआ नजर नही आ रहा है श्रीनगर का उद्यान एव प्रशिक्षण विभाग की पौघ साला सालो से सरकार की रहमत का इतजार कर रही है कभी ये हरा भरा रहा करता था लेकिन आज ये जानवरो का बसेरा बन कर रह गयी है देखिये ये रिर्पोट -

विओ 1- 2013 कुदरत की आपदा पुरे उत्तराखंड मे बरसी इस आपदा का असर आज भी उद्यान एव प्रशिक्षण सस्थान मे देखे जा सकते है इस सस्थान की पौद्य साला का एक हिस्सा आज भी रेत से पटा हुआ है ग्रीन हाउस बरबाद हो चुके है अब इस पौद्य साला के इद्र गिर्द सुअरो लावारिस जानवरो ने अपना आसियाना बना लिया है ।पौद्य साला का निर्माण उत्तर प्रदेष सरकार के समय किया गया था पुरे प्रदेष से कृषक यहा प्रशिक्षण लेने आते है लेकिन आज इस प्रशिक्षण सस्थान की इस पौद्य साला मे किसी का ध्यान नही है। स्थानिय लोग भी इसे फिर से बसाने की सरकार से गुजारिस कर रहे है।
बाइट-गणेष भट् स्थानीय
बाइट-पुरषोतम बडोनी इजार्च नर्सरी

विओ -अगर इस पौध साला को फिर से बसाया जाता है तो यहा विभिन्न प्रकार की पौध लगाई जा सकती है जिनकी जानकारी से उत्तराखण्ड की कृषि ाव मजबुत किया जा सकता है ऋषिकेश के बाद यह पौध साला गढवाल की एक मात्र पौध षाला है जहा काष्तकार कृषि की उन्नत तकनीक को सिखने यहा प्रदेष के विभिन्न कोने से यहा पहुचते है विभाग के कर्मचारियो का कहना है विभाग को इस सम्बन्ध मे अवगत करवाया गया है अगर इस नर्सरी को फिर से तैयार किया जाता है तो ये कृषको के लिए फायदे मन्द होगा।

बाइट-पुरषोतम बडोनी इजार्च नर्सरीConclusion:
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