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नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा

टिहरी विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) और जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने नाबालिग लड़की के रेप मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दोषी के खिलाफ 2019 में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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Published : May 13, 2022, 10:23 AM IST

टिहरी: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को कोर्ट ने 20 साल के कठोर करावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर 40 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर दोषी को दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

कोर्ट ने जुर्माने में से 25 हजार रुपए की धनराशि पीड़िता को अदा करने के भी आदेश जारी किए हैं. विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि ये पूरा मामला मई 2019 का है. मुनि की रेती थाने में एक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर दी थी. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया था कि उनकी 14 साल की बेटी 25 अप्रैल 2019 को बिना बताए घर से कहीं चली गई थी. काफी खोजबीन करने के बाद परिजनों को पता चला उनकी बेटी को पास में पार्किंग में काम करने वाला दीपक अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गया है.
पढ़ें- चंपावत: खाई में गिरी कार, तीन लोगों की मौत, एक महिला गंभीर घायल

इस मामले में पुलिस ने दोषी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने जांच के दौरान नाबालिग को दोषी के पास से छुड़ाया था. पुलिस ने कई गवाह और साक्ष्य एकत्रित कर दीपक बाथम के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया.

मामले में विशेष लोक अभियोजक चंद्रवीर नेगी ने अदालत में कई कागजी दस्तावेज और गवाह पेश किए. उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे जघन्य अपराध बताते हुए अदालत से दोषी को कठोर सजा दिए जाने की पैरवी की. बुधवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गवाह और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 40 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

टिहरी: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को कोर्ट ने 20 साल के कठोर करावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर 40 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर दोषी को दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

कोर्ट ने जुर्माने में से 25 हजार रुपए की धनराशि पीड़िता को अदा करने के भी आदेश जारी किए हैं. विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि ये पूरा मामला मई 2019 का है. मुनि की रेती थाने में एक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर दी थी. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया था कि उनकी 14 साल की बेटी 25 अप्रैल 2019 को बिना बताए घर से कहीं चली गई थी. काफी खोजबीन करने के बाद परिजनों को पता चला उनकी बेटी को पास में पार्किंग में काम करने वाला दीपक अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गया है.
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इस मामले में पुलिस ने दोषी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने जांच के दौरान नाबालिग को दोषी के पास से छुड़ाया था. पुलिस ने कई गवाह और साक्ष्य एकत्रित कर दीपक बाथम के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया.

मामले में विशेष लोक अभियोजक चंद्रवीर नेगी ने अदालत में कई कागजी दस्तावेज और गवाह पेश किए. उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे जघन्य अपराध बताते हुए अदालत से दोषी को कठोर सजा दिए जाने की पैरवी की. बुधवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गवाह और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 40 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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