ETV Bharat / state

धीमी गति से चल रहा काकड़ा-गुप्तकाशी बाईपास रोड का कार्य, देरी पर उठ रहे सवाल

author img

By

Published : Feb 28, 2022, 6:56 AM IST

काकड़ा-ल्वारा-गुप्तकाशी बाईपास राजमार्ग निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है.ऐसे में इस बाईपास के बनने में कई वर्षों का समय लग जायेगा. एनएच विभाग के सहायक अभियंता राजबीर ने बताया कि काकड़ा में पुल निर्माण को लेकर पुश्ता तथा आधार स्तम्भ का निर्माण किया जा चुका है, लेकिन मंदाकिनी नदी की दूसरी साइड पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

Rudraprayag
काकड़ा-गुप्तकाशी बाईपास रोड

रुद्रप्रयाग: काकड़ा-ल्वारा-गुप्तकाशी बाईपास राजमार्ग निर्माण में ढिलाई बरते जाने से एनएच विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाईपास में बनने वाले पुल के कार्य में काफी देरी की जा रही है, जबकि सड़क मार्ग के कार्य में भी तेजी नहीं दिखाई जा रही है. ऐसे में इस बाईपास के बनने में कई वर्षों का समय लग जायेगा.

दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर काकड़ा से ल्वारा होते हुए गुप्तकाशी बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. यह कार्य तीन साल पहले शुरू हो गया था, जिसका निर्माण कार्य आज तक आधा भी नहीं हो पाया है. सेमी नामक स्थान पर लगातार भू-धंसाव के चलते इस स्थान पर एनएच ने सुदृढ़ीकरण का कार्य ना करते हुए काकड़ा-ल्वारा बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. बाईपास निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी कार्य धीमी गति से चल रहा है. राजमार्ग पर कई संवेदनशील स्पॉट हैं, जिनका निराकरण करने में भी विभाग को परेशानी हो रही है.

पढ़ें-विकासनगर और चमोली में बर्फ से लकदक हुई पहाड़ियां, बढ़ी लोगों की परेशानियां

यदि इन डेंजर स्थलों का सही से ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो बरसाती सीजन में आवागमन में दिक्कतें होंगी. सामाजिक कार्यकर्ता देवेश नौटियाल ने कहा कि बाईपास निर्माण में विभाग देरी कर रहा है. काकड़ा में पुल का कार्य धीमी गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह से यदि बाईपास का निर्माण किया जायेगा, तो यह कई वर्षों में पूरा हो पायेगा. वहीं एनएच विभाग के सहायक अभियंता राजबीर ने बताया कि काकड़ा में पुल निर्माण को लेकर पुश्ता तथा आधार स्तम्भ का निर्माण किया जा चुका है, लेकिन मंदाकिनी नदी की दूसरी साइड पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

भारी भरकम मशीने जब दूसरी ओर पहुंचेंगी, तभी निर्माण कार्य प्रारम्भ हो पायेगा. कहा कि राजमार्ग निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मशीनों को नदी के दूसरे तट पर पहुंचाने के लिये मंदाकिनी नदी पर मार्ग का डायवर्जन किया जाना है, ताकि इसी मार्ग से भारी भरकम मशीनें नदी के दूसरे तट पर पहुंचाई जा सके. मशीनों के दूसरे तट पर पहुंचने के बाद ही निर्माण कार्य युद्धस्तर पर किया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: काकड़ा-ल्वारा-गुप्तकाशी बाईपास राजमार्ग निर्माण में ढिलाई बरते जाने से एनएच विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाईपास में बनने वाले पुल के कार्य में काफी देरी की जा रही है, जबकि सड़क मार्ग के कार्य में भी तेजी नहीं दिखाई जा रही है. ऐसे में इस बाईपास के बनने में कई वर्षों का समय लग जायेगा.

दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर काकड़ा से ल्वारा होते हुए गुप्तकाशी बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. यह कार्य तीन साल पहले शुरू हो गया था, जिसका निर्माण कार्य आज तक आधा भी नहीं हो पाया है. सेमी नामक स्थान पर लगातार भू-धंसाव के चलते इस स्थान पर एनएच ने सुदृढ़ीकरण का कार्य ना करते हुए काकड़ा-ल्वारा बाईपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. बाईपास निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी कार्य धीमी गति से चल रहा है. राजमार्ग पर कई संवेदनशील स्पॉट हैं, जिनका निराकरण करने में भी विभाग को परेशानी हो रही है.

पढ़ें-विकासनगर और चमोली में बर्फ से लकदक हुई पहाड़ियां, बढ़ी लोगों की परेशानियां

यदि इन डेंजर स्थलों का सही से ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो बरसाती सीजन में आवागमन में दिक्कतें होंगी. सामाजिक कार्यकर्ता देवेश नौटियाल ने कहा कि बाईपास निर्माण में विभाग देरी कर रहा है. काकड़ा में पुल का कार्य धीमी गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह से यदि बाईपास का निर्माण किया जायेगा, तो यह कई वर्षों में पूरा हो पायेगा. वहीं एनएच विभाग के सहायक अभियंता राजबीर ने बताया कि काकड़ा में पुल निर्माण को लेकर पुश्ता तथा आधार स्तम्भ का निर्माण किया जा चुका है, लेकिन मंदाकिनी नदी की दूसरी साइड पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

भारी भरकम मशीने जब दूसरी ओर पहुंचेंगी, तभी निर्माण कार्य प्रारम्भ हो पायेगा. कहा कि राजमार्ग निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मशीनों को नदी के दूसरे तट पर पहुंचाने के लिये मंदाकिनी नदी पर मार्ग का डायवर्जन किया जाना है, ताकि इसी मार्ग से भारी भरकम मशीनें नदी के दूसरे तट पर पहुंचाई जा सके. मशीनों के दूसरे तट पर पहुंचने के बाद ही निर्माण कार्य युद्धस्तर पर किया जायेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.