रुद्रप्रयाग: जिले की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की अनोखी मिसाल कायम. इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में केदारनाथ यात्रा की अहम भूमिका रही है. बीते दो सालों से जनपद की सैकड़ों महिलाएं बाबा केदार की यात्रा के लिए स्थानीय उत्पादों से प्रसाद तैयार कर रही हैं, जिससे उन्हें आमदानी के साथ रोजगार भी मिल रहा है.
बीकेटीसी, प्रशासन व समूहों द्वारा गठित प्रसाद संघ की देखरेख में इस साल भी जनपद में गंगा दुग्ध उत्पादक समूह, स्वराज सहकारिता, पिरामल फाउंडेशन, हरियाली भवन, केदार-बदरी समिति, ह्यूम इंडिया, आस्था, हिमाद्री, आईएलएसपी और एनआरएलएम से जुड़े 142 समूहों में शामिल 1612 महिलाओं ने केदारनाथ यात्रा का प्रसाद तैयार किया है.
पढ़ें: दीपावाली पर वायु प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 25 से 35 फीसदी तक हुई वृद्धि
बता दें कि 142 समूहों से जुड़ी 1612 महिलाएं केदारनाथ यात्रा के लिए स्थानीय उत्पादों से प्रसाद बना रही हैं. प्रसाद में श्रद्धालुओं को चौलाई के लड्डू व चूरमा के साथ धूप, बेलपत्री, गंगाजल, भष्म व केदारनाथ का प्रतीक सिक्का, अलग-अलग मूल्य के पैकेट व बैग में दी जा रही है.
इस साल 9 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में अभी तक 1 करोड़, 20 लाख 80 हजार रुपये का प्रसाद बिक्री हो चुका है. जिसमें से प्रसाद संघ द्वारा 60 लाख रुपए समूहों को भुगतान कर दिया गया है. प्रसाद की बिक्री के लिए प्रशासन के सहयोग से संघ द्वारा सोनप्रयाग व केदारनाथ में काउंटर खोले गए हैं. जहां हर दिन हजारों यात्री प्रसाद खरीद रहे हैं.