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अगस्त्यमुनि में गंदे पानी की सप्लाई से लोगों का चढ़ा पारा, आंदोलन की दी चेतावनी

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Published : May 2, 2019, 11:04 AM IST

चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य को लेकर ध्यान दिया जाता है. नगर में पेयजल व्यवस्था का जिम्मा जल संस्थान के पास है. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अगस्तमुनि में जल संस्थान जिस पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को कर रहा है वह पीने योग्य नहीं है.

घरों में सप्लाई हो रहा गंदा पानी.

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अगस्त्यमुनि क्षेत्र जो केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव है वहां जल संस्थान विभाग शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश है. मामला सामने आने के बाद जल संस्थान के अधिकारी शीध्र समस्या को दूर करने की बात कह रहे हैं.

चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य को लेकर ध्यान दिया जाता है. नगर में पेयजल व्यवस्था का जिम्मा जल संस्थान के पास है. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अगस्तमुनि में जल संस्थान जिस पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को कर रहा है वह पीने योग्य नहीं है. अगस्त्यमुनि क्षेत्र जो केदारनाथ यात्रा का एक मुख्य पड़ाव है. जहां यात्री रुकर अपनी थकान दूर करते हैं. जहां खेल मैदान होने के कारण प्रशासन सड़क मार्ग बंद होने या गुप्तकाशी, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर भीड़ बढ़ने से यात्रियों को रोकता है.

दरअसल, विगत कुछ दिनों से अगस्त्यमुनि क्षेत्र में आये दिन नलों में गन्दा पानी आ रहा है. जिससे लोग खासे परेशान हैं. लोगों का कहना है कि बरसात से पहले ये हाल है तो आगे क्या होगा. क्यों कि वर्षा काल में अधिकतर पानी की लाइनें टूट जाती हैं. लोगों का कहना कि जल संस्थान द्वारा जिस पानी की आपूर्ति की जा रही है वे पीने योग्य नहीं है. वहीं, लोगों को पानी से बीमारियां होने का डर सता रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो वे विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने को विवश होंगे.

जल संस्थान के अवर अभियन्ता सोनू बिष्ट का कहना है कि तड़ाग-उर्खोली मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य चलने के कारण ठेकेदार द्वारा मलबा सौरगढ़ गधेरे में डाला जा रहा है, जिससे सौरगढ़ के स्रोत का पानी मटमैला हो जाता है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा मलबा रात के समय डाला जा रहा है, जिसका पता नहीं लग पाता है. गर्मी और यात्रा को देखते हुए अगस्त्यमुनि में बने नलकूप पम्प से भी पेयजल आपूर्ति की योजना है. इसके लिए नलकूप विभाग से पत्राचार किया गया है. शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार होगा.

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अगस्त्यमुनि क्षेत्र जो केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव है वहां जल संस्थान विभाग शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश है. मामला सामने आने के बाद जल संस्थान के अधिकारी शीध्र समस्या को दूर करने की बात कह रहे हैं.

चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य को लेकर ध्यान दिया जाता है. नगर में पेयजल व्यवस्था का जिम्मा जल संस्थान के पास है. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अगस्तमुनि में जल संस्थान जिस पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को कर रहा है वह पीने योग्य नहीं है. अगस्त्यमुनि क्षेत्र जो केदारनाथ यात्रा का एक मुख्य पड़ाव है. जहां यात्री रुकर अपनी थकान दूर करते हैं. जहां खेल मैदान होने के कारण प्रशासन सड़क मार्ग बंद होने या गुप्तकाशी, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर भीड़ बढ़ने से यात्रियों को रोकता है.

दरअसल, विगत कुछ दिनों से अगस्त्यमुनि क्षेत्र में आये दिन नलों में गन्दा पानी आ रहा है. जिससे लोग खासे परेशान हैं. लोगों का कहना है कि बरसात से पहले ये हाल है तो आगे क्या होगा. क्यों कि वर्षा काल में अधिकतर पानी की लाइनें टूट जाती हैं. लोगों का कहना कि जल संस्थान द्वारा जिस पानी की आपूर्ति की जा रही है वे पीने योग्य नहीं है. वहीं, लोगों को पानी से बीमारियां होने का डर सता रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो वे विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने को विवश होंगे.

जल संस्थान के अवर अभियन्ता सोनू बिष्ट का कहना है कि तड़ाग-उर्खोली मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य चलने के कारण ठेकेदार द्वारा मलबा सौरगढ़ गधेरे में डाला जा रहा है, जिससे सौरगढ़ के स्रोत का पानी मटमैला हो जाता है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा मलबा रात के समय डाला जा रहा है, जिसका पता नहीं लग पाता है. गर्मी और यात्रा को देखते हुए अगस्त्यमुनि में बने नलकूप पम्प से भी पेयजल आपूर्ति की योजना है. इसके लिए नलकूप विभाग से पत्राचार किया गया है. शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार होगा.


---------- Forwarded message ---------
From:rohit dimri <rohitdimri125@gmail.com>
Date: Wed, May 1, 2019, 5:26 PM
Subject: केदार यात्रा पड़ाव के अगस्त्यमुनि क्षेत्र में हो रही दूषित पानी की आपूर्ति
To: <ukinput@etvbharat.com>
Cc: <kirankant.sharma@etvbharat.com>


केदार यात्रा पड़ाव के अगस्त्यमुनि क्षेत्र में हो रही दूषित पानी की आपूर्ति 
किसी भी उपयोग नहीं आ रहा पानी, उपभोक्ता परेशान  
रुद्र्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा की उल्टी गिनती प्रारम्भ हो गई है। नौ मई को कपाट खुलने हैं। सभी विभाग यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं को सुधारने पर लगे हैं। यात्रा में सबसे ज्यादा फोकस पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य को लेकर किया जा रहा है। पेयजल व्यवस्था का जिम्मा जल संस्थान के पास है, मगर जल संस्थान जिस प्रकार के पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को कर रहा है उसे तो किसी भी प्रकार से पेयजल नहीं कह सकते हैं। उसे पीना तो दूर कुछ धो भी नहीं सकते हैं। यदि यही हाल रहा तो यात्री यहां से सुःखद अहसास के वजाय बीमारी लेकर जायेगा। वहीं विभागीय अधिकारी शीघ्र ही व्यवस्था सुधारने की बात कर रहे हैं, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि व्यवस्था सुधारने के चक्कर में यात्रा मार्गों पर गम्भीर पेयजल संकट न बढ़ जाय। 
अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र केदारनाथ यात्रा का एक मुख्य पड़ाव है। जहां पर न केवल यात्री रात्रि विश्राम को रूकता है, बल्कि यहां पर बड़ा खेल मैदान होने के कारण प्रशासन भी सड़क मार्ग बंद होने या गुप्तकाशी, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर भीड़ बढ़ने से यात्रियों को रोका जाता है। ऐसे में यात्रियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होती है, जिनके लिए पेयजल एवं जनसुविधाएं जुटाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में यात्री या तो बोतल बन्द पानी पिये या जल संस्थान द्वारा उपलब्ध कराया गया पानी। अमीर यात्री तो बोतल खरीद लेगा, मगर गरीब यात्री दूषित पानी पीने को मजबूर होगा। दरअसल, विगत कुछ दिनों से अगस्त्यमुनि क्षेत्र में आये दिन नलों में इतना गन्दा पानी आ रहा है। जो कि न तो पीने के काम का है और न धोने के काम का। यहां तक कि गलती से अगर नल खुल गया तो फिर बाहर से साफ पानी लाकर बाथरूम की सफाई करनी पड़ती है। ऐसे में उपभोक्ताओ को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। आक्रोशित उपभोक्ताओं का कहना है कि बरसात होने पर गन्दा पानी तो आता ही था परन्तु अब तो बिना बरसात के ही गन्दा पानी आने लगा है। गर्मी का मौसम तो वैसे भी बीमारी वाला मौसम है। ऐसे में गन्दा पानी पीने से कई बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है। यहां तक इस पानी से नहाने से बदन में खुजली हो रही है। कुछ दिनों में यात्रा भी प्रारम्भ हो रही है। यदि शीघ्र ही साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो विभाग के खिलाफ आन्दोलन छेड़ा जायेगा। जल संस्थान के अवर अभियन्ता सोनू बिष्ट का कहना है कि तड़ाग-उर्खोली मोटरमार्ग पर कार्य करने वाले ठेकेदार द्वारा मलबा सौरगढ़ गधेरे में डाला जा रहा है, जिससे सौरगढ़ वाला स्रोत का पानी मटमेला हो जाता है। वैसे तो विभागीय कर्मी बरसात के समय सजग रहते हैं। ऐसी स्थिति में आरबीएफ पम्प द्वारा ही टैंक भरे जाते हैं, लेकिन ठेकेदार द्वारा मलबा अधिकांशतया रात्रि में डाला जाता है जिसका पता नहीं लग पाता है। गर्मी के मौसम और यात्रा को देखते हुए अगस्त्यमुनि में बने नलकूप पम्प से भी पेयजल आपूर्ति की योजना है। इसके लिए नलकूप विभाग से पत्राचार किया गया है। शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार होगा। 
फोटो -  अगस्त्यमुनि में ऐसे पानी की हो रही है आपूर्ति 

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