रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर ट्रैक्टर चलाकर भारी सामान ले जाना एक जोखिमभरा ही नहीं, बल्कि साहसिक काम भी है. नेपाल मूल का निवासी विरमल शाही गौरीकुंड से करीब 10 से 15 क्विंटल का भारी सामान ट्रैक्टर से केदारनाथ धाम तक पहुंचा रहे हैं. विरमल हालांकि केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग में आपदा के बाद से ही काम कर रहे हैं मगर अब वह यहां की हर परिस्थिति में ढलते हुए इस साहसिक काम को कर रहे हैं.
आपदा के बाद से काम कर रहे विरमल: नेपाल निवासी विरमल शाही केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2014 में केदारनाथ आए. तब नेहरु पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए जा रहे पुनर्निर्माण के कार्यों में उन्होंने बतौर मजदूर काम किया. कड़ाके की ठंड में अथक मेहनत करते रहे. घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी चलाने के साथ ही सामान और यात्री को धाम तक पहुंचाने का काम भी किया. वर्ष 2018 में विरमल शाही जो अब गणेश शाही के नाम भी मशहूर है उन्होंने केदारनाथ पथ निर्माण में पत्थर लगाने का काम किया.
यह भी पढ़ें: चारधाम यात्रा में अब हर घंटे दर्शन के स्लॉट का नया प्रयोग, यात्रियों को होगी सुविधा या पेश आएगी मुश्किल ?
ट्रैक्टर से पहुंचा रहे सामान: विरमल अब बी क्लास के ठेकेदार बन गए हैं और केदारनाथ पुर्ननिर्माण में लगी अनेक कार्यदायी संस्थाओं का भारी सामान ट्रैक्टर से केदारनाथ धाम पहुंचा रहे हैं. विरमल शाही ने बताया कि वह 2014 से केदारनाथ में कार्य कर रहे हैं. पहली बार उन्होंने 2014 में ट्रैक्टर चलाना सीखा और धीरे-धीरे इस में महारथ हासिल की. वर्तमान में विरमल के पास अपना स्वयं का ट्रैक्टर है, जिससे वह एक दिन में 10 से 15 क्विंटल का सामान करीब 10 घंटे में केदारनाथ पहुंचा रहे हैं. वह उसी दिन वापस भी लौटने की हिम्मत रखते हैं.