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रुद्रप्रयाग: हाईवे चौड़ीकरण कार्य में नियमों की उड़ रही धज्जियां, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग

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Published : Oct 22, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 3:41 PM IST

रुद्रप्रयाग में ऑल वेदर रोड़ का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाएं नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगी हैं. पहाड़ी को काटने के लिए रात के समय विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग: ऑल वेदर रोड़ का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाएं नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगी हैं. पहाड़ी को काटने के लिए रात के समय विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे आस-पास के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. साथ ही लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. इसके साथ ही कार्यदायी संस्था मलबे और बोल्डरों को अलकनंदा और मंदाकिनी नदी में गिरा रही है, जिससे नदियां मैली होकर बह रही है. इसके आलवा नदियों में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी खतरे में है.

स्थानीय लोगों ने कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यह स्थिति एक जगह नहीं, बल्कि कई जगह पर है. जहां मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय नदियों में डाला जा रहा है. चारधाम परियोजना के अंतर्गत बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे के चैड़ीकरण का कार्य जारी है. कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि हाईवे पर होने वाली कटिंग का मलबा नदी से दूर डाला जाएगा, लेकिन यहां कार्यदायी संस्थाएं नियमों को ताक पर रखते हुए भारी मात्रा में मलबे और बोल्डरों को नदियों में गिरा रही हैं. बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग के निकट पिछले कई माह से हाईवे चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन यहां पर मलबा डंपिंग जोन में डालने के बजाय नदी में भी डाला जा रहा है. नदि किनारे मलबे के ढ़ेर लगे हुए हैं.

हाईवे चौड़ीकरण कार्य में नियमों की उड़ रही धज्जियां.

वहीं, केदारनाथ हाईवे पर तहसील के निकट भी यहीं स्थिति है. यहां पर कई बार मलबा नदीं में डाला जा रहा है. उक्त स्थानों पर कई बार लंबा जाम लग जाता है. ऐसे में कार्यदायी संस्थाएं जाम को शीघ्र खोलने के चक्कर में मलबे को नदी में डाल देते हैं. नदियों में मलबा डालने से एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कार्यदायी संस्थाओं को पहले ही अवगत कराया गया था किसी भी प्रकार का मलबा या बोल्डर नदियों में नहीं डाले जाएंगे, लेकिन कार्यदायी संस्थाएं बाज नहीं आ रही हैं. मंदाकिनी और अलकनंदा नदी में कई स्थानों पर मलबे को देखा जा सकता है.

पढ़ें: पत्नी ने कनाडा से मेल भेजकर पति को दूसरी शादी करने से रोका, जांच में जुटी पुलिस

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि कटिंग के दौरान रात के समय विस्फोट किए जाने की शिकायत मिल रही हैं. ऐसे में एनएच के अधिशासी अभियंता से स्थानीय लोगों से वार्ता करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा नदी में मलबा डाले जाने के संबंध में डीएफओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. जो समय-समय पर नदियों का निरीक्षण कर रही है और नदियों में मलबा डालने पर कार्रवाई कर रही है.

रुद्रप्रयाग: ऑल वेदर रोड़ का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाएं नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगी हैं. पहाड़ी को काटने के लिए रात के समय विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे आस-पास के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. साथ ही लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. इसके साथ ही कार्यदायी संस्था मलबे और बोल्डरों को अलकनंदा और मंदाकिनी नदी में गिरा रही है, जिससे नदियां मैली होकर बह रही है. इसके आलवा नदियों में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी खतरे में है.

स्थानीय लोगों ने कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यह स्थिति एक जगह नहीं, बल्कि कई जगह पर है. जहां मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय नदियों में डाला जा रहा है. चारधाम परियोजना के अंतर्गत बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे के चैड़ीकरण का कार्य जारी है. कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि हाईवे पर होने वाली कटिंग का मलबा नदी से दूर डाला जाएगा, लेकिन यहां कार्यदायी संस्थाएं नियमों को ताक पर रखते हुए भारी मात्रा में मलबे और बोल्डरों को नदियों में गिरा रही हैं. बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग के निकट पिछले कई माह से हाईवे चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन यहां पर मलबा डंपिंग जोन में डालने के बजाय नदी में भी डाला जा रहा है. नदि किनारे मलबे के ढ़ेर लगे हुए हैं.

हाईवे चौड़ीकरण कार्य में नियमों की उड़ रही धज्जियां.

वहीं, केदारनाथ हाईवे पर तहसील के निकट भी यहीं स्थिति है. यहां पर कई बार मलबा नदीं में डाला जा रहा है. उक्त स्थानों पर कई बार लंबा जाम लग जाता है. ऐसे में कार्यदायी संस्थाएं जाम को शीघ्र खोलने के चक्कर में मलबे को नदी में डाल देते हैं. नदियों में मलबा डालने से एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कार्यदायी संस्थाओं को पहले ही अवगत कराया गया था किसी भी प्रकार का मलबा या बोल्डर नदियों में नहीं डाले जाएंगे, लेकिन कार्यदायी संस्थाएं बाज नहीं आ रही हैं. मंदाकिनी और अलकनंदा नदी में कई स्थानों पर मलबे को देखा जा सकता है.

पढ़ें: पत्नी ने कनाडा से मेल भेजकर पति को दूसरी शादी करने से रोका, जांच में जुटी पुलिस

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि कटिंग के दौरान रात के समय विस्फोट किए जाने की शिकायत मिल रही हैं. ऐसे में एनएच के अधिशासी अभियंता से स्थानीय लोगों से वार्ता करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा नदी में मलबा डाले जाने के संबंध में डीएफओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. जो समय-समय पर नदियों का निरीक्षण कर रही है और नदियों में मलबा डालने पर कार्रवाई कर रही है.

Last Updated : Nov 18, 2020, 3:41 PM IST
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