रुद्रप्रयागः भरदार पट्टी के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले जवाड़ी बाईपास से मल्यासू-कोटली-बांसी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य सालों से अधर में लटका है. जिस कारण ग्रामीण 10 से 12 किमी की दूरी पैदल नापने के लिए मजबूर हैं. इतना ही नहीं सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं, बीमार और बुजुर्गों को होती है. अगर कोई घायल या बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब ग्रामीणों ने मांगों पर कोई कार्रवाई न होता देख, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार (boycott assembly election) करने की चेतावनी दी है.
बता दें कि साल 2008 में शासन से जवाड़ी बाईपास से मल्यासू-कोटली-बांसी (malyasu-kotli-bansi road) 16 किमी मोटर मार्ग की स्वीकृति मिली थी. पहले तो स्वीकृति के 7 साल बाद मोटरमार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो पाया और अब इन 6 सालों में मात्र दो किमी ही मोटरमार्ग का निर्माण हो पाया है, जिस कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं. क्षेत्र के खरगेड़, सेरा, बांसी, कोटली, मल्यासू की जनता को टिहरी और पौड़ी जिले से होकर यानी करीब 80 किमी दूरी तय कर जिला मुख्यालय पहुंचाना पड़ता है और इसके बाद सरकारी कार्यालयों में भटकना पड़ता है. जबकि, गरीब जनता 10 से 12 किमी की पैदल दौड़ लगाने को मजबूर हैं.
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आखें पथरा गई, लेकिन सड़क नहीं पहुंचीः सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह रावत, ग्राम प्रधान पपड़ासू विमल सिंह, बांसी अंजना देवी, रौठिया सुमन देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष आशा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में कहा कि सालों से ग्रामीण जनता बिना सड़क के परेशान है. विधानसभा चुनाव के दौरान नेता गांव में आकर झूठा आश्वासन देकर निकल जाते हैं और चुनाव जीतने के बाद दोबार ग्रामीणों की समस्याएं सुनने भी नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि भरदार पट्टी के दर्जनों गांव इस मोटर मार्ग की आस लगाए हुए हैं. सड़क निर्माण की राह में आखें पथरा गई, लेकिन सड़क नहीं पहुंच पाई है.
चुनाव जीतने के बाद विधायक हुए गायबः उनका कहना है कि इस मोटर मार्ग के निर्माण से सभी को फायदा होगा. क्योंकि, बरसात के दौरान ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे मलबा आने से बंद हो जाता है. ऐसे में मल्यासू-कोटली-बांसी मोटरमार्ग विकल्प के तौर पर काम आ सकता है. ग्रामीणों ने बाताया कि बीते 6 सालों से मात्र दो किमी मोटर मार्ग का निर्माण हो पाया है. ऐसे में लगता है कि इस मोटर मार्ग को बनने में कई सालों का समय लग जायेगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों की समस्याओं को समझने के लिए तैयार नहीं हैं. चुनाव जीतने के बाद विधायक ने एक बार भी क्षेत्र की ओर मुड़कर नहीं देखा.
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विधायक गिना रहे सड़कों की सौगातः आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार का लाभ भरदार पट्टी की जनता को नहीं मिल रहा है. जबकि, क्षेत्रीय विधायक हर मंच से कह रहे हैं कि उन्होंने रुद्रप्रयाग विधानसभा में दो सौ करोड़ की सड़कों की सौगात दी है. यह सौगात भरदार पट्टी की जनता को नहीं मिली है. क्षेत्रीय जनता के अथक प्रयासों से मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली और शासन-प्रशासन से दरख्वास्त करने पर कार्य शुरू हुआ, लेकिन यह कार्य अधर में लटक गया है.
रोड नहीं तो वोट नहींः उनका कहना है कि मुख्यमंत्री से लेकर शासन-प्रशासन को ज्ञापन देने के बाजवूद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है. अब ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से रोड नहीं तो वोट नहीं गठित समिति गठित कर आगामी विधासनभा चुनाव करने का प्रस्ताव पारित किया है. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.