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ग्रामीणों ने किया रेल लाइन निर्माण कार्य का विरोध, कार्यदायी संस्था पर नियमों के उल्लंघन का आरोप

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत खांकरा में सुरंग निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसका स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

रेल निर्माण कार्य से आक्रोशित ग्रामीणों ने दिया सांकेतिक धरना.
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Published : Oct 25, 2019, 10:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत खांकरा में सुरंग निर्माण किया जा रहा है. जिसके कारण हो रहे विस्फोट और क्रशर के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए कार्य को बंद कराया है. साथ ही लोगों ने कार्य स्थल संपर्क मार्ग पर तीन घंटे तक धरना भी दिया.

बता दें कि शुक्रवार सुबह पूर्व प्रधान नरेंद्र प्रसाद ममगाईं और सामााजिक कार्यकर्ता बुद्धिबल्लभ ममगाईं के नेतृत्व में ग्रामीण कार्यस्थल पर पहुंचे. उन्होंने रेल लाइन के लिए सुरंग निर्माण में विस्फोट करने और क्रशर लगाने का जमकर विरोध किया. उन्होंने नारेबाजी कर मौके पर ही कार्य को बंद करा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि वे रेल लाइन परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं. जिस तरह से मानकों का उल्लंघन कर कार्यदायी संस्था द्वारा बस्ती के समीप सुरंग निर्माण में विस्फोट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो सही नहीं है.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र : BJP-शिवसेना गठबंधन ने सत्ता बरकरार रखी, मजबूत हुआ विपक्ष

कार्यदायी संस्था द्वारा देर रात तक किए जा रहे विस्फोटों के कारण आवासीय भवनों में कंपन हो रहे हैं. जिससे लोग भयभीत हो रहे हैं. साथ ही बस्ती से 50 मीटर की दूरी पर क्रशर लगाया गया है. जिससे उड़ रही धूल से बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है. उन्होंने भारत सरकार व आरबीएनएल पर बिना नीति के पहाड़ में रेल लाइन निर्माण का आरोप भी लगाया है.

उन्होंने कहा कि भूमि अधिगृहित कर प्रभावितों का मुआवजा तक सीमित कर दिया गया है. उनके लिए परियोजना में रोजगार का कोई प्रावधान नहीं है. इसके बाद ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे से कार्यस्थल तक बनाई गई सड़क पर सांकेतिक धरना भी दिया. ग्रामीणों का कहना है कि कार्यदायी संस्था ने अगर दोबारा कार्य शुरू किया तो फिर से धरना दिया जाएगा.

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत खांकरा में सुरंग निर्माण किया जा रहा है. जिसके कारण हो रहे विस्फोट और क्रशर के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए कार्य को बंद कराया है. साथ ही लोगों ने कार्य स्थल संपर्क मार्ग पर तीन घंटे तक धरना भी दिया.

बता दें कि शुक्रवार सुबह पूर्व प्रधान नरेंद्र प्रसाद ममगाईं और सामााजिक कार्यकर्ता बुद्धिबल्लभ ममगाईं के नेतृत्व में ग्रामीण कार्यस्थल पर पहुंचे. उन्होंने रेल लाइन के लिए सुरंग निर्माण में विस्फोट करने और क्रशर लगाने का जमकर विरोध किया. उन्होंने नारेबाजी कर मौके पर ही कार्य को बंद करा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि वे रेल लाइन परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं. जिस तरह से मानकों का उल्लंघन कर कार्यदायी संस्था द्वारा बस्ती के समीप सुरंग निर्माण में विस्फोट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो सही नहीं है.

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कार्यदायी संस्था द्वारा देर रात तक किए जा रहे विस्फोटों के कारण आवासीय भवनों में कंपन हो रहे हैं. जिससे लोग भयभीत हो रहे हैं. साथ ही बस्ती से 50 मीटर की दूरी पर क्रशर लगाया गया है. जिससे उड़ रही धूल से बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है. उन्होंने भारत सरकार व आरबीएनएल पर बिना नीति के पहाड़ में रेल लाइन निर्माण का आरोप भी लगाया है.

उन्होंने कहा कि भूमि अधिगृहित कर प्रभावितों का मुआवजा तक सीमित कर दिया गया है. उनके लिए परियोजना में रोजगार का कोई प्रावधान नहीं है. इसके बाद ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे से कार्यस्थल तक बनाई गई सड़क पर सांकेतिक धरना भी दिया. ग्रामीणों का कहना है कि कार्यदायी संस्था ने अगर दोबारा कार्य शुरू किया तो फिर से धरना दिया जाएगा.

Intro:रेल लाइन निर्माण में विस्फाट किये जाने से ग्रामीण भयभीत
आक्रोश जताकर तीन घंटे तक दिया सांकेतिक धरना
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत खांकरा में सुरंग निर्माण में किए जा रहे विस्फोट और क्रशर के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए कार्य बंद कराया। साथ ही कार्य स्थल संपर्क मार्ग पर तीन घंटे तक धरना भी दिया।Body:शुक्रवार को सुबह पूर्व प्रधान नरेंद्र प्रसाद ममगाईं व समााजिक कार्यकर्ता बुद्धिबल्लभ ममगाईं के नेतृत्व में ग्रामीण कार्यस्थल पर पहुंचे और रेल लाइन के लिए सुरंग निर्माण में विस्फोट करने और क्रशर लगाने का जमकर विरोध किया। उन्होंने नारेबाजी के साथ मौके पर कार्य बंद कराया। ग्रामीणों का कहना था कि वे रेल लाइन परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से मानकों का उल्लंघन कर कार्यदायी संस्था द्वारा बस्ती के समीप सुरंग निर्माण में विस्फोट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह सही नहीं है। कार्यदायी संस्था द्वारा देर रात्रि को किए जा रहे विस्फोटों के कारण आवासीय भवनों में कंपन हो रहा है, जिससे लोग भयभीत हो रहे हैं। साथ ही बस्ती से पचास मीटर की दूरी पर क्रशर लगाया गया है, जिससे उड़ रही धूल से बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है। उन्होंने भारत सरकार व आरबीएनएल पर बिना नीति के पहाड़ में रेल लाइन निर्माण का आरोप भी लगाया। कहा कि भूमि अधिगृहित कर प्रभावितों को मुआवजा तक सीमित कर दिया गया है। उनके लिए परियोजना में रोजगार का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे से कार्यस्थल तक बनाई गई सड़क पर पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर बाद दो बजे तक सांकेतिक धरना भी दिया। कहा कि अगर, कार्यदायी संस्था ने पुनरू कार्य शुरू किया तो दोबार धरना दिया जाएगा।

फोटो: रेल निर्माण कार्य से आक्रोशित ग्रामीण धरना देते हुए Conclusion:
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