रुद्रप्रयाग: जिले में बधानी-छेनागाढ़ मोटरमार्ग निर्माण और बरसिर-बधानी मोटरमार्ग को हॉट मिक्स करने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए है. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता चिरंजीव सेमवाल पिछले चार दिन से भूख हड़ताल पर डटे हैं.
बांगर के इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में मातृशक्ति और युवा अपने बुनियादी सवालों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. स्थानीय लोगों ने बधानी-छेनागढ़ मोटरमार्ग निर्माण और बरसिर-बधानी मोटरमार्ग को हॉट मिक्स करने की मांग को लेकर बधानी के क्वयांखाल गदेरा पणसिला से मुंयाघर तक 12 किमी पैदल यात्रा निकाली.
इस दौरान स्थानीय जनता ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का घेराव भी किया. भूख हड़ताल पर बैठे चिरंजीव सेमवाल ने कहा कि जब तक वनभूमि की स्वीकृति नहीं मिल जाती है, वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से सड़क निर्माण को लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है. अब जनता ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना दिया है. चिरंजीव सेमवाल के समर्थन में पिछले 3 दिन से कमल सिंह मेंगवाल भी भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं, मुकंद लाल भारती क्रमिक अनशन पर बैठे हैं.
आंदोलनकारियों ने कहा कि बधानी से छेनागढ़ सड़क को जोड़ने की मांग वर्षों पुरानी है. हर बार मुख्यमंत्री इस सड़क की घोषणा करते हैं, लेकिन आज तक इस पर काम नहीं हुआ. हर बार वन भूमि की आड़ में सड़क निर्माण के कार्य में बाधा डाली जा रही है. पौधरोपण के लिए जमीन भी चिन्हित की गई है, लेकिन इसमें भी खामी निकालकर काम लटकाया जा रहा है.
धरना स्थल पर ब्लॉक प्रमुख एवं कांग्रेस नेता प्रदीप थपलियाल सहित अन्य लोगों ने सरकार व स्थानीय विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीते 20 सालों से बधाणी-छेनागाड़ मोटर मार्ग निर्माण व बरसिर-बधाणी मोटर मार्ग को हाट मिक्स से डामरीकरण करने को लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है. मगर अब आर पार की लड़ाई लड़ी जायेगी.
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आमरण अनशन स्थल पर आंदोलनकारियों के समर्थन में जनाक्रोश रैली में लोगों ने एक स्वर में कहा कि जब तक सरकार, विभाग व शासन प्रशासन ने जनता की दो दशक से चल रही बहुप्रतीक्षित मांग बधाणी-छेनागाड मोटर मार्ग निर्माण व बरसिर-बधाणी मोटर मार्ग को हाट मिक्स करने की कार्रवाई अमल में नहीं लायी जाएगी, तब तक उनका आंदोलन एवं भूख हड़ताल जारी रहेगी.
वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया. यूकेडी के जिला उपाध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि लंबे समय से स्थानीय लोग पूर्वी और पश्चिमी बांगर को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. यहां कई मुख्यमंत्री आए और सड़क निर्माण की घोषणा कर चले गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. थक हारकर स्थानीय लोगों ने आंदोलन का मन बना दिया है. उन्होंने कहा कि उक्रांद लंबे समय से बांगर की सड़क, स्वास्थ्य, संचार सहित अन्य बुनियादी सवालों को लेकर लड़ रहा है. आगे भी उक्रांद यहां के मुद्दों को उठाता रहेगा.