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रुद्रप्रयाग: सौ साल बाद निकली मां क्वांरिका की भव्य यात्रा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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Published : Feb 26, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 1:22 PM IST

रुद्रप्रयाग जिले में सौ वर्षों बाद मां क्वांरिका (चंडिका) की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. यात्रा छह महीने तक चलेगी.

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रुद्रप्रयाग: जिले के मणिगुह और भटवाड़ी में सौ वर्षों बाद मां क्वांरिका (चंडिका) की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. रुद्रप्रयाग मुख्यालय पहुंचने पर यात्रा का स्थानीय भक्तों ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान यात्रा ने कोटेश्वर मंदिर पहुंचकर गंगा स्नान किया. छह महीने तक चलने वाली मां क्वांरिका की यात्रा चारों दिशाओं के गांवों का भ्रमण करते हुए अपने भक्तों को आशीर्वाद देगी. साथ ही यात्रा समाप्त होने के बाद विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाएगा.

सौ साल बाद निकली मां क्वांरिका की भव्य यात्रा.

बता दें कि माता सती द्वारा राजा दक्ष के अग्नि कुंड में प्राण त्यागने के बाद से राजयात्रा शुरू हुई थी. जो की प्राचीनकाल में लोगों की ओर से नंदा देवी राजजात की तरह कई किमी पैदल चारों दिशाओं में निकाली जाती थी. लेकिन ग्रामीणों के द्वारा बीते सौ साल तक मां क्वांरिका देवी की वन्याथ यात्रा को लेकर सहमति नहीं बन पाई. मगर इस बार छह गांव के ग्रामीणों में सहमति बनी और राजयात्रा दोबारा शुरू की गई. ग्रामीणों की अनुसार मां क्वारिंका देवी के सौ साल पूर्व की यात्रा के सभी अभिलेख उनके पास मौजूद हैं.

पढ़ें: नेशनल हाइवे की दुर्दशा पर हरदा की 'ग्राउंड रिपोर्टिंग', त्रिवेंद्र सरकार के दावों की खोली पोल

छह महीने तक चलने वाली इस वन्याथ यात्रा में प्रत्येक दिन बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं. वहीं, मां क्वांरिका देवी की यात्रा पुरे गांवों में घुमाई जा रही है. श्रद्धालु भी मां क्वांरिका का जगह-जगह पुष्प-अक्षत्रों से भव्य स्वागत कर रहे हैं. सौ वर्षों बाद मणिगुह, भटवाड़ी मालखी, एंटा, खाल्यिों, खमोली, बंड़ी और स्यालडोभा के ग्रामीणों की ओर से मां क्वांरिका देवी की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. वन्याथ यात्रा में नौ शिवगण ऐसे हैं, जो छह माह तक पूरी यात्रा में साथ चलेंगे. ये नौ लोग नंगे पैर चलेंगे और स्वयं खाना बनाकर एक समय का खाना खाएंगे. इन छह महीनों में इन नौ लोगों के परिवार की कैसी भी परिस्थिति होगी, उससे वन्याथ यात्रा समिति देखेगी.

रुद्रप्रयाग: जिले के मणिगुह और भटवाड़ी में सौ वर्षों बाद मां क्वांरिका (चंडिका) की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. रुद्रप्रयाग मुख्यालय पहुंचने पर यात्रा का स्थानीय भक्तों ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान यात्रा ने कोटेश्वर मंदिर पहुंचकर गंगा स्नान किया. छह महीने तक चलने वाली मां क्वांरिका की यात्रा चारों दिशाओं के गांवों का भ्रमण करते हुए अपने भक्तों को आशीर्वाद देगी. साथ ही यात्रा समाप्त होने के बाद विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाएगा.

सौ साल बाद निकली मां क्वांरिका की भव्य यात्रा.

बता दें कि माता सती द्वारा राजा दक्ष के अग्नि कुंड में प्राण त्यागने के बाद से राजयात्रा शुरू हुई थी. जो की प्राचीनकाल में लोगों की ओर से नंदा देवी राजजात की तरह कई किमी पैदल चारों दिशाओं में निकाली जाती थी. लेकिन ग्रामीणों के द्वारा बीते सौ साल तक मां क्वांरिका देवी की वन्याथ यात्रा को लेकर सहमति नहीं बन पाई. मगर इस बार छह गांव के ग्रामीणों में सहमति बनी और राजयात्रा दोबारा शुरू की गई. ग्रामीणों की अनुसार मां क्वारिंका देवी के सौ साल पूर्व की यात्रा के सभी अभिलेख उनके पास मौजूद हैं.

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छह महीने तक चलने वाली इस वन्याथ यात्रा में प्रत्येक दिन बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं. वहीं, मां क्वांरिका देवी की यात्रा पुरे गांवों में घुमाई जा रही है. श्रद्धालु भी मां क्वांरिका का जगह-जगह पुष्प-अक्षत्रों से भव्य स्वागत कर रहे हैं. सौ वर्षों बाद मणिगुह, भटवाड़ी मालखी, एंटा, खाल्यिों, खमोली, बंड़ी और स्यालडोभा के ग्रामीणों की ओर से मां क्वांरिका देवी की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. वन्याथ यात्रा में नौ शिवगण ऐसे हैं, जो छह माह तक पूरी यात्रा में साथ चलेंगे. ये नौ लोग नंगे पैर चलेंगे और स्वयं खाना बनाकर एक समय का खाना खाएंगे. इन छह महीनों में इन नौ लोगों के परिवार की कैसी भी परिस्थिति होगी, उससे वन्याथ यात्रा समिति देखेगी.

Last Updated : Feb 26, 2020, 1:22 PM IST
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