ETV Bharat / state

Uttarakhand Library Village: रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड के पहले 'लाइब्रेरी विलेज' का हुआ उद्घाटन

उत्तराखंड के पहले पुस्तकालय गांव का उद्घाटन हो गया है. रुद्रप्रयाग जिले के मणिगुह गांव को उत्तराखंड का पहला पुस्तकालय गांव बनाया गया है. अगस्त्यमुनि के दूरस्थ गांव बांजगड्डू की बीना नेगी मिश्र ने पुस्तकालय गांव बनाने की पहल शुरू की है.

Uttarakhand Library Village
रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड के पहले 'लाइब्रेरी विलेज' का हुआ उद्घाटन
author img

By

Published : Jan 27, 2023, 4:22 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 4:58 PM IST

रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड के पहले 'लाइब्रेरी विलेज' का हुआ उद्घाटन

रुद्रप्रयाग: धार्मिक अनुष्ठान और विधि विधान के साथ अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के दूरस्थ गांव मणिगुह में बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के पहले पुस्तकालय गांव का उद्घाटन हो गया है. इस मौके पर हुए भव्य कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. उत्तराखंड के पहले पुस्तकालय विलेज के उद्घाटन के मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली से लोग पहुंचे.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि एक दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में ज्ञानोपार्जन का सबसे सरल और सुगम साधन उपलब्ध कराना विकास की सोच को दर्शाता है. पुस्तकालय ही वह स्थान है, जहां से देश और समाज की उन्नति के द्वार खुलते हैं.

गांव घर फाउंडेशन की संस्थापक बीना नेगी मिश्र ने कहा कि पहाड़ से रोजगार के लिए बड़े स्तर पर पलायन हुआ. जिसकी पीड़ा हर पहाड़ी को है. मेरे पिता ने भी रोजगार के लिए छोटी उम्र में पलायन किया. वे जीवन भर अपने गांव को नहीं भूल पाये. उनका सपना था कि वे वापस अपने गांव जरूर लौटें. लेकिन जीवन की भागदौड़ में वे जीते जी नहीं लौट पाये.
पढे़ं- Uttarakhand Library Village: रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड का पहला 'लाइब्रेरी विलेज' तैयार

बता दें उत्तराखण्ड के पहले पुस्तकालय गांव की सोच अगस्त्यमुनि के दूरस्थ गांव बांजगड्डू की बीना नेगी मिश्र की है. बीना एमबीए करने के बाद दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं. मगर वह अपने गांव को नहीं भूल पाईं. जिस गांव ने उन्हें इतना सब कुछ दिया उसके लिए कुछ कर गुजरने के संकल्प के साथ वह नौकरी छोड़कर वापस गांव आ गईं. इसमें उनका साथ उनके पति सुमन मिश्र ने दिया. वे रेख्ता फाउंडेशन के उपक्रम सूफीनामा में संपादक के पद पर कार्यरत हैं.
पढे़ं- Bageshwar Dham: उत्तराखंड पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री, वीडियो में बोले- 'कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे'

बीना नेगी मिश्र ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर ‘हमारा गांव-घर फाउंडेशन’ नामक संस्था बनाकर उसके तहत उत्तराखंड में ऐसे नए विकसित थीम गांव तैयार करने का बीड़ा उठाया है, जहां विकसित शहरों के जागरूक लोगों को आकर्षित कर रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके. अपने कार्य की शुरुआत उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले के मणिगुह गांव से की है. जिसे वह भारत का पहला पुस्तकालय गांव बनाने के प्रयास में जुटी हैं.
पढे़ं- Bageshwar Dham Sarkar Row: बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य ! एक ने किया समर्थन दूसरे ने दी 'चमत्कार' को चुनौती

मणिगुह गांव को राज्य का पहला पुस्तकालय गांव बनाया गया है. यहां एक सेंट्रल लाइब्रेरी के अलावा जगह जगह पढ़ने की व्यवस्था है. सेंट्रल लाइब्रेरी में दुर्लभ किताबें और कुछ पाण्डुलिपियां भी उपलब्ध हैं. हर घर में जरूरी किताबें होंगी. बच्चों को स्मार्ट क्लास के अलावा कम्प्यूटर की शिक्षा भी यहां दी जायेगी. इस पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर किताबों के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध हैं. चूंकि उत्तराखंड तीर्थों की भूमि है, इसलिए इन युवाओं ने इस गांव में पुस्तकालय को घर-घर पहुंचाने के लिए पुस्तक मंदिरों की योजना भी बनाई है, जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है.

रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड के पहले 'लाइब्रेरी विलेज' का हुआ उद्घाटन

रुद्रप्रयाग: धार्मिक अनुष्ठान और विधि विधान के साथ अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के दूरस्थ गांव मणिगुह में बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के पहले पुस्तकालय गांव का उद्घाटन हो गया है. इस मौके पर हुए भव्य कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. उत्तराखंड के पहले पुस्तकालय विलेज के उद्घाटन के मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली से लोग पहुंचे.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि एक दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में ज्ञानोपार्जन का सबसे सरल और सुगम साधन उपलब्ध कराना विकास की सोच को दर्शाता है. पुस्तकालय ही वह स्थान है, जहां से देश और समाज की उन्नति के द्वार खुलते हैं.

गांव घर फाउंडेशन की संस्थापक बीना नेगी मिश्र ने कहा कि पहाड़ से रोजगार के लिए बड़े स्तर पर पलायन हुआ. जिसकी पीड़ा हर पहाड़ी को है. मेरे पिता ने भी रोजगार के लिए छोटी उम्र में पलायन किया. वे जीवन भर अपने गांव को नहीं भूल पाये. उनका सपना था कि वे वापस अपने गांव जरूर लौटें. लेकिन जीवन की भागदौड़ में वे जीते जी नहीं लौट पाये.
पढे़ं- Uttarakhand Library Village: रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड का पहला 'लाइब्रेरी विलेज' तैयार

बता दें उत्तराखण्ड के पहले पुस्तकालय गांव की सोच अगस्त्यमुनि के दूरस्थ गांव बांजगड्डू की बीना नेगी मिश्र की है. बीना एमबीए करने के बाद दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं. मगर वह अपने गांव को नहीं भूल पाईं. जिस गांव ने उन्हें इतना सब कुछ दिया उसके लिए कुछ कर गुजरने के संकल्प के साथ वह नौकरी छोड़कर वापस गांव आ गईं. इसमें उनका साथ उनके पति सुमन मिश्र ने दिया. वे रेख्ता फाउंडेशन के उपक्रम सूफीनामा में संपादक के पद पर कार्यरत हैं.
पढे़ं- Bageshwar Dham: उत्तराखंड पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री, वीडियो में बोले- 'कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे'

बीना नेगी मिश्र ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर ‘हमारा गांव-घर फाउंडेशन’ नामक संस्था बनाकर उसके तहत उत्तराखंड में ऐसे नए विकसित थीम गांव तैयार करने का बीड़ा उठाया है, जहां विकसित शहरों के जागरूक लोगों को आकर्षित कर रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके. अपने कार्य की शुरुआत उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले के मणिगुह गांव से की है. जिसे वह भारत का पहला पुस्तकालय गांव बनाने के प्रयास में जुटी हैं.
पढे़ं- Bageshwar Dham Sarkar Row: बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य ! एक ने किया समर्थन दूसरे ने दी 'चमत्कार' को चुनौती

मणिगुह गांव को राज्य का पहला पुस्तकालय गांव बनाया गया है. यहां एक सेंट्रल लाइब्रेरी के अलावा जगह जगह पढ़ने की व्यवस्था है. सेंट्रल लाइब्रेरी में दुर्लभ किताबें और कुछ पाण्डुलिपियां भी उपलब्ध हैं. हर घर में जरूरी किताबें होंगी. बच्चों को स्मार्ट क्लास के अलावा कम्प्यूटर की शिक्षा भी यहां दी जायेगी. इस पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर किताबों के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध हैं. चूंकि उत्तराखंड तीर्थों की भूमि है, इसलिए इन युवाओं ने इस गांव में पुस्तकालय को घर-घर पहुंचाने के लिए पुस्तक मंदिरों की योजना भी बनाई है, जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है.

Last Updated : Jan 27, 2023, 4:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.