रुद्रप्रयागः किसी भी प्रकार की हादसे के मद्देनजर फर्स्ट रिस्पांडर को लेकर परिवहन विभाग की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में वाहन स्वामी, चालक, वाहन संघ के अध्यक्ष समेत छात्रों ने हिस्सा लिया. इस मौके डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि घायल की मदद करना जीवन का सबसे बड़ा काम होता है. वहीं, पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे ने लोगों से किसी दुर्घटना को अनदेखा न कर घायल व्यक्ति की मदद करने की अपील की.
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि हादसे के समय पुलिस, वाहन चालक और अन्य व्यक्तियों की ओर से त्वरित कार्रवाई की जाती है, ऐसे में उसे फर्स्ट रिस्पांडर कहा जाता है. हादसे के बाद घायलों को जल्द से जल्द राहत एवं बचाव कार्य करने पर उस व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है. हादसे की सूचना देने वाले शख्स से पूछताछ नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी घायल की मदद करना सबसे बड़ा काम है. यदि आप किसी घायल की मदद करते हैं तो आपको अलग ही खुशी का एहसास होगा.
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डीएम दीक्षित ने कहा कि यदि किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सूचना 108 और पुलिस हेल्पलाइन में दी जाती है, उस घटना की जानकारी देने वाले को पुरस्कृत किया जाएगा. साथ ही उसकी सूचना गुप्त रखी जाएगी. पुलिस और डॉक्टरों की ओर से हादसे के संबंध में उससे किसी प्रकार की जानकारी नहीं ली जाएगी. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसके लिए वो अपने परिवार, अपने आसपास और अपने दोस्तों को इसके बारे में जानकारी दें, जिससे वो भी किसी घायल की मदद करने के लिए आगे बढ़ें.
वहीं, रुद्रप्रयाग एसपी विशाखा अशोक भदाणे ने कहा कि यदि किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसे अनदेखा न करें, बल्कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने का प्रयास करें. साथ ही दुर्घटना की सूचना पुलिस को तत्काल दें. कार्यक्रम में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने मेडिकल फर्स्ट रिस्पांडर पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर वो व्यक्ति फर्स्ट रिस्पांडर होता है, जो घटना के समय उपस्थित रहता है. वो ही 108 एंबुलेंस सेवा, पुलिस हेल्पलाइन और आपदा कंट्रोल रूम में जानकारी देता है. उसी की वजह से कई लोगों की जान बच जाती है.