ETV Bharat / state

मिनी स्विट्जरलैंड चोपता दुगलबिट्टा में बर्फबारी का इंतजार, नहीं आ रहे पर्यटक - चोपता दुगलबिट्टा में बर्फबारी का इंतजार

उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में अबतक बर्फबारी नहीं हुई है. स्थिति ये है कि दिसंबर का महीना आधा बीत चुका है. अभी भी उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है. इस कारण होटल व्यवसायियों में मायूसी छाई हुई है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 21, 2022, 9:01 AM IST

चोपता दुगलबिट्टा में बर्फबारी का इंतजार

रुद्रप्रयाग: दिसंबर का महीना आधे से अधिक गुजर चुका है, लेकिन अभी तक हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हुई है. बर्फबारी ना होने से यहां के पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा रहा है. पिछले सालों की बात करें तो इन दिनों हिमालयी क्षेत्रों के अलावा निचले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो जाती थी. क्रिसमस को लेकर यहां के पर्यटक स्थलों (Rudraprayag Tourist Places) में खूब भीड़ रहती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. यहां के व्यवसायियों को एडवांस बुकिंग तक मिल पा रही हैं.

केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के अलावा रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मिनी स्विट्जरलैंड (Uttarakhand Mini Switzerland) चोपता में दिसम्बर माह आधा गुजरने के बाद भी बर्फबारी नहीं हुई है. पर्यटक स्थल चोपता-दुगलबिट्टा की बात करें तो पिछले वर्षों तक यहां इस दिनों जमकर बर्फबारी होती थी. जिसके बाद पर्यटक यहां क्रिसमस व नये वर्ष को मनाने के लिए पहुंचते थे. इतना ही नहीं चोपता-दुगलबिट्टा के होटल-लाॅज एडवांस में ही बुक हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बर्फबारी न होने से पर्यटक एडवांस बुकिंग नहीं करा रहे हैं और न इन क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. जिस कारण पर्यटकों से भरा रहने वाला चोपता-दुगलबिट्टा सुनसान नजर आ रहा है. पर्यटकों के न पहुंचने से यहां के पर्यटन व्यवसाय को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.
पढ़ें-हरिद्वार में फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट छीन ले गए स्कूटी, कोर्ट ने कहा मुकदमा दर्ज करो

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद यहां के अधिकांश लोगों का रोजगार पर्यटन से चलता है. इस बार पर्यटन व्यवसाय ठप होने से बेरोजगारी का संकट बढ़ गया है. पर्यटन व्यवसायियों को उम्मीद थी कि दो साल के बाद कोरोना महामारी खत्म होने के बाद उनका पर्यटन व्यवसाय चलेगा. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण ऐसा होता नहीं दिख रहा है. रुद्रप्रयाग के पर्यटन व्यवसायी तरुण पंवार का कहना है कि बर्फबारी न होने का असर उनके रोजगार पर पड़ रहा है. दिसम्बर माह आधा गुजर चुका है और कोई भी पर्यटक नहीं पहुंचा है. आने वाले समय में भी बहुत कम बुकिंग हैं. उससे नहीं लगता है कि रोजगार चल पायेगा.
पढ़ें-उत्तराखंड के ग्लेशियरों की सेहत बिगड़ने का खतरा! दिसंबर में भी नहीं पड़ रही बर्फ

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के वैज्ञानिक डाॅ. विजयकांत पुरोहित का कहना है कि शीतकाल में पर्यटकों के न पहुंचने से वहां के लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है, लेकिन वहां पर आवागमन कम रहता है तो बेहद लाभदायक है. वहां पर मानव गतिविधियां बढ़ने से तापमान भी बढ़ जाता है और तापमान बढ़ने से बर्फबारी कम होती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बर्फबारी कम होती है और बारिश ज्यादा होती है तो उस बारिश के धारा प्रभाव से बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है.

चोपता दुगलबिट्टा में बर्फबारी का इंतजार

रुद्रप्रयाग: दिसंबर का महीना आधे से अधिक गुजर चुका है, लेकिन अभी तक हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हुई है. बर्फबारी ना होने से यहां के पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा रहा है. पिछले सालों की बात करें तो इन दिनों हिमालयी क्षेत्रों के अलावा निचले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो जाती थी. क्रिसमस को लेकर यहां के पर्यटक स्थलों (Rudraprayag Tourist Places) में खूब भीड़ रहती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. यहां के व्यवसायियों को एडवांस बुकिंग तक मिल पा रही हैं.

केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के अलावा रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मिनी स्विट्जरलैंड (Uttarakhand Mini Switzerland) चोपता में दिसम्बर माह आधा गुजरने के बाद भी बर्फबारी नहीं हुई है. पर्यटक स्थल चोपता-दुगलबिट्टा की बात करें तो पिछले वर्षों तक यहां इस दिनों जमकर बर्फबारी होती थी. जिसके बाद पर्यटक यहां क्रिसमस व नये वर्ष को मनाने के लिए पहुंचते थे. इतना ही नहीं चोपता-दुगलबिट्टा के होटल-लाॅज एडवांस में ही बुक हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बर्फबारी न होने से पर्यटक एडवांस बुकिंग नहीं करा रहे हैं और न इन क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. जिस कारण पर्यटकों से भरा रहने वाला चोपता-दुगलबिट्टा सुनसान नजर आ रहा है. पर्यटकों के न पहुंचने से यहां के पर्यटन व्यवसाय को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.
पढ़ें-हरिद्वार में फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट छीन ले गए स्कूटी, कोर्ट ने कहा मुकदमा दर्ज करो

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद यहां के अधिकांश लोगों का रोजगार पर्यटन से चलता है. इस बार पर्यटन व्यवसाय ठप होने से बेरोजगारी का संकट बढ़ गया है. पर्यटन व्यवसायियों को उम्मीद थी कि दो साल के बाद कोरोना महामारी खत्म होने के बाद उनका पर्यटन व्यवसाय चलेगा. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण ऐसा होता नहीं दिख रहा है. रुद्रप्रयाग के पर्यटन व्यवसायी तरुण पंवार का कहना है कि बर्फबारी न होने का असर उनके रोजगार पर पड़ रहा है. दिसम्बर माह आधा गुजर चुका है और कोई भी पर्यटक नहीं पहुंचा है. आने वाले समय में भी बहुत कम बुकिंग हैं. उससे नहीं लगता है कि रोजगार चल पायेगा.
पढ़ें-उत्तराखंड के ग्लेशियरों की सेहत बिगड़ने का खतरा! दिसंबर में भी नहीं पड़ रही बर्फ

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के वैज्ञानिक डाॅ. विजयकांत पुरोहित का कहना है कि शीतकाल में पर्यटकों के न पहुंचने से वहां के लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है, लेकिन वहां पर आवागमन कम रहता है तो बेहद लाभदायक है. वहां पर मानव गतिविधियां बढ़ने से तापमान भी बढ़ जाता है और तापमान बढ़ने से बर्फबारी कम होती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बर्फबारी कम होती है और बारिश ज्यादा होती है तो उस बारिश के धारा प्रभाव से बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.