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मिनी स्विटजरलैंड चोपता में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, मायूस लौटे पर्यटक

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Published : Dec 2, 2020, 12:43 PM IST

मिनी स्विटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध चोपता में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. ऐसे में बर्फबारी का लुत्फ लेने के लिए पहुंचे पर्यटकों में मायूसी देखी जा रही है.

रुद्रप्रयाग
मिनी स्विटजरलैंड चोपता पहुंचे पर्यटक

रुद्रप्रयाग: मिनी स्विटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता और तुंगनाथ में इन दिनों पर्यटकों की भरमार है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. यहां कुछ ही दिन पहले बर्फबारी हुई है. जिसके बाद से इस स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं. लेकिन यहां पहुंचने के बाद पर्यटक मायूस दिख रहे हैं. क्योंकि क्षेत्र में शौचालय, दूर संचार, बिजली की व्यवस्था नहीं है.

इस साल समय से पहले बर्फबारी

हर साल दिसंबर के तीसरे सप्ताह में इस क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी होती है, लेकिन इस बार अभी से यहां बर्फबारी चालू है. बर्फबारी की वजह से पर्यटकों ने यहां आना शुरू कर दिया है. लेकिन शौचालय, बिजली और दूर संचार की कोई सुविधा न होने से उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. सैलानी यहां रुकने के लिए तो पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न होने के कारण वे भाग जाते हैं. ऐसे में क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.

चोपता में विद्युतीकरण नहीं हुआ

प्रसिद्ध पर्यटक क्षेत्र चोपता के सेंचुरी एरिया में आने से भी आज तक यहां विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इससे देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऊर्जा निगम ने क्षेत्र में विद्युतीकरण करने के लिए कई बार भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा, लेकिन अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इसके अलावा क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

चोपता में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव

मिनी स्विटजरलैंड चोपता में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सरकार व्यवस्थाएं नहीं जुटा पा रही है. सालभर देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक दुगलबिट्टा चोपता व तुंगनाथ की हसीन वादियों का दीदार करने आते हैं, लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों में विद्युत, शौचालय, पेयजल, साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की कोई व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं. चोपता-दुगलबिट्टा में बना गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी खंडहर में तब्दील हो गया है. इसके लिए भी सरकार और शासन-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल आयुक्त ने कुंभ निर्माण कार्यों की ली समीक्षा बैठक, दिए ये निर्देश

ईको टूरिज्म में चोपता का चयन

2018 अक्टूबर माह में राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के जरिए पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए 13 जिलों के 13 नए थीम बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने का ऐलान किया. इसमें चोपता का चयन ईको टूरिज्म के लिए किया गया, लेकिन दो साल बाद भी इस क्षेत्र के विकास को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक चोपता पहुंचते हैं. बावजूद इसके अभी तक इस स्थान पर एक स्थायी शौचालय तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. चोपता में एक भी सफाई कर्मी मौजूद नहीं है.

पर्यटकों में मायूसी

पर्यटक जगमोहन सिंह ने कहा कि चोपता व तुंगनाथ में बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी का आनंद लेने के लिए दोस्तों के साथ गया, लेकिन क्षेत्र में दूर संचार, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. मन तो था कि यहीं पर दो से तीन दिन रहें, लेकिन सुविधाएं न होने के कारण कुछ ही घंटों बाद वापस लौटना पड़ा.

पर्यटन मंत्री ने दिया विकास का भरोसा

वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मिनी स्विटजरलैंड चोपता जैसे स्थल का तेजी से विकास होना चाहिए था, लेकिन चोपता में पर्यावरण को लेकर कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है. यहां कैंपिंग पर भी रोक लगी हुई है. क्षेत्र के विकास को लेकर हरसंभव प्रयास किये जायेंगे.

ऐसे पहुंचें मिनी स्विटजरलैंड चोपता
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर 158 किमी की दूरी तय कर रुद्रप्रयाग पहुंच सकते हैं. इसके बाद रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर 32 किमी की दूरी तय कर कुंड तथा कुंड-ऊखीमठ-चोपता मंडल मोटरमार्ग से 38 किमी की दूरी तय कर चोपता, दुगलबिट्टा पहुंचा जा सकता है. प्रसिद्ध तीर्थस्थल तुंगनाथ व मिनी स्विटजरलैंड चोपता के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों में अच्छी बर्फबारी हो रही है. जिस कारण पर्यटक इन स्थलों का दीदार के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

रुद्रप्रयाग: मिनी स्विटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता और तुंगनाथ में इन दिनों पर्यटकों की भरमार है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. यहां कुछ ही दिन पहले बर्फबारी हुई है. जिसके बाद से इस स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं. लेकिन यहां पहुंचने के बाद पर्यटक मायूस दिख रहे हैं. क्योंकि क्षेत्र में शौचालय, दूर संचार, बिजली की व्यवस्था नहीं है.

इस साल समय से पहले बर्फबारी

हर साल दिसंबर के तीसरे सप्ताह में इस क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी होती है, लेकिन इस बार अभी से यहां बर्फबारी चालू है. बर्फबारी की वजह से पर्यटकों ने यहां आना शुरू कर दिया है. लेकिन शौचालय, बिजली और दूर संचार की कोई सुविधा न होने से उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. सैलानी यहां रुकने के लिए तो पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न होने के कारण वे भाग जाते हैं. ऐसे में क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.

चोपता में विद्युतीकरण नहीं हुआ

प्रसिद्ध पर्यटक क्षेत्र चोपता के सेंचुरी एरिया में आने से भी आज तक यहां विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इससे देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऊर्जा निगम ने क्षेत्र में विद्युतीकरण करने के लिए कई बार भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा, लेकिन अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इसके अलावा क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

चोपता में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव

मिनी स्विटजरलैंड चोपता में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सरकार व्यवस्थाएं नहीं जुटा पा रही है. सालभर देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक दुगलबिट्टा चोपता व तुंगनाथ की हसीन वादियों का दीदार करने आते हैं, लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों में विद्युत, शौचालय, पेयजल, साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की कोई व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं. चोपता-दुगलबिट्टा में बना गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी खंडहर में तब्दील हो गया है. इसके लिए भी सरकार और शासन-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल आयुक्त ने कुंभ निर्माण कार्यों की ली समीक्षा बैठक, दिए ये निर्देश

ईको टूरिज्म में चोपता का चयन

2018 अक्टूबर माह में राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के जरिए पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए 13 जिलों के 13 नए थीम बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने का ऐलान किया. इसमें चोपता का चयन ईको टूरिज्म के लिए किया गया, लेकिन दो साल बाद भी इस क्षेत्र के विकास को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक चोपता पहुंचते हैं. बावजूद इसके अभी तक इस स्थान पर एक स्थायी शौचालय तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. चोपता में एक भी सफाई कर्मी मौजूद नहीं है.

पर्यटकों में मायूसी

पर्यटक जगमोहन सिंह ने कहा कि चोपता व तुंगनाथ में बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी का आनंद लेने के लिए दोस्तों के साथ गया, लेकिन क्षेत्र में दूर संचार, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. मन तो था कि यहीं पर दो से तीन दिन रहें, लेकिन सुविधाएं न होने के कारण कुछ ही घंटों बाद वापस लौटना पड़ा.

पर्यटन मंत्री ने दिया विकास का भरोसा

वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मिनी स्विटजरलैंड चोपता जैसे स्थल का तेजी से विकास होना चाहिए था, लेकिन चोपता में पर्यावरण को लेकर कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है. यहां कैंपिंग पर भी रोक लगी हुई है. क्षेत्र के विकास को लेकर हरसंभव प्रयास किये जायेंगे.

ऐसे पहुंचें मिनी स्विटजरलैंड चोपता
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर 158 किमी की दूरी तय कर रुद्रप्रयाग पहुंच सकते हैं. इसके बाद रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर 32 किमी की दूरी तय कर कुंड तथा कुंड-ऊखीमठ-चोपता मंडल मोटरमार्ग से 38 किमी की दूरी तय कर चोपता, दुगलबिट्टा पहुंचा जा सकता है. प्रसिद्ध तीर्थस्थल तुंगनाथ व मिनी स्विटजरलैंड चोपता के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों में अच्छी बर्फबारी हो रही है. जिस कारण पर्यटक इन स्थलों का दीदार के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

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