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चीड़ के पेड़ों से आवासीय भवनों पर मंडरा रहा खतरा, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार

ग्राम पंचायत जाखाल भरदार में चीड़ के सूखे पेड़ मुसीबत का सबब बने हुए हैं. ग्रामीण का कहना है ये पेड़ किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं.

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चीड़ के पेड़ों से आवासीय भवनों पर मंडरा रहा खतरा
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Published : Feb 25, 2020, 2:40 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले के विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत जाखाल भरदार में चीड़ के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. इसके पहले भी पेड़ गिरने से कई बार अनहोनी होते होते बची है. इसके बावजूद आज तक इन सूख चुके पेड़ों का कोई समाधान नहीं निकाला गया. वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए.

आवासीय भवनों पर मंडरा रहा खतरा.

पूर्वी भरदार के जाखाल गांव में चीड़ के पेड़, आवासीय मकानों और ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं. गांव के ठीक ऊपर चीड़ के कई पेड़ सूखे हुए हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. इस संबंध में ग्रामीणों ने वन विभाग से भी शिकायत की थी. इस पर जांच के लिए वन विभाग की टीम भी गांव में आई थी, लेकिन अभी तक पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है.

ये भी पढ़ें: चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, निरस्त करने की मांग

ग्रामीणों के अनुसार, आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं के चलते कई पेड़ गिर चुके हैं. जंगल से गांव सटा होने के कारण हर समय ग्रामीणों और मवेशियों पर खतरा बना रहता है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रशासन ने जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया तो गांव में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

रुद्रप्रयाग: जिले के विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत जाखाल भरदार में चीड़ के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. इसके पहले भी पेड़ गिरने से कई बार अनहोनी होते होते बची है. इसके बावजूद आज तक इन सूख चुके पेड़ों का कोई समाधान नहीं निकाला गया. वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए.

आवासीय भवनों पर मंडरा रहा खतरा.

पूर्वी भरदार के जाखाल गांव में चीड़ के पेड़, आवासीय मकानों और ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं. गांव के ठीक ऊपर चीड़ के कई पेड़ सूखे हुए हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. इस संबंध में ग्रामीणों ने वन विभाग से भी शिकायत की थी. इस पर जांच के लिए वन विभाग की टीम भी गांव में आई थी, लेकिन अभी तक पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है.

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ग्रामीणों के अनुसार, आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं के चलते कई पेड़ गिर चुके हैं. जंगल से गांव सटा होने के कारण हर समय ग्रामीणों और मवेशियों पर खतरा बना रहता है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रशासन ने जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया तो गांव में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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