रुद्रप्रयाग: तहसील प्रशासन ने तुंगनाथ घाटी में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कवायद शुरू कर दी है. इसी कड़ी में तहसील प्रशासन ने धाम में संचालित 4 ढाबों को हटाने की कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि तहसील प्रशासन ने ढाबा संचालकों को बिना कोई सूचना दिए ये कार्रवाई की है. वहीं, 2 ढाबा संचालकों को दो दिन के भीतर ढाबा हटाने का फरमान जारी किया गया है.
ढाबा संचालकों का कहना है कि उन्हें इस तरह की कार्रवाई की पहले कोई भी सूचना नहीं मिली थी. पिछले काफी समय से तुंगनाथ घाटी में अवैध अतिक्रमण किया गया है, लेकिन प्रशासन पूरे मामले से अनजान था. ढाबा संचालकों का कहना है कि प्रशासन की ओर से ये कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के की गई है.
एक ढाबा संचालक ने बताया कि वो पिछले 15 सालों से तुंगनाथ धाम में ढाबे का संचालन कर रहा था, लेकिन उसका ढाबा हटाए जाने के बाद उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं, नायब तहसीलदार जयवीर राम बधाणी का कहना है कि स्थानीय लोगों से शिकायती पत्र मिलने के बाद अतिक्रमण हटाया जा रहा है.
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वहीं, दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग के विकासखंड जखोली की कुनियाली (सिलगढ़) में स्थित राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय में ताला लटक गया है, जिसके कारण यहां के बीमार लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. खासकर बुखार, खांसी और डायरिया से पीड़ित लोगों को खासी परेशानी हो रही हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन ने कई दौर का पत्राचार का किया गया है. लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एलोपैथिक अस्पताल का लाभ करीब 20 गांवों के ग्रामीण ले रहे थे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए, इसके लिए जहां स्टॉफ की कमी है, वहां उसकी नियुक्तियां की जाएं, जिससे लोगों इलाज के लिए भटकना ना पड़े.