ETV Bharat / state

तीर्थ पुरोहितों ने 12वें दिन भी जारी रखा अनशन, केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग - Demand to dissolve Devasthanam board

केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग उठने लगी है. तीर्थ पुरोहितों का केदारनाथ मंदिर परिसर में क्रमिक अनशन 12वें दिन भी जारी रखी है. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और मास्टर प्लान के तहत हो रहे कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है.

rudraprayag
तीर्थ पुरोहित का क्रमिक अनशन
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 10:09 PM IST

Updated : Aug 9, 2020, 12:25 PM IST

रुद्रप्रयाग: एक बार फिर से केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग उठने लगी है. तीर्थ पुरोहित समाज ने गौरीकुण्ड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग को मोटरमार्ग बनाने की बात कही है. इसके लिए तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में आंदोलन भी तेज कर दिया है. प्रशासन से यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग भी की है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग को लेकर क्रमिक अनशन 12वें दिन भी जारी रहा.

केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग.

बता दें कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का क्रमिक अनशन जारी है. तीर्थ पुरोहित केदारनाथ मंदिर प्रांगण के आगे धरना और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. सरकार की हठधर्मिता से तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश फैला हुआ है और अब उन्होंने अपना आंदोलन भी तेज कर दिया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाना जरूरी है. इससे तीर्थ पुरोहितों के हकों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में कार्य कर रही है. तीर्थ पुरोहितों के भवनों के साथ छेड़छाड़ हो रही है. तीर्थ पुरोहितों की संपत्ति को अग्रहित किया जा रहा है.

पढ़ें: हल्द्वानी: 37 करोड़ रुपये की लागत से बना ऑडिटोरियम खंडहर में तब्दील

ई सालों से यात्री इन्हीं धर्मशालाओं में रह रहे हैं और वर्ष 2013 की आपदा के बाद जो भवन सुरक्षित हैं. उनमें तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही है. श्रद्धालुओं को कम कीमतों में ठहराया जा रहा है और उन्हें खाना भी खिलाया जा रहा है. जबकि, सरकारी कीमतें तय की गई हैं. सरकारी होटलों और रेस्टारेंटों में मनमानी की जा रही है. देवस्थानम बोर्ड के तहत मंदिरों का जो अधिग्रहण किया गया है, वह सरासर गलत है.

पढ़ें: सोमेश्वर: मकान गिरने से एक व्यक्ति घायल, पत्नी और बच्चों ने भागकर बचाई जान

उन्होंने कहा कि सालों से तीर्थ पुरोहित श्रद्धालुओं की सेवा करते आ रहे हैं और अब उनके हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं, केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को यात्रा मार्गों पर कोई सुविधाएं न मिलने से तीर्थ पुरोहित समाज में सरकार के खिलाफ नाराजगी है. उनका कहना है कि सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है. एक ओर सरकार ने बाहरी राज्य के लोगों के लिए यात्रा शुरू कर दी है, वहीं यात्रा मार्गों पर श्रद्धाुलओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. यात्रा मार्ग पर शौचालय, रेन शेल्टर की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि, दुकानें भी नहीं खुली हैं. यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि गौरीकुण्ड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग को सड़क मार्ग बनाया जाना चाहिए. इससे तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी. भगवान केदारनाथ की पैदल यात्रा में श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग: एक बार फिर से केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग उठने लगी है. तीर्थ पुरोहित समाज ने गौरीकुण्ड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग को मोटरमार्ग बनाने की बात कही है. इसके लिए तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में आंदोलन भी तेज कर दिया है. प्रशासन से यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग भी की है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग को लेकर क्रमिक अनशन 12वें दिन भी जारी रहा.

केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग.

बता दें कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का क्रमिक अनशन जारी है. तीर्थ पुरोहित केदारनाथ मंदिर प्रांगण के आगे धरना और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. सरकार की हठधर्मिता से तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश फैला हुआ है और अब उन्होंने अपना आंदोलन भी तेज कर दिया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाना जरूरी है. इससे तीर्थ पुरोहितों के हकों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ में कार्य कर रही है. तीर्थ पुरोहितों के भवनों के साथ छेड़छाड़ हो रही है. तीर्थ पुरोहितों की संपत्ति को अग्रहित किया जा रहा है.

पढ़ें: हल्द्वानी: 37 करोड़ रुपये की लागत से बना ऑडिटोरियम खंडहर में तब्दील

ई सालों से यात्री इन्हीं धर्मशालाओं में रह रहे हैं और वर्ष 2013 की आपदा के बाद जो भवन सुरक्षित हैं. उनमें तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही है. श्रद्धालुओं को कम कीमतों में ठहराया जा रहा है और उन्हें खाना भी खिलाया जा रहा है. जबकि, सरकारी कीमतें तय की गई हैं. सरकारी होटलों और रेस्टारेंटों में मनमानी की जा रही है. देवस्थानम बोर्ड के तहत मंदिरों का जो अधिग्रहण किया गया है, वह सरासर गलत है.

पढ़ें: सोमेश्वर: मकान गिरने से एक व्यक्ति घायल, पत्नी और बच्चों ने भागकर बचाई जान

उन्होंने कहा कि सालों से तीर्थ पुरोहित श्रद्धालुओं की सेवा करते आ रहे हैं और अब उनके हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं, केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को यात्रा मार्गों पर कोई सुविधाएं न मिलने से तीर्थ पुरोहित समाज में सरकार के खिलाफ नाराजगी है. उनका कहना है कि सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है. एक ओर सरकार ने बाहरी राज्य के लोगों के लिए यात्रा शुरू कर दी है, वहीं यात्रा मार्गों पर श्रद्धाुलओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. यात्रा मार्ग पर शौचालय, रेन शेल्टर की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि, दुकानें भी नहीं खुली हैं. यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि गौरीकुण्ड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग को सड़क मार्ग बनाया जाना चाहिए. इससे तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी. भगवान केदारनाथ की पैदल यात्रा में श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : Aug 9, 2020, 12:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.