रुद्रप्रयाग: बाबा केदार की डोली के विराजमान होने से पहले प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति ने ओंकारेश्वर मंदिर में लगे ताम्रपत्रों को हटा दिया है. एसडीएम अरविंद पाण्डेय और केदारनाथ रावल की मौजूदगी में ताम्रपत्रों को हटाया गया, जिसके बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग का गुस्सा शांत हुआ और डोली का भव्य तरीके से मंदिर में स्वागत किया गया.
बतों दें कि दो महीने पहले अज्ञात लोगों ने केदारनाथ डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की दीवारों में ताम्रपत्रों को लगा दिया था. जिसे मंदिर के पुजारियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों ने दैवीय चमत्कार समझ लिया था, लेकिन एक हफ्ते बाद फिर से किसी ने मंदिर की दीवारों पर और ताम्रपात्र लगा दिए. करीब दो दर्जन ताम्रपत्र लगने के बाद मंदिर समिति और पंचगाई गांवों की बैठक आहूत हुई और अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. जिस पर मंदिर समिति ने कार्रवाई की बात कही, लेकिन अभी तक कोई भी पकड़ में नहीं आया है.
पढ़ें: नहाए खाए से शुरू हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व
वहीं, केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे और उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. साथ ही प्रशासन से जल्द ही ताम्रपत्रों को हटाने को कहा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ताम्रपत्रों को नहीं हटाया गया तो केदारनाथ की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान नहीं होगी और वे एक नवंबर से अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे.
जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने ताम्रपत्रों को हटाया, तब जाकर रावल और स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत हुआ.