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ताम्रपत्र हटाकर ओंकारेश्वर मंदिर का हुआ शुद्धीकरण, फिर बाबा केदार हुए विराजमान - ताम्रपत्र ओंकारेश्वर मंदिर

रुद्रप्रयाग के ओंकारेश्वर मंदिर में दो महीने पहले लगाए गए ताम्रपत्र को एसडीएम के नेतृत्व में हटाया गया. इस दौरान मंदिर समिति के सदस्य भी मौके पर मौजूद रहे.

ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र.
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Published : Oct 31, 2019, 4:27 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 5:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: बाबा केदार की डोली के विराजमान होने से पहले प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति ने ओंकारेश्वर मंदिर में लगे ताम्रपत्रों को हटा दिया है. एसडीएम अरविंद पाण्डेय और केदारनाथ रावल की मौजूदगी में ताम्रपत्रों को हटाया गया, जिसके बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग का गुस्सा शांत हुआ और डोली का भव्य तरीके से मंदिर में स्वागत किया गया.

ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र.

बतों दें कि दो महीने पहले अज्ञात लोगों ने केदारनाथ डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की दीवारों में ताम्रपत्रों को लगा दिया था. जिसे मंदिर के पुजारियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों ने दैवीय चमत्कार समझ लिया था, लेकिन एक हफ्ते बाद फिर से किसी ने मंदिर की दीवारों पर और ताम्रपात्र लगा दिए. करीब दो दर्जन ताम्रपत्र लगने के बाद मंदिर समिति और पंचगाई गांवों की बैठक आहूत हुई और अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. जिस पर मंदिर समिति ने कार्रवाई की बात कही, लेकिन अभी तक कोई भी पकड़ में नहीं आया है.

पढ़ें: नहाए खाए से शुरू हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व

वहीं, केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे और उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. साथ ही प्रशासन से जल्द ही ताम्रपत्रों को हटाने को कहा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ताम्रपत्रों को नहीं हटाया गया तो केदारनाथ की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान नहीं होगी और वे एक नवंबर से अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे.

जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने ताम्रपत्रों को हटाया, तब जाकर रावल और स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

रुद्रप्रयाग: बाबा केदार की डोली के विराजमान होने से पहले प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति ने ओंकारेश्वर मंदिर में लगे ताम्रपत्रों को हटा दिया है. एसडीएम अरविंद पाण्डेय और केदारनाथ रावल की मौजूदगी में ताम्रपत्रों को हटाया गया, जिसके बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग का गुस्सा शांत हुआ और डोली का भव्य तरीके से मंदिर में स्वागत किया गया.

ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र.

बतों दें कि दो महीने पहले अज्ञात लोगों ने केदारनाथ डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की दीवारों में ताम्रपत्रों को लगा दिया था. जिसे मंदिर के पुजारियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों ने दैवीय चमत्कार समझ लिया था, लेकिन एक हफ्ते बाद फिर से किसी ने मंदिर की दीवारों पर और ताम्रपात्र लगा दिए. करीब दो दर्जन ताम्रपत्र लगने के बाद मंदिर समिति और पंचगाई गांवों की बैठक आहूत हुई और अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. जिस पर मंदिर समिति ने कार्रवाई की बात कही, लेकिन अभी तक कोई भी पकड़ में नहीं आया है.

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वहीं, केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे और उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. साथ ही प्रशासन से जल्द ही ताम्रपत्रों को हटाने को कहा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ताम्रपत्रों को नहीं हटाया गया तो केदारनाथ की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान नहीं होगी और वे एक नवंबर से अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे.

जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने ताम्रपत्रों को हटाया, तब जाकर रावल और स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

Intro:केदारनाथ डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गये ताम्रपत्र
केदारनाथ राॅवल भीमाशंकर लिंग ने दी थी प्रशासन को चेतावनी
एसडीएम के नेतृत्व में मंदिर समिति ने हटाए ताम्रपत्र
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ डोली के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होने से पहले प्रशासन और बद्री-केदार मंदिर समिति ने ओंकारेश्वर मंदिर में लगे ताम्रपत्रों को हटा दिया। एसडीएम अरविंद पाण्डेय एवं केदारनाथ रावॅल की मौजूदगी में ताम्रपत्रों को हटाया गया, जिसके बाद केदारनाथ राॅवल भीमाशंकर शंकर लिंग का आक्रोश शांत हुआ और डोली का भव्य तरीके से मंदिर में स्वागत किया। Body:बतों दें कि दो माह पूर्व अज्ञात लोगों ने केदारनाथ डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की दीवारों में ताम्रपत्रों को लगा दिया। जब दूसरे दिन मंदिर के पुजारियों एवं मंदिर समिति के कर्मचारियों और श्रद्धालुओं ने देखा तो वे पहले इसे दैवीय चमत्कार समझने लगे, मगर एक सप्ताह बाद फिर से किसी ने मंदिर की दीवारों पर और ताम्रपात्र लगा दिये। करीब दो दर्जन ताम्रपत्रों को लगाने के बाद मंदिर समिति एवं पंचगाई गांवों की बैठक आहूत हुई और अज्ञात लोगों की ढूंढखोज और कार्यवाही की मांग की गई। मंदिर समिति की ओर से कार्यवाही का भरोसा दिया गया, लेकिन कोई भी पकड़ में नहीं आया। इसके बाद केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ राॅवल भीमाशंकर लिंग आंेकारेश्वर मंदिर में पहुंचे और उन्होंने इस पर कड़ा आक्रोश जताया और प्रशासन से शीघ्र ताम्रपत्रों को हटाने को कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताम्रपत्रों को नहीं हटाया गया तो केदारनाथ की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान नहीं होगी और वे एक नवंबर से अनशन पर बैठने को मजबूर हो जायेंगे। इसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने मंदिर समिति के अधिकारियों एवं केदारनाथ राॅवल की मौजूदगी में आंेकारेश्वर मंदिर में लगाये गये ताम्रपत्रों को निकाला लिया। इसके बाद केदारनाथ राॅवल का गुस्सा शांत हुआ और श्रद्धालुओं ने प्रशासन का आभार जताया। Conclusion:
Last Updated : Oct 31, 2019, 5:04 PM IST
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