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रुद्रप्रयागः ओंकोरेश्वर मंदिर में मिले तामपत्र, लोगों की बड़ी उत्सुकता

ओंकारेश्वर मंदिर में 13 ताम्रपत्र मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है.मंदिर समिति का कहना है कि जिन जगहों पर ताम्रपत्र मिले हैं,वहां पर पहले ताम्रपत्र नहीं थे.ताम्रपत्र की सूचना के बाद क्षेत्र में उत्सुकता का माहौल है.

ओंकोरेश्वर मंदिर में मिले तामपत्र
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Published : Sep 7, 2019, 10:35 AM IST

रुद्रप्रयागः भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में 13 ताम्रपत्र मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है.मंदिर समिति का कहना है कि जिन जगहों पर ताम्रपत्र मिले हैं,वहां पर पहले ताम्रपत्र नहीं थे.ताम्रपत्र की सूचना के बाद क्षेत्र के लोगों में उत्सुकता का माहौल है.वहीं लोगों द्वारा इन ताम्रपत्रों कि जांच पुरातत्व विभाग से करने की बात भी कही जा रही है.

ओंकोरेश्वर मंदिर में मिले तामपत्र

ओंकारेश्वर मंदिर में कुल 13 ताम्रपत्र इन जगहों पर लगे हुए मिले. मंदिर समिति के कर्मचारियों का कहना है कि इन जगहों पर पहले कभी भी ताम्रपत्र नहीं थे. जिससे ऊखीमठ क्षेत्र में इन ताम्रपत्रों को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता बनी हुई है.

वहीं,बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री का कहना है कि मंदिर में कुछ लोगों ने जानकारी दी की यहां पर कुछ ताम्रपत्र लगे हुए हैं, जिसके बाद अधिकारियों के साथ मंदिर के विभिन्न भागों में ताम्रपत्रों को लगे हुए देखा गया.बताया कि अब इन ताम्रपत्रों की जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी.

वहीं अगर किसी ने जानबूझकर यह सब किया है तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. मंदिर समिति के कार्यधिकारी एनपी जमलोकी का कहना है कि मंदिर के रिकॉर्ड में इन ताम्रपत्रों का कहीं भी उल्लेख नहीं है और न ही किसी कर्मचारी ने इससे पहले इन ताम्रपत्रों को मंदिरों में देखा है.

रुद्रप्रयागः भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में 13 ताम्रपत्र मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है.मंदिर समिति का कहना है कि जिन जगहों पर ताम्रपत्र मिले हैं,वहां पर पहले ताम्रपत्र नहीं थे.ताम्रपत्र की सूचना के बाद क्षेत्र के लोगों में उत्सुकता का माहौल है.वहीं लोगों द्वारा इन ताम्रपत्रों कि जांच पुरातत्व विभाग से करने की बात भी कही जा रही है.

ओंकोरेश्वर मंदिर में मिले तामपत्र

ओंकारेश्वर मंदिर में कुल 13 ताम्रपत्र इन जगहों पर लगे हुए मिले. मंदिर समिति के कर्मचारियों का कहना है कि इन जगहों पर पहले कभी भी ताम्रपत्र नहीं थे. जिससे ऊखीमठ क्षेत्र में इन ताम्रपत्रों को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता बनी हुई है.

वहीं,बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री का कहना है कि मंदिर में कुछ लोगों ने जानकारी दी की यहां पर कुछ ताम्रपत्र लगे हुए हैं, जिसके बाद अधिकारियों के साथ मंदिर के विभिन्न भागों में ताम्रपत्रों को लगे हुए देखा गया.बताया कि अब इन ताम्रपत्रों की जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी.

वहीं अगर किसी ने जानबूझकर यह सब किया है तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. मंदिर समिति के कार्यधिकारी एनपी जमलोकी का कहना है कि मंदिर के रिकॉर्ड में इन ताम्रपत्रों का कहीं भी उल्लेख नहीं है और न ही किसी कर्मचारी ने इससे पहले इन ताम्रपत्रों को मंदिरों में देखा है.

Intro:केदारनाथ भगवान के शीतकालीन गद्दीस्थल में मिले ताम्रपात्र से फैली सनसनी
मंदिर समिति अध्यक्ष ने लिया जायजा, पुरातत्व विभाग करेगा जांच
रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में 13 ताम्रपत्र मिलने से सनसनी फैल गयी। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री अशोक खत्री को ताम्रपत्रों को दिखाए जाने के बाद मामला सामने आया, जबकि मन्दिर समिति का कहना है कि जिन जगहों पर ताम्रपत्र मिले हैं वहां पर पहले ताम्रपत्र नहीं थे। Body:ताम्रपत्रों की सूचना के बाद स्थानीय लोगों में उत्सुकता बनी हुई है कि जब पहले ताम्रपत्र नहीं थे तो अब कहां से आए हैं। ऊखीमठ स्थित मन्दिर में बद्री-केदार मंदिर समिति की बैठक के बाद कुछ लोगों की सूचना पर उपाध्यक्ष, अधिकारी व कर्मचारी, राॅवल गद्दी स्थल, चण्डिका मन्दिर व उषा अनिरुद्ध विवाह स्थल में गए, जहां पर चण्डिका देवी की चार काष्ठ के फरशे के पीछे चार ताम्रपत्र लगे हुए मिले। वहीं केदारनाथ के गद्दीस्थल के नीचे भी दो ताम्रपत्र लगे हुए मिले। दूसरी ओर उषा अनिरुद्ध विवाह स्थल के आस पास के दरवाजों पर भी सात छोटे ताम्रपत्र लगे हुए मिले हैं, जिन पर हिंदी लिपि में कक्ष संख्या इत्यादि लिखा हुआ है। कुल 13 ताम्रपत्र इन जगहों पर लगे हुए मिले। समिति के कर्मचारियों का कहना है कि इन जगहों पर पहले कभी भी ताम्रपत्र नहीं थे, जिस कारण इन ताम्रपत्रों को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। मंदिर समिति के अधिकारी एवं कर्मचारियों का कहना है कि इन स्थानों पर पहले ताम्रपत्र नहीं थे। बताया कि अब इन ताम्रपत्रों की जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी। वहीं बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री का कहना है कि मन्दिर में कुछ लोगों ने जानकारी दी कि स्थानीय हकहकूक को लेकर यहां पर कुछ ताम्रपत्र लगे हुए हैं, जिसके बाद अधिकारियों के साथ मन्दिर के विभिन्न भागों में ताम्रपत्रों को लगे हुए देखा गया।
बाइट - अशोक खत्री, उपाध्यक्ष मंदिर समिति Conclusion:
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