रुद्रप्रयाग: जिले के आधुनिक निर्माता स्वामी सच्चिदानंद महाराज की जयंती लॉकडाउन के चलते बेहद सादगी से मनाई गई. इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. साथ ही सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल भी रखा.
बता दें कि ब्रह्मलीन श्री 108 स्वामी सच्चिदानंद महाराज का जन्म 28 अप्रैल 1884 को तल्लानागपुर के चमस्वाड़ा गांव में हुआ था. सच्चिदानंद स्वामी ने भिक्षाटन से रुद्रप्रयाग में साल 1944 में मिडिल स्कूल की स्थापना की थी. जो बाद में राजकीय इंटर कॉलेज में उच्चीकृत हुआ. इसके अलावा संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना, चिकित्सालय निर्माण, सुरंग निर्माण, गुलाबराय मैदान और धर्मशाला के निर्माण आदि जनसरोकारों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी महाराज ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वामी सच्चिदानंद को रुद्रप्रयाग का आधुनिक निर्माता भी कहा जाता है.
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जयंती पर सतेराखाल में स्थानीय लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान बीजेपी नेता सतेंद्र बर्तवाल ने बताया कि स्वामी जी जन्मांध होते हुए भी रुद्रप्रयाग नगर को आधुनिक स्वरुप प्रदान करने में जो योगदान दिया, वो अविस्मरणीय और प्रेरणादायक है. वहीं, इस अवसर पर स्वामी को यादकर उनके पदचिह्नों पर चलने का आह्वान भी किया गया.
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गौर है कि जन्मांध होने के बावजूद स्वामी वेद-वेदांग, उपनिषद और पुराणों के ज्ञाता थे. स्वामी जी बर्तवाल राजपूत वंश की कुलदेवी माता श्री राजेश्वरी शक्ति के उपासक थे. माना जाता है कि मां की इन पर असीम कृपा थी. स्वामी जी का प्रयास था कि रुद्रप्रयाग में उच्च शिक्षा संस्थान की भी स्थापना की जाए, लेकिन इसी दौरान वो ब्रह्मलीन हो गए.