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ग्रामीणों को गुलदार के हमले से बचाएगा ये खास सोलर डिवाइस

जंगली जानवरों से ग्रामीणों और उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल ने एक पहल की है. जंगल में एक सोलर डिवाइस लगाई जाएगी, जो जानवरों को आबादी वाले इलाकों से दूर रखेगी.

ग्रामीणों को गुलदार के हमले से बचाएगा ये खास सोलर डिवाइस
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Published : Nov 17, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 7:35 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में जंगली जानवरों से बचाव के लिए वाइल्ड एनिमल फॉर्म प्रोटेक्शन डिवाइस लगाई जा रही है. इस डिवाइस से न केवल इंसान की जान बचाई जा सकती है, बल्कि फसलों की सुरक्षा भी की जा सकेगी. अब सायरन बजते ही जंगली जानवर की जानकारी पूरे गांव को मिल जाएगी. जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान और इंसानों पर जानवरों के बढ़ते हमले को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने प्रोटेक्शन डिवाइस लगाये जाने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी की इस पहल का क्षेत्रीय जनता ने स्वागत किया है.

लगाई जाएगी वाइल्ड एनिमल फॉर्म प्रोटेक्शन डिवाइस.


विगत 6 नवंबर को भरदार पट्टी के सतनी और आठ नवंबर को बांसी गांव में गुलदार ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा था. घटना के बाद से क्षेत्र की जनता ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी की. जनता के गुस्से को देखते हुए वन विभाग की ओर से दो शिकारियों को भरदार क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो नरभक्षी गुलदार की ढूंढखोज में जुटे हुए हैं. एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है, मगर नरभक्षी गुलदार का पता नहीं चल पा रहा है.

पढ़ेंः पिंजरे में कैद हुई आदमखोर मादा गुलदार, 6 साल के मासूम को बनाया था शिकार


पिछले दो दिन पहले गुलदार को पपड़ासू गांव में देखा गया था. गुलदार ने घास लेकर घर लौट रही महिलाओं पर हमला किया था. हमले के दौरान महिलाओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई. घटना के बाद शिकारी जब तक मौके पर पहुंचते, तब तक गुलदार गायब हो चुका था. अब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर भरदार क्षेत्र के 15 जगहों पर वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस स्थापित की जा रही है. इस डिवाइस में सेन्सर लगे हैं, जो पांच मीटर के दायरे में इंसान या जानवर हर किसी को ट्रैक कर सकता है. ट्रैक होते ही डिवाइस से आवाज आती है. इस आवाज से जानवर डर से भाग जाते हैं. ये पूरी तरह सोलर डिवाइस है.

रुद्रप्रयाग: जिले में जंगली जानवरों से बचाव के लिए वाइल्ड एनिमल फॉर्म प्रोटेक्शन डिवाइस लगाई जा रही है. इस डिवाइस से न केवल इंसान की जान बचाई जा सकती है, बल्कि फसलों की सुरक्षा भी की जा सकेगी. अब सायरन बजते ही जंगली जानवर की जानकारी पूरे गांव को मिल जाएगी. जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान और इंसानों पर जानवरों के बढ़ते हमले को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने प्रोटेक्शन डिवाइस लगाये जाने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी की इस पहल का क्षेत्रीय जनता ने स्वागत किया है.

लगाई जाएगी वाइल्ड एनिमल फॉर्म प्रोटेक्शन डिवाइस.


विगत 6 नवंबर को भरदार पट्टी के सतनी और आठ नवंबर को बांसी गांव में गुलदार ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा था. घटना के बाद से क्षेत्र की जनता ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी की. जनता के गुस्से को देखते हुए वन विभाग की ओर से दो शिकारियों को भरदार क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो नरभक्षी गुलदार की ढूंढखोज में जुटे हुए हैं. एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है, मगर नरभक्षी गुलदार का पता नहीं चल पा रहा है.

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पिछले दो दिन पहले गुलदार को पपड़ासू गांव में देखा गया था. गुलदार ने घास लेकर घर लौट रही महिलाओं पर हमला किया था. हमले के दौरान महिलाओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई. घटना के बाद शिकारी जब तक मौके पर पहुंचते, तब तक गुलदार गायब हो चुका था. अब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर भरदार क्षेत्र के 15 जगहों पर वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस स्थापित की जा रही है. इस डिवाइस में सेन्सर लगे हैं, जो पांच मीटर के दायरे में इंसान या जानवर हर किसी को ट्रैक कर सकता है. ट्रैक होते ही डिवाइस से आवाज आती है. इस आवाज से जानवर डर से भाग जाते हैं. ये पूरी तरह सोलर डिवाइस है.

Intro:सायरन बजते ही जंगली जानवरों की मिलेगी जानकारी
क्षेत्र में लगाये जा रहे हैं वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस
भरदार पट्टी में दो लोगों की जान जाने का बाद हरकत में आया प्रशासन
अब गुलदार को पकड़ने के लिए मचान का कार्य शुरू
रुद्रप्रयाग। जिले में जंगली जानवरों से बचाव के लिए वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस लगाई जा रही है। इस डिवाइस से न केवल इंसान की जान बचाई जा सकती है, बल्कि फसलों की सुरक्षा भी की जा सकती है। अब सायरन बजते ही जंगली जानवर की जानकारी पूरे गांव को मिल जाएगी। जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान और इंसानों पर जानवरों के बढ़ते हमले को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने प्रोटेक्शन डिवाइस लगाये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी की इस अभिनव पहल का क्षेत्रीय जनता ने स्वागत किया है। Body:दरअसल, विगत छः नवंबर को भरदार पट्टी के सतनी और आठ नवंबर को बांसी गांव में गुलदार ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा। घटना के बाद से क्षेत्र की जनता में आक्रोश फैल गया और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की गई। जनता के गुस्से को देखते हुए वन विभाग की ओर से दो शिकारियों को भरदार क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो नरभक्षी गुलदार की ढूंढखोज में जुटे हुए हैं। एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है, मगर नरभक्षी गुलदार का पता नहीं चल पा रहा है। पिछले दो दिन पहले गुलदार को पपड़ासू गांव में देखा गया था। गुलदार ने घास लेकर घर लौट रही महिलाआंे पर हमला किया था। हमले के दौरान महिलाओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई। घटना के बाद शिकारी क्षेत्र में जाते, तब तक गुलदार कई दूर चला गया और फिर शिकारियों के निशाने से गुलदार बच निकला। इसके बाद अब जिलाधिकारी की पहल पर भरदार क्षेत्र के पन्द्रह जगहों पर वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस स्थापित की जा रही है। इस डिवाइस में सेन्सर लगे हैं, जो पांच मीटर के दायरे में सजीव प्राणी को ट्रैक करता है। सजीव प्राणी के ट्रैक होते ही यह डिवाइस आवाज करता है, जिसकी आवाज से जानवर भाग जाते हैं। यह पूर्णतः सोलर डिवाइस है। जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना की जा रही है। वहीं दूसरी ओर शिकारी जाॅय हुकिल की ओर से गुलदार को पकड़ने के लिए बांसी गांव में मचान लगाया जा रहा है। मचान के जरिये गुलदार को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी
बाइट- जाॅय हुकिल, शिकारी
बाइट - 2 जाॅय हुकिल, शिकारी Conclusion:
Last Updated : Nov 17, 2019, 7:35 PM IST
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