रुद्रप्रयाग: जिले में जंगली जानवरों से बचाव के लिए वाइल्ड एनिमल फॉर्म प्रोटेक्शन डिवाइस लगाई जा रही है. इस डिवाइस से न केवल इंसान की जान बचाई जा सकती है, बल्कि फसलों की सुरक्षा भी की जा सकेगी. अब सायरन बजते ही जंगली जानवर की जानकारी पूरे गांव को मिल जाएगी. जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान और इंसानों पर जानवरों के बढ़ते हमले को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने प्रोटेक्शन डिवाइस लगाये जाने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी की इस पहल का क्षेत्रीय जनता ने स्वागत किया है.
विगत 6 नवंबर को भरदार पट्टी के सतनी और आठ नवंबर को बांसी गांव में गुलदार ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा था. घटना के बाद से क्षेत्र की जनता ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी की. जनता के गुस्से को देखते हुए वन विभाग की ओर से दो शिकारियों को भरदार क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो नरभक्षी गुलदार की ढूंढखोज में जुटे हुए हैं. एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है, मगर नरभक्षी गुलदार का पता नहीं चल पा रहा है.
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पिछले दो दिन पहले गुलदार को पपड़ासू गांव में देखा गया था. गुलदार ने घास लेकर घर लौट रही महिलाओं पर हमला किया था. हमले के दौरान महिलाओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई. घटना के बाद शिकारी जब तक मौके पर पहुंचते, तब तक गुलदार गायब हो चुका था. अब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर भरदार क्षेत्र के 15 जगहों पर वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस स्थापित की जा रही है. इस डिवाइस में सेन्सर लगे हैं, जो पांच मीटर के दायरे में इंसान या जानवर हर किसी को ट्रैक कर सकता है. ट्रैक होते ही डिवाइस से आवाज आती है. इस आवाज से जानवर डर से भाग जाते हैं. ये पूरी तरह सोलर डिवाइस है.