रुद्रप्रयाग: जिले के बच्छणस्यूं क्षेत्र के जुंटाई गांव में आयोजित रामलीला के सातवें दिन सीता हरण का मंचन किया गया. रामलीला मंचन के दौरान राम को देखने के बाद शूर्पनखा उन पर मुग्ध हो गईं. रामलीला देखने के लिए स्थानीय लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया गया. कार्यक्रम में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.
बता दें कि, रामलीला मंचन के सातवें दिन सीता हरण लीला का मंचन किया गया. जिसमें सबसे पहले शूर्पनखा ने राम को अपना परिचय दिया और उनके आगे शादी का प्रस्ताव रखा. लेकिन, राम ने उसे लक्ष्मण के पास भेजा दिया. जिसके बाद शूर्पनखा ने उनके सामने भी विवाह का प्रस्ताव रखा. जिसपर लक्ष्मण ने उन्हें मना कर दिया और राम के पास वापस जाने के लिए कहा. ये सब देख शूर्पनखा ने सीता को मारने की बात कही, जिसपर लक्ष्मण ने शूर्पनखा की नाक काट दी.
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इसके बाद शूर्पनखा अपने भाई खर के पास गईं तो खर ने राम और लक्ष्मण को मारने के लिए राक्षस भेजे. लेकिन राम ने सभी राक्षसों को मार दिया. शूर्पनखा अधिक क्रोधित होकर रावण के पास गई तब रावण ने अपनी बहन को आश्वासन दिया कि उसके इस अपमान का वो बदला लेकर रहेगा और रावण ने सीता का अपहरण कर लिया. वहीं कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि भगवान राम की लीला से सीखकर हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं. राम का पूरा जीवन आदर्शों, संघर्षों से भरा है. राम सिर्फ एक आदर्श पुत्र ही नहीं, आदर्श पति और भाई भी थे.