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युवा पर्यावरण संसद के लिए रुद्रप्रयाग के देव राघवेन्द्र का हुआ चयन, क्षेत्र में खुशी की लहर - Dev Raghavendra selected for Youth Environment Parliament

युवा पर्यावरण संसद के लिए कोट तल्ला निवासी देव राघवेन्द्र का चयन हुआ है. वे पिछले दस सालों से पर्यावरण व जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

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युवा पर्यावरण संसद के लिए रुद्रप्रयाग के देव राघवेन्द्र का हुआ चयन
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Published : Feb 21, 2022, 9:14 PM IST

रुद्रप्रयाग: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने पर रानीगढ़ पट्टी के देव राघवेन्द्र बद्री का युवा पर्यावरण संसद के लिए चयन हुआ है. इस कार्यक्रम का आयोजन 15 एवं 16 अप्रैल को दिल्ली संसद भवन में होगा. इस कार्यक्रम में देशभर से चुने गये 50 युवा प्रतिभाग करेंगे.

बता दें रानीगढ़ पट्टी के कोट तल्ला निवासी देवराघवेन्द्र बद्री पिछले दस सालों से पर्यावरण और जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने अपने गांव में 5 लाख वृक्षों का सुंदर वन बनाया है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने के साथ ही वे जल संरक्षण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हैं. उन्होंने गढ़वाल विवि श्रीनगर से पर्यावरण विज्ञान में पढ़ाई की है. वे जल संरक्षण की विधियों के साथ ही सूखे जल स्त्रोत को पुनजीर्वित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- गिरफ्तारी रुकवाने हाईकोर्ट पहुंचे प्रबोधानंद गिरि, सरकार से मांगा 5 दिन में जवाब

देव राघवेन्द्र बद्री ने बताया कि भारत के टाॅप 50 युवा पर्यावरण संसद के लिए उनका चयन किया गया है. जिसके लिए वे पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संरक्षक का आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र के एक युवा को दिल्ली संसद में मौका मिला है.

उन्होंने कहा उनका मकसद प्रकृति के संरक्षण को लेकर कार्य करना है. वे सदैव ही जल संरक्षण को लेकर चिंतित रहते हैं. आज के समय में प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख रहे हैं, जबकि हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया है. कहीं ना कहीं इसके लिए हम ही दोषी हैं. जिसके लिए हमें ही प्रयास करने होंगे.

पढ़ें- जेल में कटेगी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रात, कोर्ट से नहीं मिली जमानत

बता दें देव राघवेन्द्र बद्री प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली के बेटे हैं. पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. वे समय-समय पर लोगों को जागरूक भी करते हैं. देव राघवेन्द्र के पिता जगत सिंह भी पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. पिता-पुत्र की मुहिम हिमालय को बचाने के साथ ही अपने प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनजीर्वित करने की है. देव राघवेन्द्र के चयनित होने पर क्षेत्र की जनता ने खुशी जताई है.

रुद्रप्रयाग: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने पर रानीगढ़ पट्टी के देव राघवेन्द्र बद्री का युवा पर्यावरण संसद के लिए चयन हुआ है. इस कार्यक्रम का आयोजन 15 एवं 16 अप्रैल को दिल्ली संसद भवन में होगा. इस कार्यक्रम में देशभर से चुने गये 50 युवा प्रतिभाग करेंगे.

बता दें रानीगढ़ पट्टी के कोट तल्ला निवासी देवराघवेन्द्र बद्री पिछले दस सालों से पर्यावरण और जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने अपने गांव में 5 लाख वृक्षों का सुंदर वन बनाया है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने के साथ ही वे जल संरक्षण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हैं. उन्होंने गढ़वाल विवि श्रीनगर से पर्यावरण विज्ञान में पढ़ाई की है. वे जल संरक्षण की विधियों के साथ ही सूखे जल स्त्रोत को पुनजीर्वित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

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देव राघवेन्द्र बद्री ने बताया कि भारत के टाॅप 50 युवा पर्यावरण संसद के लिए उनका चयन किया गया है. जिसके लिए वे पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संरक्षक का आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र के एक युवा को दिल्ली संसद में मौका मिला है.

उन्होंने कहा उनका मकसद प्रकृति के संरक्षण को लेकर कार्य करना है. वे सदैव ही जल संरक्षण को लेकर चिंतित रहते हैं. आज के समय में प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख रहे हैं, जबकि हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया है. कहीं ना कहीं इसके लिए हम ही दोषी हैं. जिसके लिए हमें ही प्रयास करने होंगे.

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बता दें देव राघवेन्द्र बद्री प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली के बेटे हैं. पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. वे समय-समय पर लोगों को जागरूक भी करते हैं. देव राघवेन्द्र के पिता जगत सिंह भी पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. पिता-पुत्र की मुहिम हिमालय को बचाने के साथ ही अपने प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनजीर्वित करने की है. देव राघवेन्द्र के चयनित होने पर क्षेत्र की जनता ने खुशी जताई है.

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