रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी वंदना चौहान ने मॉनसून को लेकर विभागीय अधिकारी के साथ बैठक की. बैठक में डीएम ने परिसंपत्तियों की क्षति होने पर एक सप्ताह के भीतर प्राकलन रिपोर्ट तैयार कर जिला आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. निर्धारित समय में प्राकलन रिपोर्ट नहीं भेजने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही डीएम ने अधिकारियों से जनता की समस्याओं को तुरंत हल करने का निर्देश भी दिया है.
बैठक में डीएम वंदना चौहान ने अधिकारियों से कहा कि मानसून से पूर्व की तैयारियों को लेकर सभी विभाग एक सप्ताह में अपनी कार्य योजना तैयार कर जिला आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा दें. ताकि मानसून के दौरान किसी प्रकार की समस्या न हो. इस दौरान उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को तहसील स्तर पर उपलब्ध आसका लाइट, पैलीगन लाइट, सर्च लाइट सहित अन्य जरूरी उपकरणों के परीक्षण का निर्देश दिया है.
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डीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विभिन्न जगहों पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. सभी उपजिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शेल्टर होम चिन्हित कर लें. ताकि जरूरत पड़ने पर स्थानीय लोगों को वहां सुरक्षित भेजा सके. ऑलवेदर सड़क निर्माण के कारण नए भूस्खलन जोन बनने की प्रबल संभावना है. ऐसे में एनएचएआई के अधिकारियों को नए भूस्खलन जोन चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही पूर्व चिन्हित डेंजर जोन एवं भूस्खलन जोन के दोनों छोर पर जेसीबी मशीन और पर्याप्त संसाधन तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं.
डीएम ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मानसून सीजन में पानी की सप्लाई किसी कीमत पर बाधित नहीं होना चाहिए. जिसके लिए विभाग अपनी तैयारियां पूरी कर लें. साथ ही विद्युत विभाग को भी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त स्टाफ तैयार रखने को कहा गया है.
साथ ही बैठक में पशुपालन विभाग को मानसून सत्र में पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता बनाये रखने और भेड़-बकरियों की बीमारियों के लिए आवश्यक दवाई की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. जिला पूर्ति अधिकारी को दूरस्थ क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न अग्रिम उपलब्ध कराने एवं जनपद के पेट्रोल पम्पों में समुचित ईधन उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं.
बैठक में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को आपदा के कारण किसानों की कृषि भूमि एवं उनके फसलों का नुकसान होने पर तत्काल मुआयना करने और संबंधित उपजिलाधिकारियों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराते हुए क्षति का आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.