रुद्रप्रयाग: 2023 में चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की संख्या के बाद 2023 में शुरू होने वाली यात्रा की तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर अभी से शुरू (preparation for Chardham Yatra 2023) हो गई हैं. 2022 की यात्रा में उम्मीद से अधिक भक्तों के पहुंचने से प्रशासन को यात्रा के शुरुआती चरण में कई प्रकार की चुनौतियां का सामना करना पड़ा. ऐसे में प्रशासन 2023 की यात्रा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है और सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करना चाहता है. इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (District Magistrate Mayur Dixit) अभी से यात्रा से जुड़े विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं.
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि अगले साल की यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्ग पर ड्यूटी देने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना अनिवार्य होगा. किसी भी डॉक्टर, पुलिस कर्मी, पीआरडी, सफाई कर्मचारी को ड्यूटी शुरू करने से पहले वहां की विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इस बार की यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं. साथ ही आने वाली यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में और अधिक बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है. ऐसे में अभी से तैयारियों को पुख्ता करने की आवश्यकता है. बीती यात्रा में जो भी खामियां रही हैं, उन्हें दूर करने की बात हुई.
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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सुलभ इंटरनेशनल को आगामी केदारनाथ यात्रा में बेहतर स्वच्छता व्यवस्था बनाने के लिए अभी से रोडमैप तैयार कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिला पंचायत को घोड़े-खच्चरों के संचालन हेतु पंजीकरण, घोड़े-खच्चरों के मालिकों-हॉकरों को जारी किए जाने वाले पहचान पत्र समेत अन्य प्रक्रिया शुरू करने से पहले मुख्य विकास अधिकारी से सहमति लेने के निर्देश दिए. उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी को यात्रा मार्ग पर चिकित्सकों एवं फार्मसिस्टों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए.
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बैठक के दौरान जिलधिकारी से यात्रा के लिए अतिरिक्त स्टाफ एवं कर्मचारी देने की मांग की. जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत, मैक्स एवं संबंधित विभागों को यात्रा मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के संचालन के लिए दुरुस्त व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर सीमित संख्या में घोड़े-खच्चर संचालित हों एवं यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो इसके लिए व्यवहारिक एसओपी तैयार की जाए.