रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे खांकरा के पास तीसरे दिन आवाजाही के लिए खोल दिया गया है. हालांकि जोखिमों के बीच एनएच लोनिवि द्वारा पहाड़ी काटकर हाईवे को हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू किया गया है. इस दौरान भारी बारिश कारण मार्ग खोलने में लोनिवि को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इधर, बुधवार को भी रुद्रप्रयाग और चमोली के लिए दूध, सब्जी और जरूरी सामान की आपूर्ति श्रीनगर सौंराखाल मोटर मार्ग से हुई.
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा के पास बीते रविवार रात चट्टान से मलबा और बोल्डर आने से करीब साठ मीटर हाईवे ध्वस्त हो गया था. इसके बाद वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई थी. इस बीच लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हाईवे के बंद रहने से रुद्रप्रयाग से श्रीनगर जाने और श्रीनगर से रुद्रप्रयाग आने वाले लोग नरकोटा के जंगलों से होकर आवाजाही कर रहे थे. हालांकि यह रास्ता किसी खतरे से कम नहीं है.
वैकल्पिक मार्गों का लिया सहारा
वहीं दूसरी ओर छोटे वाहनों को पुलिस वैकल्पिक मार्गों से भेज रही थी. अपने वाहनों से श्रीनगर जाने वाले लोग रुद्रप्रयाग-जवाड़ी-रौठिया, सेमलता, घेंघड़खाल-चैंरियां-बडियारगढ़-कीर्तिनगर से श्रीनगर जा रहे थे. वहीं ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार जाने वाले लोगों को रुद्रप्रयाग से मयाली-घनसाली-टिहरी और फिर ऋषिकेश भेजा जा रहा था. तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बीच एनएच लोनिवि द्वारा मशीनें लगाकर हाईवे को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है.
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क्षतिग्रस्त स्थान पर लगाया जाएगा पुश्ता
इधर 60 मीटर पुश्ता ध्वस्त होने के कारण पहाड़ी काटकर सड़क बनाने का प्रयास किया गया. बुधवार को भी एनएच द्वारा लगातार सड़क खोलने का प्रयास जारी रहा. मगर बार-बार पहाड़ी से पत्थर आने के कारण कार्य में बाधा पैदा हुई. हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद शाम करीब 5 बजे हाईवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई. हालांकि अभी भी हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है. लोनिवि एनएच श्रीनगर के एई राजेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को शाम से हाईवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी गई है. भारी वाहनों के लिए हाईवे के क्षतिग्रस्त स्थान पर पुश्ता लगाया जाएगा. इसमें कुछ समय लग सकता है.
मरीजों को हुई काफी परेशानी
इधर, हाईवे बंद होने से बुधवार को भी रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी. जबकि कई जरूरतमंद लोगों को हाईवे बंद होने से कई किमी अतिरिक्त दूसरे मार्ग से होकर रुद्रप्रयाग और चमोली जाना पड़ा. बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी परेशानियां उठानी पड़ी. जबकि कई लोग जाम में फंसते हुए सड़क खुलने का इंतजार करते रहे.