रुद्रप्रयाग: 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सुमेरपुर के प्रभावितों ने नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रभावितों ने एक दिवसीय धरना देकर अपना विरोध भी जताया. वहीं प्रभावितों का कहना है कि शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें 26 फरवरी को कंपनी कार्यालय में तालाबंदी के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
बता दें कि तयशुदा कार्यक्रम के तहत रेलवे एवं एनएच प्रभावित संघर्ष समिति के बैनर तले प्रभावित सुमेरपुर में एकत्रित हुए. जिसके बाद प्रभावितों ने रोजगार देने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पहले तो निर्माणदायी कंपनी के खिलाफ हनुमान मंदिर से निर्माण कार्य स्थल तक नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया. इसके बाद कंपनी कार्यालय के सम्मुख धरना भी दिया.
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में डीएम को दिए ज्ञापन में सुमेरपुर में जमीन का सीमांकन, 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने, रेलवे द्वारा प्रभावित रास्तों का पुनर्निर्माण करने, भूमिहीनों को भूमि के स्थान पर गांव में भूमि देने, परियोजना से उत्पन्न धूल का निस्तारण, क्षेत्रीय लोगों के लिए खेल मैदान का निर्माण करने की मांग की गई थी. लेकिन अभी प्रशासन की ओर से इन बिन्दुओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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इसके साथ ही लोगों ने कहा कि यदि 25 फरवरी तक आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्हें मजबूरन 26 फरवरी को कंपनी कार्यालय में तालाबंदी के साथ ही निर्माण कार्य को रोकना पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने भी रेलवे और ऑल वेदर कार्य में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्या से अवगत कराया. साथ ही उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के चलते रोजगार ठप होने से हजारों लोग घरों में खाली बैठे हुए हैं. इनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है. एक ओर सरकार युवाओं का रोजगार से जोड़ने की बात कह रही है, तो वहीं दूसरी ओर रेलवे प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है.