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मरोड़ा गांव में भवनों में दरारे पड़ने से एक दर्जन लोगों ने छोड़े अपने आशियाने - rudraprayag latest news

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन (Rishikesh Karnprayag Rail Line) निर्माण ग्रामीणों के लिए सिर दर्द बन गया है. मकानों से दरार आने पर प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मुआवजे की मांग की है.

Rudraprayag News
भवनों में दरारे पड़ने से एक दर्जन लोगों ने छोड़े अपने आशियाने
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Published : Jan 1, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Jan 1, 2022, 11:45 AM IST

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन (Rishikesh Karnprayag Rail Line) निर्माण से रुद्रप्रयाग जिले का मरोड़ा गांव दहशत में है. टनल में किये जा रहे विस्फोटों के कारण ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. अब तक विस्फोट से एक दर्जन ग्रामीणों के आशियानों में दरारें पड़ने से उन्होंने अपने आशियाने छोड़ दिये हैं, जबकि गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से मवेशियों को भी बेच दिया है. ऐसे में ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट भी गहरा गया है. प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मुआवजे की मांग की है.

रुद्रप्रयाग जिले में रेल लाइन 11 गांवों से होकर गुजर रही है. इन दिनों सभी क्षेत्रों में निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है, लेकिन जिस तरह से कार्यदायी संस्थाओं की ओर से रेल लाइन के लिए बनाई जा रही टनलों पर विस्फोटों का प्रयोग हो रहा है, उससे गांवों का अस्तित्व खतरे में आ गया है. स्थिति यह है कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रानीगढ़ पट्टी के मरोड़ा गांव के घर और गौशालाओं में दरारें पड़ गई हैं. यहां निवास करने वाले 40 परिवारों में एक दर्जन परिवार अपने आवासीय मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ले चुके हैं. दिनोंदिन बिगड़ रहे हालातों के चलते अन्य परिवार भी अपना बोरिया-बिस्तर समटने में जुटे हैं.

मरोड़ा गांव में भवनों में दरारे पड़ने से एक दर्जन लोगों ने छोड़े अपने आशियाने.

पढ़ें- कांग्रेस ने 45 प्रत्याशियों के नाम किए फाइनल, हरीश रावत बोले- मेरा नाम सूची में नहीं

वन पंचायत सरपंच देवी प्रसाद थपलियाल, मातबर सिंह रावत, नरोत्तम सिंह रावत, अरविंद सिंह बुटोला ने बताया कि विकास के नाम पर जिस तरह से निर्माण हो रहा है, वह गांव को ही लील रहा है. यहां सभी आवासीय मकानों से लेकर गौशालाओं और खेतों में दरारें पड़ गई हैं, जो भयावह होती जा रही हैं. कभी भी किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है. गांव के ठीक नीचे से गुजरने वाले रेल लाइन के लिए पिछले कई दिनों से सुरंग निर्माण हो रहा है, जिसमें आए दिन विस्फोट से लोग सहमे हुए हैं. खून-पसीने के मेहनत से संजोईं संपत्तियां दरारों के कभी भी मलबे के ढेर में समा सकती हैं.

पढ़ें-भोजनमाता विवाद: BDC मेंबर सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, सुनीता देवी को मिली नियुक्ति

वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल (Rudraprayag District Magistrate Manuj Goyal) ने कहा कि रेल लाइन निर्माण कार्य से मरोड़ा गांव में नुकसान की सूचना मिलने पर स्थिति का जायजा लिया. रेलवे विकास निगम को जरूरी सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जो परिवार अन्यत्र शरण ले रहे हैं, उन्हें स्थायी व्यवस्था होने तक आरवीएनल किराया देगा.

रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन (Rishikesh Karnprayag Rail Line) निर्माण से रुद्रप्रयाग जिले का मरोड़ा गांव दहशत में है. टनल में किये जा रहे विस्फोटों के कारण ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. अब तक विस्फोट से एक दर्जन ग्रामीणों के आशियानों में दरारें पड़ने से उन्होंने अपने आशियाने छोड़ दिये हैं, जबकि गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से मवेशियों को भी बेच दिया है. ऐसे में ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट भी गहरा गया है. प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मुआवजे की मांग की है.

रुद्रप्रयाग जिले में रेल लाइन 11 गांवों से होकर गुजर रही है. इन दिनों सभी क्षेत्रों में निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है, लेकिन जिस तरह से कार्यदायी संस्थाओं की ओर से रेल लाइन के लिए बनाई जा रही टनलों पर विस्फोटों का प्रयोग हो रहा है, उससे गांवों का अस्तित्व खतरे में आ गया है. स्थिति यह है कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रानीगढ़ पट्टी के मरोड़ा गांव के घर और गौशालाओं में दरारें पड़ गई हैं. यहां निवास करने वाले 40 परिवारों में एक दर्जन परिवार अपने आवासीय मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ले चुके हैं. दिनोंदिन बिगड़ रहे हालातों के चलते अन्य परिवार भी अपना बोरिया-बिस्तर समटने में जुटे हैं.

मरोड़ा गांव में भवनों में दरारे पड़ने से एक दर्जन लोगों ने छोड़े अपने आशियाने.

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वन पंचायत सरपंच देवी प्रसाद थपलियाल, मातबर सिंह रावत, नरोत्तम सिंह रावत, अरविंद सिंह बुटोला ने बताया कि विकास के नाम पर जिस तरह से निर्माण हो रहा है, वह गांव को ही लील रहा है. यहां सभी आवासीय मकानों से लेकर गौशालाओं और खेतों में दरारें पड़ गई हैं, जो भयावह होती जा रही हैं. कभी भी किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है. गांव के ठीक नीचे से गुजरने वाले रेल लाइन के लिए पिछले कई दिनों से सुरंग निर्माण हो रहा है, जिसमें आए दिन विस्फोट से लोग सहमे हुए हैं. खून-पसीने के मेहनत से संजोईं संपत्तियां दरारों के कभी भी मलबे के ढेर में समा सकती हैं.

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वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल (Rudraprayag District Magistrate Manuj Goyal) ने कहा कि रेल लाइन निर्माण कार्य से मरोड़ा गांव में नुकसान की सूचना मिलने पर स्थिति का जायजा लिया. रेलवे विकास निगम को जरूरी सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जो परिवार अन्यत्र शरण ले रहे हैं, उन्हें स्थायी व्यवस्था होने तक आरवीएनल किराया देगा.

Last Updated : Jan 1, 2022, 11:45 AM IST
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