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देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का तीर्थपुरोहितों ने किया विरोध, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी - देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का विरोध ऊखीमठ रुद्रप्रयाग

देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज सहित विभिन्न संगठनों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

shrine board protest rudraprayag updates , श्राइन बोर्ड का विरोध रुद्रप्रयाग न्यूज
देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का विरोध
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Published : Dec 26, 2019, 9:25 PM IST

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज सहित विभिन्न संगठनों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज किया. यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर आन्दोलन को और उग्र करने की चेतावनी भी दी.

देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का विरोध

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तीर्थ पुरोहित समाज, चारधाम महा पंचायत, केदार सभा, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों का दल भारत सेवा आश्रम ऊखीमठ में एकत्रित हुआ. यहां से इन लोगों ने प्रदेश सरकार व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन करते हुए आंदोलनकारियों ने मुख्य बस स्टेशन पर एक सभा का आयोजन भी किया.

यह भी पढ़ें-मसूरी रोप-वे पर मंडरा रहा खतरा, जारी हुआ बंद करने का आदेश

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमारे पूर्वज युगों से चारधाम यात्रा सहित मदमहेश्वर, तुंगनाथ के साथ ही पंच केदार, पंच बदरी तथा पंच प्रयागों की यात्रा व्यवस्था का संचालन करते आ रहे हैं. लेकिन, अब प्रदेश सरकार देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक लाकर तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ धोखा कर रही है.

वक्ताओं ने ये भी कहा कि 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र में देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का कोई जिक्र नहीं था. यदि प्रदेश सरकार देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक की बजाय चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाने का प्रयास करे तो तीर्थाटन एवं पर्यटन व्यवसाय के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि होगी.

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज सहित विभिन्न संगठनों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज किया. यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर आन्दोलन को और उग्र करने की चेतावनी भी दी.

देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का विरोध

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तीर्थ पुरोहित समाज, चारधाम महा पंचायत, केदार सभा, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों का दल भारत सेवा आश्रम ऊखीमठ में एकत्रित हुआ. यहां से इन लोगों ने प्रदेश सरकार व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन करते हुए आंदोलनकारियों ने मुख्य बस स्टेशन पर एक सभा का आयोजन भी किया.

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सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमारे पूर्वज युगों से चारधाम यात्रा सहित मदमहेश्वर, तुंगनाथ के साथ ही पंच केदार, पंच बदरी तथा पंच प्रयागों की यात्रा व्यवस्था का संचालन करते आ रहे हैं. लेकिन, अब प्रदेश सरकार देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक लाकर तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ धोखा कर रही है.

वक्ताओं ने ये भी कहा कि 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र में देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक का कोई जिक्र नहीं था. यदि प्रदेश सरकार देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक की बजाय चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाने का प्रयास करे तो तीर्थाटन एवं पर्यटन व्यवसाय के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि होगी.

Intro:तीर्थ पुरोहितों के हकों के साथ किया जा रहा खिलवाड़
ऊखीमठ में चारधाम श्राइन बोर्ड का विरोध
तीर्थ पुरोहित सहित अन्य संगठनों ने किया प्रदर्शन
प्रदेश सरकार व पर्यटन मंत्री के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
रुद्रप्रयाग। चारधाम श्राइन बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज सहित विभिन्न संगठनों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ में जोरदार प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार का पुतला फंूका और तहसील प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर आन्दोलन को उग्र करने की चेतावनी दी। Body:पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तीर्थ पुरोहित समाज, चारधाम महा पंचायत, केदार सभा, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण ठीक भारत सेवा आश्रम ऊखीमठ में एकत्रित हुए और प्रदेश सरकार व पर्यटन मंत्री के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए तहसील परिसर होते हुए मुख्य बस स्टेशन पर एक सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमारे पूर्वज युगों से चारधाम यात्रा का जिम्मा संभाले हुए हैं और आज प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड का गठन कर स्थानीय तीर्थ पुरोहित समाज व हक-हकूकधारियांे के हकों के साथ धोखा कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार को स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के बजाय चारधाम यात्रा व्यवस्था में लगे हक-हकूकधारियांे को छीनने का प्रयास कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि 2017 में सम्पन हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र में श्राइन बोर्ड गठन का कोई जिक्र नहीं है। कहा कि यदि प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड गठन के बजाय चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाने के प्रयास करे तो तीर्थाटन एवं पर्यटन व्यवसाय के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि होगी। वक्ताओं ने कहा कि यहां का तीर्थ पुरोहित समाज व स्थानीय हक-हकूकधारी प्राचीन काल से धामों सहित मदमहेश्वर, तंुगनाथ के साथ ही पंच केदार, पंच बद्री तथा पंच प्रयागों की यात्रा व्यवस्था का संचालन युगों से करता आ रहा है, मगर आज प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड का गठन कर उनके हकों पर कुठाराघात कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि बोर्ड गठन से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी धाम के तीर्थ पुरोहित समाज से सुझाव नहीं मांगे गये हैं। यदि प्रदेश सरकार द्वारा बोर्ड गठन को वापस नहीं लिया गया तो तीर्थ पुरोहित समाज व स्थानीय हक-हकूकधारियों को उग्र आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य बाजार में प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर तहसील प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर बोर्ड को निरस्त करने की मांग की। Conclusion:

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