रुद्रप्रयागः प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन 18 किमी की पैदल यात्रा कर बाबा के धाम पहुंचने पर भक्तों को निराशा हाथ लग रही है. यहां भक्तों को मंदिर के सभामंडप और गर्भगृह जाने पर पाबंदी लगाई गई है. ऐसे में श्रद्धालु बाबा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं और बिना दर्शन के लौट रहे हैं. जिसे लेकर श्रद्धालुओं के अलावा केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया है.
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड के लोगों के लिए ही केदारनाथ यात्रा खोली गई है. ऐसे में प्रदेशभर के श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारनाथ पहुंच रहे हैं. देवस्थानम् बोर्ड श्रद्धालुों को सिर्फ मंदिर परिसर तक जाने की अनुमति दे रहा है. मंदिर के सभामंडप और गर्भगृह जाने पर रोक है. जबकि, बाबा का त्रिकोणीय आकार वाला लिंग मंदिर के गर्भगृह में विराजमान है. ऐसे में श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं.
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केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि वो 18 किमी की दुर्गम यात्रा करके धाम पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां उन्हे बाबा के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि भोले बाबा के दर्शन कराने की अनुमति दी जाए. वहीं, केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल का कहना है श्रद्धालु दूरस्थ क्षेत्रों से बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन मंदिर के अंदर जाने पर पाबंदी लगाई गई है. दर्शन न होने से श्रद्धालुओं में निराशा है. सरकार को सभामंडप से बाबा के दर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए.
उधर, पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर का कहना है कि पूर्व की भांति इस बार मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति यात्रियों को नहीं दी गई है. कोरोना वायरस को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. यात्रियों को अंदर जाने दिया जाता है तो बीमारी फैलने का डर बना है.