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केदारनाथ पैदल मार्ग पर मुसीबत बने ग्लेशियर प्वाइंट, मॉनसून से पहले ही बढ़ी मुश्किलें

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है. यात्रियों की संख्या में इजाफा होने से पैदल मार्ग के ग्लेशियर प्वाइंट पर जाम लग रहा है. अभी तक जून महीने में पैदल मार्ग पर ग्लेशियर नजर नहीं आते थे, लेकिन इस बार जून में बर्फबारी जारी है. यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ग्लेशियर प्वाइंट पर जवान तैनात किए गए हैं. उधर, इस बार बारिश की वजह से गर्मी के मौसम का एहसास नहीं हो रहा है. बारिश होने से अभी से ही मॉनसून सीजन को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है.

Kedarnath yatra 2023
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ग्लेशियर
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Published : Jun 2, 2023, 4:18 PM IST

Updated : Jun 2, 2023, 5:39 PM IST

केदारनाथ पैदल मार्ग पर मुसीबत बने ग्लेशियर प्वाइंट.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा 2023 को शुरू हुए भले ही एक महीने से ज्यादा का समय हो गया हो, लेकिन पैदल मार्ग पर दिक्कतें कम नहीं हुई है. पैदल मार्ग पर जो ग्लेशियर जोन हैं, वहां पर आए दिन जाम की समस्या पैदा हो रही है. जबकि, घोड़े खच्चरों की लगातार आवाजाही के कारण पैदल चलने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं. हालांकि, यात्रियों की सुरक्षा के लिए मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तैनात हैं.

इस बार जून में भी हो रही बर्फबारीः बीते सालों की बात करें तो जून महीने में केदारनाथ धाम में बर्फ देखने को नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार अभी तक यहां बर्फबारी हो रही है. पैदल मार्ग पर शीतकाल में जगह जगह बने ग्लेशियर अप्रैल और मई महीने तक पिघल जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया है. लगातार बर्फबारी होने के कारण ग्लेशियर अभी भी बने हुए है. इन ग्लेशियरों से होकर ही आवाजाही हो रही है.

ग्लेशियर प्वाइंट से आवाजाही आसान नहींः पैदल मार्ग पर कुबेर और भैरव ग्लेशियर लगातार दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. 3 और 4 मई को जहां इन ग्लेशियरों को टूटने से यात्रा स्थगित रही तो वहीं इन ग्लेशियरों पर अभी भी आवाजाही आसान नहीं है. धाम आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में इन ग्लेशियर वाले स्थानों पर कई बार जाम भी लग रहा है. खासकर घोड़े खच्चरों के कारण जाम की स्थिति पैदा हो रही है और पैदल चलने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं.

Rudraprayag SP Visakha Bhadane
रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे का बयान.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में बर्फबारी का VIDEO देखिए, फिर भी पहुंच रहे बाबा के मतवाले भक्त

ग्लेशियर प्वाइंट पर फिसलन बढ़ीः इन ग्लेशियर जोनों पर घोड़े खच्चर भी फिसल रहे हैं और इनमें सवार यात्री परेशान हो रहे हैं. बर्फ के कठोर होकर जमने के कारण पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि, यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यहां पर हर समय एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं. एसडीआरएफ के जवानों का कहना है कि यात्रियों की संख्या बढ़ने से काफी चुनौतियां आ रही हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ यहां पर मिलकर कार्य कर रहे हैं.

मॉनसून सीजन की तैयारियां शुरूः मॉनसून सीजन शुरू होने में भले ही अभी समय बचा हुआ है, लेकिन रुद्रप्रयाग में मॉनसून सीजन में आने वाली आपदाओं से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. वैसे भी इस बार मॉनसून सीजन से पहले जमकर बादल बरस रहे हैं और आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है. ऐसे में यही कयास लगाए जा सकते हैं कि जब इस समय बारिश के ये हाल हैं तो मॉनसून सीजन में कितनी बारिश होगी और पहाड़ों में हमेशा की तरह तबाही मचेगी?

Rudraprayag DM Mayur Dixit
डीएम मयूर दीक्षित का बयान.

मॉनसून सीजन के तीन महीने बेहद महत्वपूर्णः पहाड़ों के लिए मॉनसून सीजन के जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं. पहाड़ के लोग यही दुआ करते हैं कि बारिश कम हो और सब कुछ सही रहे, लेकिन प्रकृति के आगे किसी की नहीं चल पाती है. मॉनसून सीजन में जमकर बारिश होने से पहाड़ों में प्राकृतिक आपदाओं की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं. जहां इंसान जान गंवाते हैं तो उनका आशियाने भी छिन जाते हैं.

इस बार गर्मी का नहीं हो रहा एहसास, बारिश ने अभी से बढ़ाई चिंताः इस बार पहाड़ों में बादल पहले से ही सक्रिय हैं. गर्मी का कहीं नामो निशान नहीं है. जमकर बारिश हो रही है. ऐसे में मॉनसून सीजन शुरू होने पर क्या स्थिति होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है. रुद्रप्रयाग में एक ओर जहां केदारनाथ यात्रा संचालित हो रही है तो वहीं दूसरी ओर मॉनसून सीजन भी शुरू होने में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में प्रशासन के सामने भी चुनौतियां बढ़ गई है.

केदारनाथ पैदल मार्ग पर मुसीबत बने ग्लेशियर प्वाइंट.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा 2023 को शुरू हुए भले ही एक महीने से ज्यादा का समय हो गया हो, लेकिन पैदल मार्ग पर दिक्कतें कम नहीं हुई है. पैदल मार्ग पर जो ग्लेशियर जोन हैं, वहां पर आए दिन जाम की समस्या पैदा हो रही है. जबकि, घोड़े खच्चरों की लगातार आवाजाही के कारण पैदल चलने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं. हालांकि, यात्रियों की सुरक्षा के लिए मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तैनात हैं.

इस बार जून में भी हो रही बर्फबारीः बीते सालों की बात करें तो जून महीने में केदारनाथ धाम में बर्फ देखने को नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार अभी तक यहां बर्फबारी हो रही है. पैदल मार्ग पर शीतकाल में जगह जगह बने ग्लेशियर अप्रैल और मई महीने तक पिघल जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया है. लगातार बर्फबारी होने के कारण ग्लेशियर अभी भी बने हुए है. इन ग्लेशियरों से होकर ही आवाजाही हो रही है.

ग्लेशियर प्वाइंट से आवाजाही आसान नहींः पैदल मार्ग पर कुबेर और भैरव ग्लेशियर लगातार दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. 3 और 4 मई को जहां इन ग्लेशियरों को टूटने से यात्रा स्थगित रही तो वहीं इन ग्लेशियरों पर अभी भी आवाजाही आसान नहीं है. धाम आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में इन ग्लेशियर वाले स्थानों पर कई बार जाम भी लग रहा है. खासकर घोड़े खच्चरों के कारण जाम की स्थिति पैदा हो रही है और पैदल चलने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं.

Rudraprayag SP Visakha Bhadane
रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे का बयान.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में बर्फबारी का VIDEO देखिए, फिर भी पहुंच रहे बाबा के मतवाले भक्त

ग्लेशियर प्वाइंट पर फिसलन बढ़ीः इन ग्लेशियर जोनों पर घोड़े खच्चर भी फिसल रहे हैं और इनमें सवार यात्री परेशान हो रहे हैं. बर्फ के कठोर होकर जमने के कारण पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि, यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यहां पर हर समय एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं. एसडीआरएफ के जवानों का कहना है कि यात्रियों की संख्या बढ़ने से काफी चुनौतियां आ रही हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ यहां पर मिलकर कार्य कर रहे हैं.

मॉनसून सीजन की तैयारियां शुरूः मॉनसून सीजन शुरू होने में भले ही अभी समय बचा हुआ है, लेकिन रुद्रप्रयाग में मॉनसून सीजन में आने वाली आपदाओं से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. वैसे भी इस बार मॉनसून सीजन से पहले जमकर बादल बरस रहे हैं और आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है. ऐसे में यही कयास लगाए जा सकते हैं कि जब इस समय बारिश के ये हाल हैं तो मॉनसून सीजन में कितनी बारिश होगी और पहाड़ों में हमेशा की तरह तबाही मचेगी?

Rudraprayag DM Mayur Dixit
डीएम मयूर दीक्षित का बयान.

मॉनसून सीजन के तीन महीने बेहद महत्वपूर्णः पहाड़ों के लिए मॉनसून सीजन के जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं. पहाड़ के लोग यही दुआ करते हैं कि बारिश कम हो और सब कुछ सही रहे, लेकिन प्रकृति के आगे किसी की नहीं चल पाती है. मॉनसून सीजन में जमकर बारिश होने से पहाड़ों में प्राकृतिक आपदाओं की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं. जहां इंसान जान गंवाते हैं तो उनका आशियाने भी छिन जाते हैं.

इस बार गर्मी का नहीं हो रहा एहसास, बारिश ने अभी से बढ़ाई चिंताः इस बार पहाड़ों में बादल पहले से ही सक्रिय हैं. गर्मी का कहीं नामो निशान नहीं है. जमकर बारिश हो रही है. ऐसे में मॉनसून सीजन शुरू होने पर क्या स्थिति होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है. रुद्रप्रयाग में एक ओर जहां केदारनाथ यात्रा संचालित हो रही है तो वहीं दूसरी ओर मॉनसून सीजन भी शुरू होने में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में प्रशासन के सामने भी चुनौतियां बढ़ गई है.

Last Updated : Jun 2, 2023, 5:39 PM IST
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