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केदारनाथ में सरकार के दावे की पोल खोलता यात्रियों का दर्द, पढ़ें खबर...

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Published : Jun 6, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 8:11 PM IST

चारधाम यात्रा के कारण लाखों श्रद्धालु यात्रा पर पहुंच रहे हैं. इस यात्रा के दौरान यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन यात्रियों की परेशानियों से प्रशासन की तैयारियों की पोल खुलती दिख रही है.

सरकार के दावे की पोल खोलता यात्रियों का दर्द.

रुद्रप्रयाग: प्रदेश में इन दिनों चार धाम यात्रा जोरों पर है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु चारधाम की यात्रा के लिए देवभूमि पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने का दावा भी कर रहा है, लेकिन इन सुविधाओं के बावजूद भी तीर्थ यात्रियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर तीर्थ यात्रियों को यात्रा के दौरान किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, देखिए ये खास रिपोर्ट.

बदरी-केदार और गंगोत्री-यमुनोत्री में सबसे कठिन यात्रा बाबा केदार की मानी जाती है. व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देना शासन-प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है. इस बार की केदार यात्रा में अनियमितताओं ने शासन प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है. यात्रा मार्गों में आला अधिकारियों के नदारद रहने के कारण पुलिस जवान और प्रशासनिक कर्मचारी अपनी मनमर्जी करते नजर आ रहे हैं. साथ ही यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों से बदसलूकी की भी सूचनाएं मिल रही हैं.

सरकार के दावे की पोल खोलता यात्रियों का दर्द.

यात्रियों की सुविधाओं का विश्लेषण
यात्रा के दौरान रेन शेल्टर न होने के कारण धूप और बारिश में तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है. वीआईपी दर्शन के नाम पर तीर्थयात्रियों से पैसे लूटने के भी लोगों ने आरोप लगाए हैं. प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मंदिर समिति से यह व्यवस्था हटाकर केदारघाटी से संचालित हो रही हेली कंपनियों से ही वीआईपी दर्शन की फीस काटने का निर्णय लिया है. बावजूद इसके लोगों का आरोप है कि पुलिस तीर्थयात्रियों से पैसे लेकर वीआईपी दर्शन करवा रही है.

ये भी पढ़ें: सरकारी नौकरी छोड़ आए थे राजनीति में, बेदाग रहा 'सफेद कुर्ता'

केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव लिनचौली, जंगलचट्टी और भीमबली और रुद्रा प्वॉइंट में पैदल मार्ग पर खतरा बना हुआ है. पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. तीर्थयात्री जहां-तहां गंदगी कर रहे हैं. वहीं, उस गंदगी को कोई साफ करने वाला भी नहीं है.

विशालकाय गड्डा बना तीर्थयात्रियों के डर का कारण
केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग के लिनचौली से कुछ दूरी पर एक विशालकाय गड्डा बना हुआ है, जिसे भरकर न ही ठीक किया गया है और न ही उसके चारों ओर कोई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बर्फबारी और बारिश के कारण क्षतिग्रस्त रेलिंग की जगह नई रैलिंग का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को हमेशा ही जान का खतरा बना रहता है.

यात्रियों से मारपीट कर रहे पुलिस जवान
गौरीकुंड में प्रशासन की ओर से शटल वाहन की व्यवस्था की गई है. केदारनाथ से लौटते समय तीर्थयात्रियों को देरी होने के कारण कुछ तीर्थयात्री गौरीकुंड स्टेशन पर रात काट रहे हैं. लोगों का आरोप है कि गौरीकुंड में शटल वाहन पर मौजूद पुलिस यात्रियों के साथ बदतमीजी से बात कर रहे हैं.

35 किलोमीटर की दूरी में लग रहे 4 घंटे
प्रशासन की व्यवस्थाओं की बात की जाए तो रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक राजमार्ग में कई जगहों पर जाम की स्थिति से यात्री परेशान हैं. घंटों जाम की स्थिति से तीर्थयात्री जूझ रहे हैं. वहीं, यात्रा पड़ाव के रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, चन्द्रापुरी, कुण्ड, बांसबाड़ा, गुप्तकाशी, नाला, शेरसी, फाटा, सीतापुर, सोनप्रयाग सहित अन्य इलाकों में जाम लग रहा है. जाम लगने की इन स्थिति के कारण लोगों ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: देवदूत बने SDRF के जवान, चार ट्रैकर्स सहित 11 लोगों को किया रेस्क्यू

रेन शेल्टर न लगने से तीर्थयात्री धूप और बारिश से परेशान
केदारनाथ यात्रा में मंदाकिनी नदी किनारे लंबी लाइन लगी होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाइन के बीच में किसी यात्री के घुसने पर धक्का-मुक्की जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. साथ ही लाइन में तीर्थयात्री आपस में ही लड़ झगड़ रहे हैं. वहीं, इस लंबी लाइन के साथ ही तीर्थयात्रियों को रेन शेल्टर न होने के कारण धूप और बारिश में परेशान हो रहे हैं.

हेली सेवाओं के लिए 5 हजार की जगह वसूल रहे 12 हजार
केदारनाथ यात्रा में इस बार भी हेली सेवाओं में ब्लैक टिकटिंग के मामले सामने आ रहे हैं. तीर्थयात्रियों को 5000 का टिकट 12 से 15 हजार रुपए में दिया जा रहा है. ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर यात्रियों को ठगा जा रहा है. साथ ही तीर्थयात्री केदारघाटी पहुंचने पर अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.

वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री जा रहे हैं. तीर्थयात्री ज्यादा संख्या में यहां पहुंच रहे हैं, ऐसे में उन्हें जगह-जगह रोका जा रहा है.

प्रशासनिक टीम कर रही है यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारधाम में ग्लेशियर पिघलने से रास्ता कीचड़ में तब्दील हो रहा है. छोटी लिनचौली से केदारधाम तक गदेरों से पानी आ रहा है. सुलभ इंटरनेशनल सफाई व्यवस्था संभाले हुए है. गौरीकुंड से केदारनाथ तक कठिन पैदल ट्रैक होने के कारण प्रशासन की टीम यात्रियों की व्यवस्थाएं जुटाने में लगी हुई है.

रुद्रप्रयाग: प्रदेश में इन दिनों चार धाम यात्रा जोरों पर है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु चारधाम की यात्रा के लिए देवभूमि पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने का दावा भी कर रहा है, लेकिन इन सुविधाओं के बावजूद भी तीर्थ यात्रियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर तीर्थ यात्रियों को यात्रा के दौरान किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, देखिए ये खास रिपोर्ट.

बदरी-केदार और गंगोत्री-यमुनोत्री में सबसे कठिन यात्रा बाबा केदार की मानी जाती है. व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देना शासन-प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है. इस बार की केदार यात्रा में अनियमितताओं ने शासन प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है. यात्रा मार्गों में आला अधिकारियों के नदारद रहने के कारण पुलिस जवान और प्रशासनिक कर्मचारी अपनी मनमर्जी करते नजर आ रहे हैं. साथ ही यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों से बदसलूकी की भी सूचनाएं मिल रही हैं.

सरकार के दावे की पोल खोलता यात्रियों का दर्द.

यात्रियों की सुविधाओं का विश्लेषण
यात्रा के दौरान रेन शेल्टर न होने के कारण धूप और बारिश में तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है. वीआईपी दर्शन के नाम पर तीर्थयात्रियों से पैसे लूटने के भी लोगों ने आरोप लगाए हैं. प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मंदिर समिति से यह व्यवस्था हटाकर केदारघाटी से संचालित हो रही हेली कंपनियों से ही वीआईपी दर्शन की फीस काटने का निर्णय लिया है. बावजूद इसके लोगों का आरोप है कि पुलिस तीर्थयात्रियों से पैसे लेकर वीआईपी दर्शन करवा रही है.

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केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव लिनचौली, जंगलचट्टी और भीमबली और रुद्रा प्वॉइंट में पैदल मार्ग पर खतरा बना हुआ है. पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. तीर्थयात्री जहां-तहां गंदगी कर रहे हैं. वहीं, उस गंदगी को कोई साफ करने वाला भी नहीं है.

विशालकाय गड्डा बना तीर्थयात्रियों के डर का कारण
केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग के लिनचौली से कुछ दूरी पर एक विशालकाय गड्डा बना हुआ है, जिसे भरकर न ही ठीक किया गया है और न ही उसके चारों ओर कोई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बर्फबारी और बारिश के कारण क्षतिग्रस्त रेलिंग की जगह नई रैलिंग का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को हमेशा ही जान का खतरा बना रहता है.

यात्रियों से मारपीट कर रहे पुलिस जवान
गौरीकुंड में प्रशासन की ओर से शटल वाहन की व्यवस्था की गई है. केदारनाथ से लौटते समय तीर्थयात्रियों को देरी होने के कारण कुछ तीर्थयात्री गौरीकुंड स्टेशन पर रात काट रहे हैं. लोगों का आरोप है कि गौरीकुंड में शटल वाहन पर मौजूद पुलिस यात्रियों के साथ बदतमीजी से बात कर रहे हैं.

35 किलोमीटर की दूरी में लग रहे 4 घंटे
प्रशासन की व्यवस्थाओं की बात की जाए तो रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक राजमार्ग में कई जगहों पर जाम की स्थिति से यात्री परेशान हैं. घंटों जाम की स्थिति से तीर्थयात्री जूझ रहे हैं. वहीं, यात्रा पड़ाव के रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, चन्द्रापुरी, कुण्ड, बांसबाड़ा, गुप्तकाशी, नाला, शेरसी, फाटा, सीतापुर, सोनप्रयाग सहित अन्य इलाकों में जाम लग रहा है. जाम लगने की इन स्थिति के कारण लोगों ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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रेन शेल्टर न लगने से तीर्थयात्री धूप और बारिश से परेशान
केदारनाथ यात्रा में मंदाकिनी नदी किनारे लंबी लाइन लगी होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाइन के बीच में किसी यात्री के घुसने पर धक्का-मुक्की जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. साथ ही लाइन में तीर्थयात्री आपस में ही लड़ झगड़ रहे हैं. वहीं, इस लंबी लाइन के साथ ही तीर्थयात्रियों को रेन शेल्टर न होने के कारण धूप और बारिश में परेशान हो रहे हैं.

हेली सेवाओं के लिए 5 हजार की जगह वसूल रहे 12 हजार
केदारनाथ यात्रा में इस बार भी हेली सेवाओं में ब्लैक टिकटिंग के मामले सामने आ रहे हैं. तीर्थयात्रियों को 5000 का टिकट 12 से 15 हजार रुपए में दिया जा रहा है. ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर यात्रियों को ठगा जा रहा है. साथ ही तीर्थयात्री केदारघाटी पहुंचने पर अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.

वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री जा रहे हैं. तीर्थयात्री ज्यादा संख्या में यहां पहुंच रहे हैं, ऐसे में उन्हें जगह-जगह रोका जा रहा है.

प्रशासनिक टीम कर रही है यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारधाम में ग्लेशियर पिघलने से रास्ता कीचड़ में तब्दील हो रहा है. छोटी लिनचौली से केदारधाम तक गदेरों से पानी आ रहा है. सुलभ इंटरनेशनल सफाई व्यवस्था संभाले हुए है. गौरीकुंड से केदारनाथ तक कठिन पैदल ट्रैक होने के कारण प्रशासन की टीम यात्रियों की व्यवस्थाएं जुटाने में लगी हुई है.


खबर विशेष - खबर में वीडीओ भेजे गये हैं।
केदार यात्रा पड़ाव में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, यात्री परेशान  
घंटो धूप में खड़े रहकर श्रद्धालुओं को आ रहे हंै चक्कर
रेन शेल्टर न लगने से तीर्थयात्री धूप और बारिश में परेशान
गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल पड़ाव में गंदगी का अम्बार
फिसलन भरे पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर व यात्री गिरकर हो रहे चोटिल
गौरीकुण्ड में शटल सेवा वाहन स्वामियों की दादागिरी
सोनप्रयाग में खाने और रहने की नहीं है उचित व्यवस्था
गौरीकुंड में सड़क और गौरी माई मंदिर में सो रहे हैं यात्री
सफाई कर्मचारी भीख मांगकर कर रहे गुजारा
हेली कंपनियों की मनमानी से तीर्थयात्री परेशान
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - केदार यात्रा के हाल
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/06 जून 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - उत्तराखण्ड राज्य अतिथि देवो भवः की परम्परा के लिए जाना जाता है, मगर ये वाक्य अब चारधाम यात्रा पड़ावों पर मायने नहीं रखते। देश-विदेश से लाखों की संख्या में चारधामों के लिए तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और उन्हें सुविधाएं देने के वजाय बदसलूखी, गाली-गलौच, मारपीट जैसे कारनामे देखे जा रहे हैं। यात्रियों के साथ पुलिस के जवान मारपीट करने से भी नहीं कतरा रहे हैं। केदारधाम में तीर्थयात्री लम्बी कतार लगाकर दर्शनों का इंतजार कर रहे हैं तो गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल पड़ाव गंदगी से भरा-पड़ा है। थोड़ी सी चूक हुई और सीधे मौत का नजारा नजर आता है। इसके अलावा गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग में यात्रियों की बेकदरी हो रही है। उन्हें रहने और खाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। सही मायनो में इस बार की केदार यात्रा काफी कठिन और दर्दनीय है। पेश है खास रिपोर्ट -
वीओ -1- बद्री-केदार और गंगोत्री-यमुनोत्री में सबसे कठिन यात्रा बाबा केदार की मानी जाती है, लेकिन व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देना शासन-प्रशासन और सरकार का मकसद है। इस बार की केदार यात्रा में न ही सरकार का कोई ध्यान है और ना ही उच्च अधिकारियों का। ऐसे में केदार यात्रा को संभालने वाला कोई नहीं है। अधिकारियों के नदारद रहने से पुलिस जवान व प्रशासन के कर्मचारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों से बदसलूखी की जा रही है, जिससे यात्रा पड़ावो ंमें श्रद्धालुओं को रोते-बिलखते हुए देखा जा सकता है। यात्रा पड़ावों में श्रद्धालुओं की मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। स्वयं तीर्थयात्री व्यवस्था करके स्वास्थ्य केन्द्रों की ओर पहुंच रहे हैं तो उन्हें सही समय पर ईलाज भी नहीं मिल रहा है। केदारनाथ धाम में तीर्थयात्री मंदिर से सरस्वती पुल के ऊपर तक लम्बी कतार में लगकर भगवान भोले के दर्शनों का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच यात्री आपस में लड़-झगड़ रहे हैं, जिन्हें कोई समझाने वाला नहीं है। बुजुर्ग तीर्थयात्री लम्बी कतार में न लगकर जमीन में लेट रहे हैं। रेन शेल्टर न होने से धूप और बारिश में तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है। वीआईपी दर्शन के नाम पर पुलिस के जवान तीर्थयात्रियों से पैंसे लूटने में लगे हैं, जबकि वीआईपी दर्शन को लेकर प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए मंदिर समिति से यह व्यवस्था हटाकर केदारघाटी से संचालित हो रही हेली कंपनियों से ही वीआईपी दर्शन की फीस काटने का निर्णय लिया है, बावजूद इसके पुलिस जवान तीर्थयात्रियों से पैंसे लेकर वीआईपी दर्शन करवा रहे हैं। लम्बी कतार में लगे तीर्थयात्रियो ंसे पुलिस के जवान बदतमीजी से बात कर रहे हैं और उन्हें सही तरीके से जानकारी भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे ही हाल सफाई कर्मचारियों के भी बने हुए हैं। केदारनाथ में सफाई कर्मचारी सफाई व्यवस्था का जिम्मा कम संभाल रहे हैं और यात्रियों से भीख मांगने में लगे हुए हैं। केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव लिनचैली, जंगलचट्टी और भीमबली और रुद्रा प्वाइंट में पैदल मार्ग पर खतरा बना हुआ है। कुल मिलाकर देखा जाय तो यात्रा पड़ावों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। तीर्थयात्री जहां-तहां गंदगी कर रहे हैं और उस गंदगी को कोई साफ करने वाला ही नहीं है।  
विशालकाय गड्डे से बना है डर
केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग के लिनचैली से कुछ दूरी पर एक विशालकाय गड्डा बना है, जिसे भरकर ना ही ठीक किया गया है और ना ही उसके चारों ओर सुरक्षा के कोई इंतजाम है। ऐसे में कब कोई घोड़ा-खच्चर या यात्री ग्लेशियर के अंदर चला जाय, कहा नहीं जा सकता। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। बर्फवारी और बारिश के कारण क्षतिग्रस्त रेलिंग की जगह नई रेलिंगों का निर्माण नहीं किया गया है। यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को हर समय डर बना रहता है।
यात्रियों से मारपीट कर रहे पुलिस जवान
गौरीकुंड में प्रशासन की ओर से शटल वाहन की व्यवस्था की गई है। केदारनाथ से लौटते समय तीर्थयात्रियों को देरी हो रही है। ऐसे में कुछ तीर्थयात्री थक हारकर गौरीकुंड स्टेशन में खुले आसमान के नीचे सो रहे है तो कुछ यात्री गौरा माई मंदिर में रात काट रहे हैं, लेकिन कई यात्री गौरीकुंड से सोनप्रयाग निकल रहे हैं। सोनप्रयाग पहुंचने के लिए उन्हें गौरीकुंड में शटल वाहन पकड़ना है, मगर यहां लगे पुलिस के जवान यात्रियों के साथ बदतमीजी से बात कर रहे हैं। यहां पर प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है। ऐसे में पुलिस के जवान यात्रियों से गाली-गलौच, गंदी-गंदी गालियां बकने के साथ ही मारपीट कर रहे हैं। गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग की दूरी पांच किमी है और रात के समय किराया 40 रूपये लिया जा रहा है। हालत ये हैं कि रात के समय वाहन स्वामी शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं और उन्हें बोलने वाला कोई नहीं है। पुलिस के जवान यात्रियों को धमकाने तक सीमित हैं। वाहन स्वामियों को बोलने तक की उनकी हिम्मत नहीं है, क्योंकि पुलिस जवानों ने अपना हिस्सा वाहन स्वामियों से तय किया हुआ है।
दूरी कम और समय ज्यादा
रुदप्रयाग से सोनप्रयाग तक राजमार्ग में कई जगहों पर जाम की स्थिति से यात्री परेशान हैं। घंटों-घंटो तक जाम की स्थिति से तीर्थयात्री जूझ रहे हैं। यात्रा पड़ाव के रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, चन्द्रापुरी, कुण्ड, बांसबाड़ा, गुप्तकाशी, नाला, शेरसी, फाटा, सीतापुर, सोनप्रयाग सहित अन्य इलाकों में जाम लग रहा है। गौरीकुण्ड से गुप्तकाशी की दूरी मात्र 35 किमी है, लेकिन यहां पहुंचने में पांच से छः घंटे का समय लग रहा है। ये है प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं की हकीकत।
रेन शेल्टर की नहीं है व्यवस्था
केदारनाथ यात्रा में इस बार मंदिर के आगे से लाइन नहीं लगी है, जबकि मंदाकिनी नदी किनारे लाइन लगी है। मंदिर से लगी यह लाइन सीधे सरस्वती पुल के ऊपर तक है, जिसकी दूरी लगभग एक से डेढ़ किमी के दायरे में है। तीर्थयात्री इतनी लम्बी कतार में लगे हुए हैं, जिससे लाइन के बीच में किसी यात्री के घुसने पर धक्का-मुक्की जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। तीर्थयात्री आपस में ही लड़ झगड़ रहे हैं। इसके अलावा कुछ तीर्थयात्री धूप और बारिश में खड़े होकर परेशान हैं। उनकी तबियत बिगड़ रही है। रेन शेल्टर और बैठने की कोई व्यवस्था न होने से यात्री परेशान हैं।
टिकट पांच हजार का और डिमांग 12 हजार की
केदारनाथ यात्रा में इस बार भी हेली सेवाओं में ब्लेक टिकटिंग के मामले सामने आ रहे हैं। तीर्थयात्रियों को पांच हजार का टिकट 12 से 15 हजार में दिया जा रहा है। आॅनलाइन बुकिंग के नाम पर यात्रियों को ठगा जा रहा है। तीर्थयात्री जब केदारघाटी पहुंच रहे हैं तब उन्हें पता चल रहा है कि टिकट पांच हजार की है। ऐसे में वे अपने का ठगा सा महसूस कर रहे हैं और यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे हैं।
बाइट - 1- यात्री
बाइट - 2- यात्री
वहीं मामले में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि सोनप्रयाग और गौरीकुण्ड से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री जा रहे हैं। तीर्थयात्री ज्यादा संख्या में यहां पहुंच रहे हैं, ऐसे में उन्हें जगह-जगह रोका जा रहा है। यात्रा कम होने पर व्यवस्थाएं भी जुटा ली जायेंगी।
बाइट - अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक
इधर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारधाम में ग्लेशियर पिघलने से रास्ता कीचड़ में तब्दील हुआ है। छोटी लिनचैली से केदारधाम तक गदेरों से पानी आ रहा है। सुलभ इंटरनेशनल सफाई व्यवस्था संभाले हुए है। गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक कठिन पैदल ट्रेक है। प्रशासन की टीम यात्रियों को व्यवस्थाएं जुटाने में लगी है। सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ ही अब यात्रा पड़ावों में सेनिटेशिन मजिस्ट्रेट की तैनाती की जायेगी, जिससे यात्रियों को सुविधाएं जुटाई जा सके।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी






Last Updated : Jun 6, 2019, 8:11 PM IST
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