रुद्रप्रयाग: प्रदेश में राजस्व पुलिस (पटवारी) व्यवस्थाएं हमेशा संदेह के घेरे में रहती हैं. हाल ही में अंकिता भंडारी प्रकरण इसका ताजा उदाहरण है. ऐसे एक-दो नहीं, कई मामले सामने आए हैं. इसलिए राजस्व पुलिस व्यवस्था को खत्म करने की मांग इन दिनों सुर्खियों में है. बावजूद राजस्व पुलिस व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाने वाले राजस्व उप निरीक्षक यानी पटवारी को आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा सम्मान दिया जाता है. रुद्रप्रयाग जिले के चोपता क्षेत्र के पटवारी किसी और ही कारण से चर्चाओं में हैं.
दरअसल, बृहस्पतिवार सुबह राजस्व उप निरीक्षक घिमतोली बचन लाल शराब के नशे (Drunk Patwari in Chopta Bazar) में धुत होकर चोपता बाजार में सड़क पर लुढ़कते हुए मिले. देखते ही देखते पटवारी की लुढ़कने वाली तस्वीरें भी वायरल होने लगी. पटवारी के दिन दहाड़े शराब के नशे में धुत होने से प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे मे आ गई.
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मामला रुद्रप्रयाग तहसील के राजस्व क्षेत्र चोपता (Revenue Area Chopta of Rudraprayag Tehsil) का है. इस मामले पर स्थानीय जनता का कहना है कि राजस्व उप निरीक्षक अक्सर नशे में चूर रहते हैं. जिससे उनके कई काम नहीं हो पाते. एक माह पूर्व स्थानीय जनता की शिकायत पर तहसीलदार द्वारा चोपता में निरीक्षण किया गया था.
उन्होंने जनता को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन एक माह बीतने पर भी कुछ नहीं हुआ. इससे स्थानीय जनता में भारी आक्रोश है. मामले में जब तहसीलदार मंजू राजपूत को अवगत कराया गया तो उन्होंन गैर जिम्मेदाराना तरीके से फोन काट दिया.
वहीं, राजकीय कार्यों में लापरवाही बरतने और उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं करने पर राजस्व उप निरीक्षक घिमतोली को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सख्त कार्रवाई करते हुए राजस्व उप निरीक्षक घिमतोली बचन लाल के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी किए.