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पहाड़ की एथलीट बेटी अंकिता ध्यानी ने जीता स्वर्ण, 12 स्वर्ण पदक कर चुकी हैं अपने नाम - एथलीट अंकिता ध्यानी न्यूज

तमिलनाडु में आयोजित नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहाड़ की बेटी अंकिता ध्यानी ने स्वर्ण पदक जीता है. 2018-19 में एथलीट अंकिता ध्यानी ने यूथ फेडरेशन की रांची में आयोजित प्रतियोगिता में 1500 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया था. वहीं इस साल उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित राज्य ओलंपिक में पांच हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया.

एथलीट अंकिता ध्यानी.
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Published : Oct 8, 2019, 9:45 PM IST

रुद्रप्रयाग: जो मंजिलों को पाने की चाहत रखते हैं, वो समन्दर पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पहाड़ की बेटी अंकिता ध्यानी ने. अंकिता ने हाल ही में तमिलनाडु में आयोजित नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है. अपने तीन वर्ष के करियर में अंकिता ने अबतक कई राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में 12 स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं. वर्तमान में वह भारतीय खेल प्राधिकरण भोपाल में प्रशिक्षण ले रही हैं.

मूल रूप से पौड़ी जनपद के जहरीखाल ब्लाक के मेरूड़ा गांव निवासी महिमानंद ध्यानी व लक्ष्मी देवी की बेटी अंकिता ने बचपन से ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने का सपना देखा था. अंकिता ने कक्षा आठ में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. वर्ष 2013-14 में रांची में संपन्न हुए स्कूल गेम्स में अंकिता ने आठ सौ और 1500 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया. हालांकि, इसमें वह चौथे स्थान पर रहीं. 2014-15 और 2015-16 में अंकिता दोबारा नेशनल स्कूल गेम्स तक पहुंची, लेकिन प्रथम तीन में भी स्थान नहीं बना पाई.

पढे़ं- वायु सेना दिवस विशेषः अद्भुत है वायु सेना की ताकत, जानिए कैसे कश्मीर और लद्दाख को दुश्मनों से बचाया

वहीं 2016-17 में अंकिता ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में आयोजित तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया. इसी वर्ष यूथ फेडरेशन की ओर से बड़ोदरा में आयोजित प्रतियोगिता में दोबारा तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया. 2017-18 में अंकिता ने रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में तीन हजार मीटर की दौड़ में द्वितीय स्थान पाया. 2018-19 में ही अंकिता ने यूथ फेडरेशन की रांची में आयोजित प्रतियोगिता में 1500 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया व इसी वर्ष उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित राज्य ओलंपिक में पांच हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया.

इसके साथ ही पुणे में आयोजित खेलो इंडिया प्रतियोगिता में अंकिता ने 1500 व 3000 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया. पुणे में आयोजित इसी प्रतियोगिता में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उसका चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआइ) हॉस्टल भोपाल के लिए हुआ.

रुद्रप्रयाग की प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी एवं अंकिता की कोच महेशी आर्य का कहना है कि अंकिता ने दो साल तक बालिका छात्रावास में उनके अधीन प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उसका लक्ष्य ओलम्पिक में पदक पाना है और वह अपने लक्ष्य के प्रति बेहद समर्पित हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए अंकिता कठोर प्रशिक्षण भी ले रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि भोपाल में उन्हें बेहतर माहौल एवं प्रशिक्षण मिलेगा, जो उसे उसके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा.

रुद्रप्रयाग: जो मंजिलों को पाने की चाहत रखते हैं, वो समन्दर पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पहाड़ की बेटी अंकिता ध्यानी ने. अंकिता ने हाल ही में तमिलनाडु में आयोजित नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है. अपने तीन वर्ष के करियर में अंकिता ने अबतक कई राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में 12 स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं. वर्तमान में वह भारतीय खेल प्राधिकरण भोपाल में प्रशिक्षण ले रही हैं.

मूल रूप से पौड़ी जनपद के जहरीखाल ब्लाक के मेरूड़ा गांव निवासी महिमानंद ध्यानी व लक्ष्मी देवी की बेटी अंकिता ने बचपन से ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने का सपना देखा था. अंकिता ने कक्षा आठ में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. वर्ष 2013-14 में रांची में संपन्न हुए स्कूल गेम्स में अंकिता ने आठ सौ और 1500 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया. हालांकि, इसमें वह चौथे स्थान पर रहीं. 2014-15 और 2015-16 में अंकिता दोबारा नेशनल स्कूल गेम्स तक पहुंची, लेकिन प्रथम तीन में भी स्थान नहीं बना पाई.

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वहीं 2016-17 में अंकिता ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में आयोजित तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया. इसी वर्ष यूथ फेडरेशन की ओर से बड़ोदरा में आयोजित प्रतियोगिता में दोबारा तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया. 2017-18 में अंकिता ने रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में तीन हजार मीटर की दौड़ में द्वितीय स्थान पाया. 2018-19 में ही अंकिता ने यूथ फेडरेशन की रांची में आयोजित प्रतियोगिता में 1500 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया व इसी वर्ष उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित राज्य ओलंपिक में पांच हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया.

इसके साथ ही पुणे में आयोजित खेलो इंडिया प्रतियोगिता में अंकिता ने 1500 व 3000 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया. पुणे में आयोजित इसी प्रतियोगिता में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उसका चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआइ) हॉस्टल भोपाल के लिए हुआ.

रुद्रप्रयाग की प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी एवं अंकिता की कोच महेशी आर्य का कहना है कि अंकिता ने दो साल तक बालिका छात्रावास में उनके अधीन प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उसका लक्ष्य ओलम्पिक में पदक पाना है और वह अपने लक्ष्य के प्रति बेहद समर्पित हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए अंकिता कठोर प्रशिक्षण भी ले रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि भोपाल में उन्हें बेहतर माहौल एवं प्रशिक्षण मिलेगा, जो उसे उसके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा.

Intro:कठोर प्रशिक्षण एवं लगन से लिखा अंकिता ने अपना स्वर्णिम सफर
इस वर्ष आठ स्वर्ण पदक जीतकर अंकिता ने किया जिले और प्रदेश का नाम रोशन
विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में किए 12 स्वर्ण पदक हासिल
वर्तमान में भारतीय खेल प्राधिकरण भोपाल में प्रशिक्षण ले रही हैं अगस्त्यमुनि स्थित एथलेटिक्स बालिका छात्रावास की अंकिता ध्यानी
मूल रूप से पौड़ी जनपद के जहरीखाल ब्लाॅक के मेरूड़ा गांव की निवासी हैं अंकिता
रुद्रप्रयाग- जो मंजिलों को पाने की चाहत रखते हैं वो समुन्दरों पर भी पत्थरों के पुल बना देते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है अगस्त्यमुनि स्थित एथलेटिक्स बालिका छात्रावास की अंकिता ध्यानी ने, जिसने कठोर परिश्रम एवं लगन से वह हासिल किया जो अन्य के लिए केवल सपना होता है। एक छोटे गांव से भोपाल तक का सफर अंकिता के संघर्ष एवं सफलता की कहानी है। वह आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उसने बहुत कम समय में अपनी मेहनत एवं लगन से दिखाया है कि उसका नाम अंकिता यूं ही नहीं है। क्योंकि अंकिता नाम है विजय के प्रतीक का। अपने तीन वर्ष के कैरियर में उसने अभी तक विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में 12 स्वर्ण पदक प्राप्त कर लिए हैं। वर्तमान में वह भारतीय खेल प्राधिकरण भोपाल में प्रशिक्षण ले रही है।Body:मूल रूप से पौड़ी जनपद के जहरीखाल ब्लाॅक के मेरूड़ा गांव निवासी महिमानंद ध्यानी व लक्ष्मी देवी की पुत्री अंकिता ने बचपन से ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने का सपना देखा। अंकिता ने कक्षा आठ में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। वर्ष 2013-14 में रांची में संपन्न हुए स्कूल गेम्स में अंकिता ने आठ सौ व 1500 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया, हालांकि, इसमें वह चैथे स्थान पर रही। 2014-15 और 2015-16 में अंकिता पुनः नेशनल स्कूल गेम्स तक पहुंची, लेकिन प्रथम तीन में स्थान नहीं बना पाई। उसने हार नहीं मानी और अपना अभ्यास जारी रखा। उसकी मेहनत रंग लाई और उसका चयन बालिका एथलेटिक्स छात्रावास अगस्त्यमुनि के लिए हुआ। और यहां उसे साथ मिला कोच महेशी आर्य का। जिन्होंने उसकी प्रतिभा को पहचाना और उसे अपने प्रशिक्षण से और तराशा। यहीं से उसे बड़ी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के अवसर भी मिले। और उसने निराश नहीं किया। वर्ष 2017-18 में प्रशिक्षण के पहले ही वर्ष में उसने विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं के जूनियर वर्ग में तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपने इरादे जता दिए। वर्ष 2018-19 में तो उसने स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा दी। इस वर्ष उसने कुल आठ स्वर्ण पदक जीतकर अपने जिले तथा प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। सत्र के अन्त में पुणे में आयोजित खेलो इंडिया प्रतियोगिता में अंकिता ने अपनी मुख्य दौड़ 1500 व 3000 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया। जो उसके जीवन में मील का पत्थर साबित हुआ। पुणे में आयोजित प्रतियोगिता में अंकिता ध्यानी के उत्कृष्ट खेल ने सबका घ्यान आकर्षित किया और उसका चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) हॉस्टल भोपाल के लिए हुआ। यहां उसके खेल में और निखार आया और उसने अपनी पहली प्रतियोगिता 17 वीं फेडरेशन कप जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, जो कि 24 से 26 सितम्बर 2019 को सम्पन्न हुई, में 5000 मी दौड़ में स्वर्ण एवं 1500 मी दौड़ में रजत पदक हासिल कर उत्तराखण्ड का नाम रोशन कर दिया। Conclusion:रुद्रप्रयाग की प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी एवं अंकिता की कोच सुश्री महेशी आर्य का कहना है कि अंकिता ने दो वर्ष तक बालिका छात्रावास में उनके अधीन प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसका लक्ष्य ओलम्पिक में पदक पाना है और वह अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है और इसके लिए वह कठोर प्रशिक्षण ले रही है। आशा है साई होस्टल भोपाल में उसे बेहतर माहौल एवं प्रशिक्षण मिलेगा जो उसे उसके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा।
फोटो - अपनी कोच महेशी आर्य के साथ अंकिता तथा ट्रैक पर अंकिता
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