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चार दिन में 36 श्रद्धालु पहुंचे केदार धाम, व्यापारी मायूस

12 जून से भगवान केदारनाथ की यात्रा स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोली गई लेकिन चार दिन में सिर्फ 36 श्रद्धालु ही बाबा के दर्शन करने पहुंचे हैं. ऐसे में स्थानीय व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है.

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रुद्रप्रयाग न्यूज
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Published : Jun 15, 2020, 7:25 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 8:16 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम जाने के लिए स्थानीय श्रद्धालुओं को छूट मिलने के बाद भी उनमें कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है. कम संख्या में ही श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. ऐसे में यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है. माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों में भी कोरोना महामारी का भय बना हुआ है, जिस कारण वे केदार यात्रा पर नहीं जा रहे हैं.

कोरोना महमारी के चलते देश में लगे लाॅकडाउन से ढाई माह तक तीर्थ धामों की यात्रा पर रोक लगाई गई है, जिस कारण विभिन्न राज्यों और स्थानीय श्रद्धालु भी केदार बाबा के दर्शनों को नहीं गए. अब केदारनाथ यात्रा को स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है तो उनमें कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है. कम संख्या में ही श्रद्धालु केदार धाम के दर्शनों के लिए जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ यात्रा में छूट मिलने के बाद लगा था कि काफी संख्या में लोग पहुंचेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

केदारनाथ यात्रा में छूट मिलने के बाद भी श्रद्धालुओं में नहीं दिखा रहा उत्साह.

स्थानीय व्यापारियों में मायूसी

12 जून से भगवान केदारनाथ की यात्रा स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोली गई, लेकिन अब तक 36 तीर्थयात्री ही बाबा केदार के दर्शन कर पाए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों में भी कोरोना महामारी का डर काफी बना हुआ है, जिस कारण वे ठंडे इलाके में जाने से कतरा रहे हैं. स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए केदार यात्रा खोले जाने के बाद यात्रा पड़ावों पर रोजगार करने वाले व्यापारियों में आस जगी थी. मगर यात्रियों की संख्या देखकर उनमें भी मायूसी छाई हुई है.

कोरोना संकट में रोजगार ठप

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी एवं व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड अरविंद गोस्वामी ने कहा कि केदारघाटी के लोग छः माह की केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं. छः माह तक केदारनाथ यात्रा में काम करने के बाद सालभर की आमदनी इकट्ठा करते हैं. उन्होंने कहा कि वाहन चालक, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी मजदूर, व्यापारी यात्रा पर निर्भर हैं और इस साल कोरोना महामारी के चलते उनका रोजगार ठप पड़ गया है.

पढ़ें- CORONA: प्रदेश के सभी नागरिकों की होगी स्क्रीनिंग, सीएम ने जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

अब देवस्थानम बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों को केदारनाथ यात्रा पर जाने की अनुमति दी गई है. लेकिन कम संख्या में श्रद्धालुओं के आने से व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है. उन्होंने सरकार से व्यापारियों एवं वाहन चालकों के कर्जे पर ब्याज माफ करने की मांग की है. वहीं, पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि 12 जून से शुरू हुई केदार यात्रा में अब तक 36 यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और निगरानी को लेकर सोनप्रयाग में टीम मौजूद है. इसके अलावा यात्रा पड़ाव के विभिन्न पड़ावों पर पुलिस टीम तैनात है. केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराते हुए बाहर से ही दर्शन करवाये जा रहे हैं. श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भ के दर्शन करने की अनमुति नहीं है.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम जाने के लिए स्थानीय श्रद्धालुओं को छूट मिलने के बाद भी उनमें कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है. कम संख्या में ही श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. ऐसे में यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है. माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों में भी कोरोना महामारी का भय बना हुआ है, जिस कारण वे केदार यात्रा पर नहीं जा रहे हैं.

कोरोना महमारी के चलते देश में लगे लाॅकडाउन से ढाई माह तक तीर्थ धामों की यात्रा पर रोक लगाई गई है, जिस कारण विभिन्न राज्यों और स्थानीय श्रद्धालु भी केदार बाबा के दर्शनों को नहीं गए. अब केदारनाथ यात्रा को स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है तो उनमें कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है. कम संख्या में ही श्रद्धालु केदार धाम के दर्शनों के लिए जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ यात्रा में छूट मिलने के बाद लगा था कि काफी संख्या में लोग पहुंचेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

केदारनाथ यात्रा में छूट मिलने के बाद भी श्रद्धालुओं में नहीं दिखा रहा उत्साह.

स्थानीय व्यापारियों में मायूसी

12 जून से भगवान केदारनाथ की यात्रा स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोली गई, लेकिन अब तक 36 तीर्थयात्री ही बाबा केदार के दर्शन कर पाए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों में भी कोरोना महामारी का डर काफी बना हुआ है, जिस कारण वे ठंडे इलाके में जाने से कतरा रहे हैं. स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए केदार यात्रा खोले जाने के बाद यात्रा पड़ावों पर रोजगार करने वाले व्यापारियों में आस जगी थी. मगर यात्रियों की संख्या देखकर उनमें भी मायूसी छाई हुई है.

कोरोना संकट में रोजगार ठप

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी एवं व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड अरविंद गोस्वामी ने कहा कि केदारघाटी के लोग छः माह की केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं. छः माह तक केदारनाथ यात्रा में काम करने के बाद सालभर की आमदनी इकट्ठा करते हैं. उन्होंने कहा कि वाहन चालक, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी मजदूर, व्यापारी यात्रा पर निर्भर हैं और इस साल कोरोना महामारी के चलते उनका रोजगार ठप पड़ गया है.

पढ़ें- CORONA: प्रदेश के सभी नागरिकों की होगी स्क्रीनिंग, सीएम ने जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

अब देवस्थानम बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों को केदारनाथ यात्रा पर जाने की अनुमति दी गई है. लेकिन कम संख्या में श्रद्धालुओं के आने से व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है. उन्होंने सरकार से व्यापारियों एवं वाहन चालकों के कर्जे पर ब्याज माफ करने की मांग की है. वहीं, पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि 12 जून से शुरू हुई केदार यात्रा में अब तक 36 यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और निगरानी को लेकर सोनप्रयाग में टीम मौजूद है. इसके अलावा यात्रा पड़ाव के विभिन्न पड़ावों पर पुलिस टीम तैनात है. केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराते हुए बाहर से ही दर्शन करवाये जा रहे हैं. श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भ के दर्शन करने की अनमुति नहीं है.

Last Updated : Jun 15, 2020, 8:16 PM IST
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