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मधुगंगा में नदी के कटाव से खतरे की जद में मोटर पुल

मधुगंगा पर बने पुल के निचले हिस्से में कटाव होने से पुल को खतरा बना हुआ है. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मधुगंगा पुल के निचले हिस्से में हो रहे कटाव की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.

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मधुगंगा में नदी के कटाव से खतरे की जद में मोटर पुल
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Published : Jun 30, 2021, 11:50 AM IST

रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग पर जुगासू के निकट मधुगंगा पर बने पुल के निचले हिस्से में कटाव होने से पुल को खतरा बना हुआ है. पुलिस को पीएमजीएसवाई के तहत के तहत बनाया गया है. निचले हिस्से में नदी के कटाव से सुरक्षा दीवार के खिसकने से पुल खतरे की जद में आ गया है. वहीं, जिलाधिकारी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है.

खतरे की जद में पुल

मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों सहित मद्महेश्वर धाम में तैनात देवास्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों का संपर्क तहसील व विकासखंड मुख्यालय से कट सकता है, जबकि क्षेत्र में खाद्यान्न संकट छा सकता है. बता दें कि 18 अगस्त 1998 को मद्महेश्वर घाटी के बुरुवा भेंटी में भारी भूस्खलन होने से जुगासू के निकट मधुगंगा पर बना पैदल पुल मधुगंगा की तेज धाराओं में समा गया था.

मधुगंगा में नदी के कटाव से खतरे की जद में मोटर पुल

पढ़ें-समग्र शिक्षा अभियान के तहत 921 करोड़ का बजट पास, बच्चों को मिलेगी मुफ्त यूनिफार्म

आवाजाही हो सकती है प्रभावित

उसके बाद ऊखीमठ-उनियाणा मोटर मार्ग निर्माण के बाद जुगासू के निकट मधुगंगा पर मोटर पुल का निर्माण किया गया. 16/17 जून 2013 की आपदा में भी पुल खतरे की जद में आ गया था, मगर समय पर मधुगंगा का वेग कम होने के बाद पुल के बुरूवा गांव वाले हिस्से में सुरक्षा दीवारों का निर्माण कर पुल को सुरक्षित किया गया था. विगत दिनों क्षेत्र में हुई लगातार मूसलधार बारिश से मधुगंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण पुल के निचले हिस्से की सुरक्षा दीवार धीर-धीरे खिसकने से पुल को खतरा बना हुआ है.

पढ़ें-हाईकमान ने सीएम तीरथ को दिल्ली बुलाया, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

जानें क्या कह रहे जनप्रतिनिधि

क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर भट्ट ने बताया कि मधुगंगा पर जुगासू में बने पुल के निचले हिस्से में बनी सुरक्षा दीवाले धीरे-धीरे खिसकने से पुल को खतरा बना हुआ है. वहीं, मद्महेश्वर घाटी के राऊलैंक, जग्गी बगवान, बेडूला, उनियाणा, रांसी, गौंडार के ग्रामीण इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं. प्रधान बुरूवा सरोज भट्ट ने बताया कि यदि पुल को खतरा उत्पन्न होता है तो मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों सहित मद्महेश्वर यात्रा पड़ावों व मद्महेश्वर धाम में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है.

मद्महेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि मधुगंगा पर बने पुल की सुरक्षा की दृष्टि से निचले हिस्से में खिसक रही सुरक्षा दीवारों का टीट्रमेंट अनिवार्य है. वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मधुगंगा पुल के निचले हिस्से में हो रहे कटाव की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. जल्द ही यहां पर सुरक्षा के उपायों को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे.

रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग पर जुगासू के निकट मधुगंगा पर बने पुल के निचले हिस्से में कटाव होने से पुल को खतरा बना हुआ है. पुलिस को पीएमजीएसवाई के तहत के तहत बनाया गया है. निचले हिस्से में नदी के कटाव से सुरक्षा दीवार के खिसकने से पुल खतरे की जद में आ गया है. वहीं, जिलाधिकारी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है.

खतरे की जद में पुल

मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों सहित मद्महेश्वर धाम में तैनात देवास्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों का संपर्क तहसील व विकासखंड मुख्यालय से कट सकता है, जबकि क्षेत्र में खाद्यान्न संकट छा सकता है. बता दें कि 18 अगस्त 1998 को मद्महेश्वर घाटी के बुरुवा भेंटी में भारी भूस्खलन होने से जुगासू के निकट मधुगंगा पर बना पैदल पुल मधुगंगा की तेज धाराओं में समा गया था.

मधुगंगा में नदी के कटाव से खतरे की जद में मोटर पुल

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आवाजाही हो सकती है प्रभावित

उसके बाद ऊखीमठ-उनियाणा मोटर मार्ग निर्माण के बाद जुगासू के निकट मधुगंगा पर मोटर पुल का निर्माण किया गया. 16/17 जून 2013 की आपदा में भी पुल खतरे की जद में आ गया था, मगर समय पर मधुगंगा का वेग कम होने के बाद पुल के बुरूवा गांव वाले हिस्से में सुरक्षा दीवारों का निर्माण कर पुल को सुरक्षित किया गया था. विगत दिनों क्षेत्र में हुई लगातार मूसलधार बारिश से मधुगंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण पुल के निचले हिस्से की सुरक्षा दीवार धीर-धीरे खिसकने से पुल को खतरा बना हुआ है.

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जानें क्या कह रहे जनप्रतिनिधि

क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर भट्ट ने बताया कि मधुगंगा पर जुगासू में बने पुल के निचले हिस्से में बनी सुरक्षा दीवाले धीरे-धीरे खिसकने से पुल को खतरा बना हुआ है. वहीं, मद्महेश्वर घाटी के राऊलैंक, जग्गी बगवान, बेडूला, उनियाणा, रांसी, गौंडार के ग्रामीण इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं. प्रधान बुरूवा सरोज भट्ट ने बताया कि यदि पुल को खतरा उत्पन्न होता है तो मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों सहित मद्महेश्वर यात्रा पड़ावों व मद्महेश्वर धाम में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है.

मद्महेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि मधुगंगा पर बने पुल की सुरक्षा की दृष्टि से निचले हिस्से में खिसक रही सुरक्षा दीवारों का टीट्रमेंट अनिवार्य है. वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मधुगंगा पुल के निचले हिस्से में हो रहे कटाव की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. जल्द ही यहां पर सुरक्षा के उपायों को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे.

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